PM Modi in Varanasi Live Update: पीएम नरेंद्र मोदी ने मार्च 2018 में दिल्ली में आयोजित 'एंड (समाप्त) टीबी' सम्मेलन को संबोधित करते हुए क्षयरोग से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों को निर्धारित समय से पांच वर्ष पूर्व 2025 तक हासिल करने का आह्वान किया था. 'वन वर्ल्ड टीबी समिट' इन लक्ष्यों पर और विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करेगी जहां देश अपने उद्देश्यों की प्राप्ति की ओर बढ़ रहा है.
वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी निकलता है. इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ देश के वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी. वे विश्व क्षयरोग (टीबी) दिवस के मौके पर अपने संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा संयुक्त राष्ट्र समर्थित संगठन ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ द्वारा आयोजित ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित कर रहे थे.
अधिक पढ़ें ...प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज केंद्र में जो सरकार है, यूपी में जो सरकार है वो गरीब की चिंता करने वाली सरकार है, गरीब की सेवा करने वाली सरकार है. आप लोग भले ही प्रधानमंत्री बोले, सरकार बोले, लेकिन मोदी तो खुद को आपका सेवक ही मानता है. 2014 से पहले बैंकों में खाता खोलने में भी पसीने छूट जाते थे, बैंकों से ऋण लेना तो गरीब परिवार सोच भी नहीं सकता था. आज गरीब से गरीब परिवार के पास भी जनधन बैंक खाता है। उसके हक का पैसा… सरकारी मदद आज सीधे बैंक खाते में आती है.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘अब गंगा के दोनों तरफ पर्यावरण से जुड़ा बड़ा अभियान शुरू होने वाला है. सरकार का प्रयास है कि गंगा के दोनों तरफ 5 किमी. के हिस्से में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए. इसके लिए इस वर्ष के बजट में भी ऐलान किए गए हैं. विकास का जो रास्ता हमने चुना है, उसमें सुविधा भी है और संवेदना भी है. इस क्षेत्र में एक चुनौती पीने के पानी की भी रही है. आज यहां पीने के पानी से जुड़ी अनेक परियोजनाओं का लोकापर्ण हुआ है और नई परियोजनाओं पर काम भी शुरू हुआ है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज बनारस की एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में भी बड़ा काम हुआ है. बाबतपुर हवाई अड्डे में आज नए एटीसी टावर का लोकार्पण हुआ है. काशी में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जो काम हो रहे हैं, उनसे भी सुविधाएं बढ़ेंगी और आने-आने के साधन बेहतर हो जाएंगे. काशी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की छोटी-छोटी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही फ्लोटिंग जेट्टी का निर्माण किया जा रहा है.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हर महीने 50 लाख से अधिक लोग बनारस आ रहे हैं. बनारस आने वाले लोग अपने साथ बनारस के हर परिवार के लिए आय के साधन ला रहे हैं. यहां आने वाले पर्यटक रोजगार और स्वरोजगार के साधन बना रहे हैं. रोड हो, पुल हो, रेल हो, एयरपोर्ट हो, कनेक्टिविटी के तमाम नए साधनों ने काशी आना-जाना बहुत आसान कर दिया है, लेकिन अब हमें एक कदम और आगे बढ़ना है. अब जो ये रोप-वे यहां बन रहा है, इससे काशी की सुविधा और आकर्षण दोनों बढ़ेगा.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘काशी के विकास की चर्चा आज पूरे देश और दुनिया में हो रही है. जो भी काशी आ रहा है वो यहां से नई ऊर्जा लेकर जा रहा है. आज काशी में पुरातन और नूतन दोनों स्वरूपों के दर्शन एक साथ हो रहे हैं. मुझे देश-विदेश में मिलने वाले लोग बताते हैं कि वो किस तरह विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण से मंत्रमुग्ध हैं.’
पीएम मोदी ने बनारस के चौतरफा विकास से जुड़े सैकड़ों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास करते हुए कहा, ‘नवरात्रि का पुण्य समय है, आज मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन है. ये मेरा सौभाग्य है इस पावन अवसर पर आज मैं काशी की धरती पर आप सब के बीच हूं. मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से आज बनारस की सुख-समृद्धि में एक और अध्याय जुड़ रहा है, आज यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे का शिलान्यस किया गया है.’
पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत में टीबी के मरीजों की संख्या कम हो रही है. कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर को टीबी मुक्त अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. मैं इस सफलता को प्राप्त करने वाले लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. ‘नया भारत’ अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जाना जाता है. भारत ने open defecation का संकल्प लिया और उसे हासिल करके दिखाया. भारत ने सोलर पावर जनरेशन कैपेसिटी का लक्ष्य भी समय से पूरा करके दिखा दिया.”
