राज्यसभा में PM मोदी ने मैथिलीशरण गुप्त की कविता से विपक्ष को दिया संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर सदन को संबोधित किया.
PM Modi in Rajya Sabha: पीएम मोदी ने कहा कि वक्त आ गया है कि अब आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें आगे बढ़ना होगा. पीएम मोदी ने कहा गालियों को मेरे खाते में जाने दो लेकिन सुधारों को होने दो.
- News18Hindi
- Last Updated: February 8, 2021, 1:19 PM IST
नई दिल्ली. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी (PM Modi in Rajya Sabha) ने आज राज्य सभा में विपक्षी सांसदों पर अपने अंदाज में जमकर निशाना साधा. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देश अब आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में हर किसी का ध्यान देश के लिए कुछ करने के लिए होना चाहिए. पीएम मोदी ने इस मौके पर मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) की कविता भी पढ़ी. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों से देश का मनोबल न गिराने की अपील की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं जब अवसरों की चर्चा करता हूं तो मुझे मैथिलीशरण गुप्त की कविता याद आती है, जिसमें उन्होंने कहा है, 'अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है, तेरा कर्म क्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखें खोल... ' ये मैथिलीशरण गुप्त ने कहा था. लेकिन मैं सोच रहा था कि इस कालखंड में, 21वीं सदी के आरंभ में अगर उन्हें लिखना होता तो क्या लिखते?"
भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़..
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैथिलीशरण गुप्त की कविता की तर्ज पर पर कहा, 'अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा, हर बंदिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़..'देश का मनोबल नीचा न करने की अपील
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि विरोध करने के लिए कितने मुद्दे है, विरोध करने भी चाहिए. लेकिन ऐसी बातों में ना उलझे जिससे देश का मनोबल नीचा होता है इससे किसी का लाभ नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है. भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है. ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है.
विपक्ष पर तंज
अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा, 'अच्छा होता कि अगर सभी सदस्य राष्ट्रपति जी का भाषण सुन पाते, लेकिन फिर भी राष्ट्रपति जी का अभिभाषण इतना शक्तिशाली था कि लोगों तक पहुंच गया.'

आंदोलन खत्म करने की अपील
पीएम मोदी ने किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने की अपील भी की. उन्होंने कहा, 'आंदोलन करने वालो से कहूंगा कि हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं. बुजुर्गो को आंदोलन में बैठाना ठीक नहीं है. खेती को खुशहाल बनाने के लिए फैसले लेना का समय है. अंधेरे से उजाले की और बढ़ना है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं जब अवसरों की चर्चा करता हूं तो मुझे मैथिलीशरण गुप्त की कविता याद आती है, जिसमें उन्होंने कहा है, 'अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है, तेरा कर्म क्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखें खोल... ' ये मैथिलीशरण गुप्त ने कहा था. लेकिन मैं सोच रहा था कि इस कालखंड में, 21वीं सदी के आरंभ में अगर उन्हें लिखना होता तो क्या लिखते?"
भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़..
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैथिलीशरण गुप्त की कविता की तर्ज पर पर कहा, 'अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा, हर बंदिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़..'देश का मनोबल नीचा न करने की अपील
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि विरोध करने के लिए कितने मुद्दे है, विरोध करने भी चाहिए. लेकिन ऐसी बातों में ना उलझे जिससे देश का मनोबल नीचा होता है इससे किसी का लाभ नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है. भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है. ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है.
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi speaks about TMC MP Derek O'Brien and Congress MP Partap Singh Bajwa who spoke in Rajya Sabha, ahead of his reply to the Motion of Thanks on the President's Address.
(Video Source: Rajya Sabha TV) pic.twitter.com/0Jq60p6Frb— ANI (@ANI) February 8, 2021
विपक्ष पर तंज
अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा, 'अच्छा होता कि अगर सभी सदस्य राष्ट्रपति जी का भाषण सुन पाते, लेकिन फिर भी राष्ट्रपति जी का अभिभाषण इतना शक्तिशाली था कि लोगों तक पहुंच गया.'
आंदोलन खत्म करने की अपील
पीएम मोदी ने किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने की अपील भी की. उन्होंने कहा, 'आंदोलन करने वालो से कहूंगा कि हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं. बुजुर्गो को आंदोलन में बैठाना ठीक नहीं है. खेती को खुशहाल बनाने के लिए फैसले लेना का समय है. अंधेरे से उजाले की और बढ़ना है.'