प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 5 वर्ष पूरे, PM मोदी ने लाभार्थियों को दी बधाई

इस योजना को 13 जनवरी 2016 को लागू किया गया था. पूर्वोत्तर राज्यों में 90 प्रतिशत प्रीमियम सहायता भारत सरकार देती है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के 13 जनवरी, 2016 को लॉन्च होने के बाद से अबतक इस योजना के तहत किसानों के 90,000 करोड़ रुपये के दावों का पेमेंट किया गया है. कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भी लगभ्ज्ञग 70 लाख किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया. लाभार्थियों को 8741.30 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.
- News18Hindi
- Last Updated: January 13, 2021, 12:26 PM IST
PM Fasal Bima Yojana: केंद्र सरकार ने देश के किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का लाभ उठाने की अपील की है. इस योजना के 13 जनवरी को पांच साल पूरे हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस मौके पर लाभार्थियों को बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा, 'इस योजना ने कवरेज को बढ़ाया है. जोखिम को कम किया है. करोड़ों किसानों को इससे फायदा पहुंचा है. मैं इस योजना के सभी लाभार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं.'
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने दावा किया है कि 13 जनवरी, 2016 को लॉन्च होने के बाद से अब तक इस योजना के तहत किसानों के 90,000 करोड़ रुपये के दावों का पेमेंट किया गया है. कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया. लाभार्थियों को 8741.30 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.
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सरकार देती है 90 प्रतिशत प्रीमियम
इस योजना को 13 जनवरी 2016 को लागू किया गया था. इसमें किसान के हिस्से के अतिरिक्त प्रीमियम का खर्च राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है. पूर्वोत्तर राज्यों में 90 प्रतिशत प्रीमियम सहायता भारत सरकार देती है. सरकार ने किसानों से आग्रह किया कि वे संकट के समय में आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना का लाभ उठाएं और एक आत्मनिर्भर किसान तैयार करने का समर्थन करें.
बुवाई से कटाई तक का चक्र योजना में शामिल
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, PMFBY के तहत औसत बीमित राशि बढ़ाकर 40,700 रुपये कर दी गई है, जो PMFBY से पहले की योजनाओं के दौरान प्रति हेक्टेयर 15,100 रुपये थी. योजना में बुवाई से पहले चक्र से लेकर कटाई के बाद तक फसल के पूरे चक्र को शामिल किया गया है, जिसमें रोकी गई बुवाई और फसल के बीच में प्रतिकूल परिस्थितियों से होने वाला नुकसान भी शामिल है.
प्राकृतिक आपदाओं में भी मिलेगा कवर
बाढ़, बादल फटने और प्राकृतिक आग जैसे खतरों के कारण होने वाली स्थानीय आपदाओं और कटाई के बाद होने वाले व्यक्तिगत खेतीके स्तर पर नुकसान को शामिल किया गया है. लगातार सुधार लाने के प्रयास के रूप में, इस योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया था, फरवरी 2020 में इसमें सुधार किया गया. राज्यों को बीमा राशि को तर्कसंगत बनाने के लिए लचीलापन भी प्रदान किया गया है, ताकि किसानों द्वारा पर्याप्त लाभ उठाया जा सके.
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साल भर में आते हैं 5.5 करोड़ आवेदन
कृषि मंत्रालय के अनुसार इस योजना में साल भर में 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आते हैं. अब तक योजना के तहत 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है. आधार सीडिंग ने किसान के खातों में सीधे दावा निपटान में तेजी लाने में मदद की है. सरकार के अनुसार कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों को लाभ हुआ. इस दौरान 8741.30 करोड़ रुपये के दावे लाभार्थियों को ट्रांसफर किए गए.
यह योजना फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के होने के 72 घंटों के भीतर किसान के लिए फसल नुकसान की रिपोर्ट करना आसान बनाती है. (PTI इनपुट के साथ)
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने दावा किया है कि 13 जनवरी, 2016 को लॉन्च होने के बाद से अब तक इस योजना के तहत किसानों के 90,000 करोड़ रुपये के दावों का पेमेंट किया गया है. कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया. लाभार्थियों को 8741.30 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.
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An important initiative to secure hardworking farmers from the vagaries of nature, PM Fasal Bima Yojana completes 5 years today. The Yojana has increased coverage, mitigated risk & benefitted crores of farmers. I congratulate all beneficiaries of the scheme: PM Narendra Modi pic.twitter.com/TW5qh6pxSX
— ANI (@ANI) January 13, 2021
सरकार देती है 90 प्रतिशत प्रीमियम
इस योजना को 13 जनवरी 2016 को लागू किया गया था. इसमें किसान के हिस्से के अतिरिक्त प्रीमियम का खर्च राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है. पूर्वोत्तर राज्यों में 90 प्रतिशत प्रीमियम सहायता भारत सरकार देती है. सरकार ने किसानों से आग्रह किया कि वे संकट के समय में आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना का लाभ उठाएं और एक आत्मनिर्भर किसान तैयार करने का समर्थन करें.
बुवाई से कटाई तक का चक्र योजना में शामिल
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, PMFBY के तहत औसत बीमित राशि बढ़ाकर 40,700 रुपये कर दी गई है, जो PMFBY से पहले की योजनाओं के दौरान प्रति हेक्टेयर 15,100 रुपये थी. योजना में बुवाई से पहले चक्र से लेकर कटाई के बाद तक फसल के पूरे चक्र को शामिल किया गया है, जिसमें रोकी गई बुवाई और फसल के बीच में प्रतिकूल परिस्थितियों से होने वाला नुकसान भी शामिल है.
प्राकृतिक आपदाओं में भी मिलेगा कवर
बाढ़, बादल फटने और प्राकृतिक आग जैसे खतरों के कारण होने वाली स्थानीय आपदाओं और कटाई के बाद होने वाले व्यक्तिगत खेतीके स्तर पर नुकसान को शामिल किया गया है. लगातार सुधार लाने के प्रयास के रूप में, इस योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया था, फरवरी 2020 में इसमें सुधार किया गया. राज्यों को बीमा राशि को तर्कसंगत बनाने के लिए लचीलापन भी प्रदान किया गया है, ताकि किसानों द्वारा पर्याप्त लाभ उठाया जा सके.
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साल भर में आते हैं 5.5 करोड़ आवेदन
कृषि मंत्रालय के अनुसार इस योजना में साल भर में 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आते हैं. अब तक योजना के तहत 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है. आधार सीडिंग ने किसान के खातों में सीधे दावा निपटान में तेजी लाने में मदद की है. सरकार के अनुसार कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों को लाभ हुआ. इस दौरान 8741.30 करोड़ रुपये के दावे लाभार्थियों को ट्रांसफर किए गए.
यह योजना फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के होने के 72 घंटों के भीतर किसान के लिए फसल नुकसान की रिपोर्ट करना आसान बनाती है. (PTI इनपुट के साथ)