भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत. (PTI Photo)
कोच्चिः भारतीय नौसेना को आज उसका दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर मिल जाएगा, जो पूरी तरह स्वदेशी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 9ः30 बजे कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में आईएसी विक्रांत को देश की सेवा में समर्पित करेंगे आईएनएस विक्रांत का डिजाइन और निर्माण, सबकुछ भारत में ही हुआ है. पीएम नौसेना के नए फ्लैग का भी आज अनावरण करेंगे जो ब्रिटिश राज की परछाई से दूर होगा. आईएनएस विक्रांत रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास अपने दम पर विमान वाहक पोत बनाने की क्षमता है.
आईएनएस विक्रांत का निर्माण, भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ.साथ 100 से अधिक लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रमों द्वारा आपूर्ति किए गए स्वदेशी उपकरणों और मशीनरी का उपयोग करके किया गया है. इसके जलावतरण के साथ, भारतीय नौसेना के पास सेवा में मौजूद 2 विमानवाहक पोत होंगे. नौसेना के पास पहले से विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य मौजूद है. एयरक्राफ्ट कैरियर यानी विमानवाहक पोत समंदर में चलते.फिरते किले की तरह होते हैं. ये ऐसे लड़ाकू जहाज होते हैं, जो समंदर में एयरबेस की तरह काम करते हैं.
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— IN (@IndiannavyMedia) August 30, 2022
एयरक्राफ्ट कैरियर पर विमानों के उड़ान भरने के लिए और उनके उतरने के लिए लंबा.चौड़ा डेक होता है, जो रनवे का काम करता है. इसके अलावा विमानवाहक पोत पर एयरक्राफ्ट के रखरखाव, उन्हें हथियारों से लैस करने समेत तमाम तरह की सुविधाएं रहती हैं. जमीनी क्षेत्र की हवाई सुरक्षा की जिम्मेदारी इंडियन एयरफोर्स की है, लेकिन हाई सी यानी समुंदर में एयर डिफेंस के लिए जरूरी है कि एयरक्राफ्ट कैरियर हो, ताकि विमानों को बिना किसी रुकावट के लगातार ऑपरेट किया जा सके. आईएनएस विक्रांप पर अलग.अलग तरह के 30 से ज्यादा एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं, जिनमें फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर इत्यादि शामिल हैं.
Countdown begins…#02Sep 22
Commissioning of Indigenous Aircraft Carrier #VikrantA momentous day for the Nation 🇮🇳 & #IndianNavy
‘Pride of our Nation’#AatmaNirbharBharat@PMOIndia @DefenceMinIndia @makeinindia @IndiannavyMedia @cslcochin pic.twitter.com/U10ycJk3ej
— SpokespersonNavy (@indiannavy) September 1, 2022
क्या बातें IAS विक्रांत को बनाती हैं खास?
जहाज में अल्ट्रा-मॉडर्न मेडिकल फैसिलिटीज के साथ पूरा मेडिकल कैंपस है, जिसमें प्रमुख मॉड्यूलर ओटी (ऑपरेशन थिएटर), आपातकालीन मॉड्यूलर ओटी, फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, दंत चिकित्सा परिसर, आइसोलेशन वार्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि शामिल हैं. यह स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) और हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31 और एमएच-60 आर बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों सहित 30 विमानों से युक्त एयर विंग को संचालित करने में सक्षम होगा.
पुराने विक्रांत से नए विक्रांत तक क्या बदला?
भारतीय नौसेना को 1960 में पहली बार विमानवाहक पोत मिला. तब ब्रिटेन से खरीदे गए इस पोत का नाम भी विक्रांत ही था, जो अब रिटायर हो चुका है. नए स्वदेशी विमानवाहक पोत का नाम भी भारतीय नौसेना के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत रखा गया है. भारतीय नौसेना को उसका दूसरा विमानवाहक पोत विराट भी, 1988 में ब्रिटेन से ही खरीदकर दिया गया था. तब दक्षिण पूर्व एशिया के देशों ने भारत की समुद्री महत्वाकांक्षाओं में गैरजरूरी विस्तार का आरोप लगाया था. विराट भी अब रिटायर हो चुका है. नौसेना को करीब एक दशक पहले मिला तीसरा विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य रूस से खरीदा गया था. अब विक्रमादित्य के साथ विक्रांत भी भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा में मुस्तैद रहेगा.
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Tags: Indian navy, Kochi, PM Modi