पीएम मोदी ने त्रिपुरा चुनावों में जीत पर बधाई दी है. (फाइल फोटो/ANI)
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को देशवासियों को संबोधित किया और तीनों कृषि कानून वापस (Farm Laws) लेने का ऐलान किया. अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम (PM Narendra Modi) ने कहा- सभी देशवासियों को इस पावन पर्व पर हार्दिक बधाई. ये सुखद है कि डेढ़ साल बाद करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) फिर से खुल गया है. हमारी सरकार सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाना चाहती है. ना जाने कितनी पीढ़ियां जो सपने देखतीं थीं. भारत आज उन्हें पूरा करने की कोशिश कर रहा है. मैंने किसानों की चुनौतियों को करिब से देखा है इसलिए जब पीएम बना तो किसान कल्याण को प्राथमिकता दी. देश में 100 में से 80 छोटे किसान है. उनके लिए फसल योजना को अधिक प्रभावी बनाया. किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए पुराने नियम बदले. किसानों को मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले इसके लिए अनेक कदम उठाए और हमारी सरकार की उपज की खरीद ने कई साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.’
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘किसान के हित में हमारी सरकार लगातार कदम उठा रही है. सरकार 3 कृषि कानून किसानों (3 Farm Laws) के हित में लेकर आई. किसानों को उनकी मेहनत का उपज की सही कीमत मिले इसके लिए अनेक कदम उठाए हैं. पहले भी कई सरकार ने इस पर मंथन किया था, काफी समय से ये मांग चल रही थी. इस बार भी मंथन हुआ और बिल लेकर आए. देश के कोने कोने से लोगों ने इसका समर्थन किया, उन सभी किसानों का धन्यवाद. किसान कल्याण खासकर छोटे किसान के लिए देशहित के लिए पूरी सत्य निष्ठा समर्पण और नेक नियति से सरकार ये कानून लेकर आई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. एक वर्ग ही विरोध कर रहा था. और ये जानना महत्वपूर्ण था, फिर भी हम खुले मन से समझाते रहे. जिन बिंदुओं पर परेशानी थी, हमने बदलने की भी बात की.’
देशवासियों से क्षमा मांगते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी कि कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए. आज के पर्व पर किसी को भी दोष देने का समय नहीं है. हमने तीनों कृषि कानून को वापस लेने का निर्णय लिया है. हमारी सरकार लगातार किसानों के हित में काम करती रही और करती रहेगी. जो किया किसानों के हित में किया था, जो करूंगा वो भी किसानों हित में करूंगा. आपके और देश के सपने साकार करने के लिए और ज्यादा मेहनत करूंगा.’
इसके बाद प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन – देह सिवा बरु मोहि इहै सुभ करमन ते कबहूं न टरों – से किया, जोकि गुरुगोविंद सिंह की रचना दसम ग्रंथ के चंडी चरितर का एक सबद है.
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