सोमनाथ मंदिर के अध्यक्ष बने प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह ने ट्वीट कर दी बधाई

सोमनाथ मंदिर के दर्शन करते प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह (Photo Credit- Twitter/Amit Shah)
Somnath Mandir Trust: इससे पहले ट्रस्ट के अध्यक्ष राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल थे. गुजरात पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत बने श्री सोमनाथ धार्मिक चैरिटेबल ट्रस्ट में 8 सदस्य होते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 18, 2021, 11:17 PM IST
अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट (Somnath Mandir Trust) का अध्यक्ष बनाया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minsiter Amit Shah) ने ट्वीट के जरिए यह खबर साझा की. अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को बधाई भी दी. गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि- "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बनने पर हृदयपूर्वक बधाई देता हूं. सोमनाथ तीर्थ क्षेत्र के विकास के प्रति मोदी जी का समर्पण अद्भुत रहा है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि मोदी जी की अध्यक्षता में ट्रस्ट, सोमनाथ मंदिर की गरिमा व भव्यता को और बढ़ाएगा."
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया. बैठक में ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी. बैठक में ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने निर्विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुन लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया और टीम सोमनाथ के प्रयासों की सराहना की.
इससे पहले ट्रस्ट के अध्यक्ष राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे. गुजरात पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत बने श्री सोमनाथ धार्मिक चैरिटेबल ट्रस्ट में 8 सदस्य होते हैं. पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व भाजपा दिग्गज एलके आडवाणी और गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव प्रवीण लाहेरी इस ट्रस्ट के सदस्य हैं. वहीं, अंबुजा न्योतिया समूह के हर्षवर्धन न्योतिया और वेरावल से संस्कृत के रिटायर्ड प्रोफेसर जेडी परमार भी ट्रस्ट के गैर राजनीतिक सदस्य हैं.
सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में केंद्र और राज्य सरकारें चार चार सदस्यों को नॉमिनेट करती हैं, जबकि ट्रस्टी मंडल संभावित सदस्यों की एक लिस्ट तैयार करता है और सामान्य रूप से उसी में से सदस्य चुने जाते हैं.
पीएम मोदी इससे पहले अक्टूबर में सोमनाथ मंदिर की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल भी हुए थे.
सोमनाथ मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन किया जाता है. यह मंदिर गुजरात पर्यटन का एक विश्वविख्यात केंद्र है. सोमनाथ मंदिर के प्रांगड़ में रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक एक घंटे का साउंड एंड लाइट शो चलता है. इस शो में सोमनाथ मंदिर के इतिहास का सचित्र वर्णन किया जाता है. सोमनाथ मंदिर को इतिहास में कई बार तोड़ा तथा पुनर्निर्मित किया गया है.

वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण स्वतंत्रता के बाद लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1951 में करवाया और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था. बता दें कि जूनागढ़ रियासत को भारत का हिस्सा बनाने के बाद तत्कालीन भारत के गृहमंत्री सरदार पटेल ने जुलाई 1947 में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का आदेश दिया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया. बैठक में ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी. बैठक में ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने निर्विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुन लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया और टीम सोमनाथ के प्रयासों की सराहना की.
इससे पहले ट्रस्ट के अध्यक्ष राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे. गुजरात पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत बने श्री सोमनाथ धार्मिक चैरिटेबल ट्रस्ट में 8 सदस्य होते हैं. पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व भाजपा दिग्गज एलके आडवाणी और गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव प्रवीण लाहेरी इस ट्रस्ट के सदस्य हैं. वहीं, अंबुजा न्योतिया समूह के हर्षवर्धन न्योतिया और वेरावल से संस्कृत के रिटायर्ड प्रोफेसर जेडी परमार भी ट्रस्ट के गैर राजनीतिक सदस्य हैं.
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बनने पर हृदयपूर्वक बधाई देता हूँ। सोमनाथ तीर्थ क्षेत्र के विकास के प्रति मोदी जी का समर्पण अद्भुत रहा है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि मोदी जी की अध्यक्षता में ट्रस्ट, सोमनाथ मंदिर की गरिमा व भव्यता को और बढ़ाएगा। pic.twitter.com/2uJSqJxyKf— Amit Shah (@AmitShah) January 18, 2021
सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में केंद्र और राज्य सरकारें चार चार सदस्यों को नॉमिनेट करती हैं, जबकि ट्रस्टी मंडल संभावित सदस्यों की एक लिस्ट तैयार करता है और सामान्य रूप से उसी में से सदस्य चुने जाते हैं.
पीएम मोदी इससे पहले अक्टूबर में सोमनाथ मंदिर की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल भी हुए थे.
सोमनाथ मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन किया जाता है. यह मंदिर गुजरात पर्यटन का एक विश्वविख्यात केंद्र है. सोमनाथ मंदिर के प्रांगड़ में रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक एक घंटे का साउंड एंड लाइट शो चलता है. इस शो में सोमनाथ मंदिर के इतिहास का सचित्र वर्णन किया जाता है. सोमनाथ मंदिर को इतिहास में कई बार तोड़ा तथा पुनर्निर्मित किया गया है.
वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण स्वतंत्रता के बाद लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1951 में करवाया और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था. बता दें कि जूनागढ़ रियासत को भारत का हिस्सा बनाने के बाद तत्कालीन भारत के गृहमंत्री सरदार पटेल ने जुलाई 1947 में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का आदेश दिया था.