पीएम मोदी ने वाराणसी में कहा, ‘भारत अब वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. टीबी खत्म करने का ग्लोबल टारगेट वर्ष 2030 है, लेकिन भारत वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कोई भी टीबी मरीज इलाज से छूटे नहीं, इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम किया. टीबी के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए, उनके ट्रीटमेंट के लिए, हमने उन्हें आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है. टीबी की मुफ्त जांच के लिए हमने देशभर में लैब्स की संख्या बढ़ाई है.’
पीएम मोदी ने कहा, “टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- जनभागीदारी. हमने ‘टीबी मुक्त भारत’ के अभियान से जुड़ने के लिए देश के लोगों से ‘नि-क्षय मित्र’ बनने का आह्वान किया था. इस अभियान के बाद करीब-करीब 10 लाख टीबी मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने अपनाया है, गोद लिया है.”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है. भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है. बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है. जैसे, जनभागीदारी, पोषण के लिए विशेष अभियान, इलाज के लिए नई रणनीति, तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल और अच्छी हेल्थ को बढ़ावा देने वाले फिट इंडिया, खेलो इंडिया और योग जैसे अभियान.’
पीएम मोदी ने कहा, “एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ यानी- ‘पूरा विश्व एक परिवार है’ की भावना में झलकता है. ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को एकीकृत विचार दे रहा है, एकीकृत समाधान दे रहा है.” उन्होंने कहा, “भारत ने G-20 समिट की भी थीम रखी है- ‘One world, one family, one future’! ये थीम एक परिवार के रूप में पूरे विश्व के साझा भविष्य का संकल्प है.”
पीएम मोदी ने कहा, ‘काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी निकलता है. मुझे विश्वास है कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी.’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “मेरे लिए ये बहुत खुशी के बात है कि ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ काशी में हो रही है. सौभाग्य से मैं काशी का सांसद भी हूं. काशी नगरी शाश्वत धरा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है.”
पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में बटन दबाकर भारत में टीबी को खत्म करने के लिए प्रमुख पहलों की शुरुआत की. उन्होंने बटन दबाकर वाराणसी में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला का शिलान्यास किया.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में कहा, ‘उत्तर प्रदेश में देश के 21% टीबी के मरीज पाए जाते रहें हैं. पिछले 5 साल में उत्तर प्रदेश ने जो लक्ष्य प्राप्त किए हैं उनमें 16 लाख 90 हजार रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से अबतक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है.’
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में कहा, ‘2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक दुनिया को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया था. इसी सिलसिले में पीएम मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के संकल्प को आगे बढ़ाया-आज हम इसके करीब हैं.’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘भारत में सालाना 24 लाख टीबी के केस पाए जाते हैं. इनकी जिंदगियों को बचाने का प्रयास करते हुए 2018 में पीएम मोदी ने देश और दुनिया के सामने 2025 के अंत तक भारत को टीबी मुक्त करने की प्रतिबद्धता रखी थी, जबकि पूरे विश्व ने 2030 का लक्ष्य रखा था.’
पीएम नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंच गए हैं. वे थोड़ी देर में यहां ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित करेंगे.
मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा के अनुसार प्रधानमंत्री के हाथों तकरीबन 200 करोड़ के 20 प्रोजेक्ट का लोकार्पण होगा. इसमें एयरपोर्ट पर एटीसी टॉवर, कारखियांव में पैक हाउस का निर्माण, अंतर गृह परिक्रमा पथ, पुलिस लाइन की बैरक और स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं समेत अन्य कार्य शामिल हैं. इसके अलावा पीएम मोदी 1500 करोड़ से ज्यादा की नौ बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे. इसमें अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे, नमामि गंगे से प्रस्तावित भगवानपुर एसटीपी, सिगरा स्टेडियम के फेज 2 और 3 का कार्य, पेयजल स्कीम, भरथरा पीएचसी, एलईडी पैकेट यूनीपोल, फ्लोटिंग जेट्टी व चेंजिंग रूम, सेवापुरी में स्थापित एचपीएल बॉटलिंग प्लांट जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं.
उन्होंने कहा, “मेरे लिए ये बहुत खुशी के बात है कि ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ काशी में हो रही है. सौभाग्य से मैं काशी का सांसद भी हूं.” इससे पहले, पीएम मोदी ने वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ पर आधारित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने बटन दबाकर भारत में टीबी को खत्म करने के लिए प्रमुख पहलों की शुरुआत की. उन्होंने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला का भी शिलान्यास किया.
प्रधानमंत्री ने इस बीमारी को समाप्त करने की दिशा में योगदान के लिए चयनित राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों एवं जिलों को सम्मानित भी किया. पीएम मोदी ने मार्च 2018 में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित ‘एंड (समाप्त) टीबी’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए क्षयरोग से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों को निर्धारित समय से पांच वर्ष पूर्व 2025 तक हासिल करने का आह्वान किया था. ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ इन लक्ष्यों पर और विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करेगी जहां देश अपने उद्देश्यों की प्राप्ति की ओर बढ़ रहा है.