किसान आंदोलन पर बोले PM मोदी, देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क करना होगा

लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि टोल प्लाजा और टेलीकॉम टावर तोड़ना क्या आंदोलनकारियों का काम है? ANI
Farmers Protest: 'आंदोलनजीवी अच्छा बोलते हैं, लेकिन करते नहीं हैं. ये जेंडर इक्विलिटी की बात करते हैं, लेकिन तीन तलाक का विरोध करते हैं. परमाणु संयंत्रों का विरोध करते हैं, तमिलनाडु भुक्तभोगी है. जो कहते हैं, वो करते नहीं हैं. हम अच्छा करना चाहते हैं, तो आंदोलनजीवी विरोध करते हैं. विपक्ष विकास की बात नहीं करता है.'
- News18Hindi
- Last Updated: February 11, 2021, 1:44 PM IST
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को लोकसभा में किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर खुलकर अपनी बात रखी और कहा कि देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क करना होगा. उन्होंने कहा, "किसान आंदोलन पवित्र है, ये मैं मानता हूं. लेकिन, आंदोलन में दंगाइयों की तस्वीरें और नारे कैसे आए. टोल प्लाजा और टेलीकॉम टावर तोड़ना क्या आंदोलनकारियों का काम है? नहीं, ये आंदोलनजीवी ही कर सकते हैं. समय आ गया है कि आंदोलनकारी और आंदोलनजीवियों में फर्क किया जाए. तोड़फोड़ और हिंसा से आंदोलन अपवित्र होता है."
उन्होंने कहा कि 'आंदोलनजीवी अच्छा बोलते हैं, लेकिन करते नहीं हैं. ये जेंडर इक्विलिटी की बात करते हैं, लेकिन तीन तलाक का विरोध करते हैं. परमाणु संयंत्रों का विरोध करते हैं, तमिलनाडु भुक्तभोगी है. जो कहते हैं, वो करते नहीं हैं. हम अच्छा करना चाहते हैं, तो आंदोलनजीवी विरोध करते हैं. विपक्ष विकास की बात नहीं करता है.'
इससे पहले कृषि कानून पर पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार को कोट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "2005 में एपीएमसी मंडी कानून में संशोधन के लिए कदम उठाए गए. डायरेक्ट मार्केटिंग, कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग, प्राइवेट मार्केट, उपभोक्ता फॉर्मर मार्केट्स के लिए नियम 2007 में लागू किए गये. इसके परिणाम स्वरूप राज्य में 24 प्राइवेट मार्केट अस्तित्व में आए." प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "21वीं शताब्दी में हम 18वीं शताब्दी की सोच लेकर कृषि क्षेत्र में सुधार नहीं कर सकते. हमें बदलना होगा. कोई नहीं चाहता कि किसान गरीबी में ही जीवन बिताए और उसे जीने का अधिकार ना मिले. मैं मानता हूं कि किसान को किसी पर निर्भर नहीं होना चाहिए और ये हमारी जिम्मेदारी है.""प्रगति के लिए प्राइवेट सेक्टर जरूरी"
देश के विकास में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "प्रगति के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के साथ प्राइवेट सेक्टर भी बहुत महत्वपूर्ण है. कोई भी सेक्टर ले लीजिए, चाहे वो टेलीकॉम हो या फॉर्मा सेक्टर, हमने प्राइवेट सेक्टर का योगदान देखा है. अगर भारत मानवता की सेवा करने में सक्षम है, तो ये प्राइवेट सेक्टर के कारण ही हो पाया है."
"दादा, अब ज्यादा हो रहा है"
प्रधानमंत्री के संबोधन की शुरुआत में विपक्ष की तरफ से काफी हंगामा देखने को मिला और कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. कांग्रेस पार्टी और विपक्ष के हंगामे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अधीर रंजन जी, अब ज्यादा हो रहा है. मैं आपका सम्मान करता हूं. आपको बंगाल में टीएमसी से ज्यादा पब्लिसिटी मिल जाएगी. चिंता मत करिए. ये अच्छा नहीं लग रहा है. आप क्या कर रहे हैं. बता दें कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बार-बार प्रधानमंत्री के संबोधन के बीच टोकाटाकी कर रहे थे.

प्रधानमंत्री के चेताए जाने पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया. इस पर उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी विभाजित है. भ्रमित है. ये किसी का भला नहीं सकती, ना तो अपना और ना ही दूसरों का. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या होगा."
उन्होंने कहा कि 'आंदोलनजीवी अच्छा बोलते हैं, लेकिन करते नहीं हैं. ये जेंडर इक्विलिटी की बात करते हैं, लेकिन तीन तलाक का विरोध करते हैं. परमाणु संयंत्रों का विरोध करते हैं, तमिलनाडु भुक्तभोगी है. जो कहते हैं, वो करते नहीं हैं. हम अच्छा करना चाहते हैं, तो आंदोलनजीवी विरोध करते हैं. विपक्ष विकास की बात नहीं करता है.'
इससे पहले कृषि कानून पर पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार को कोट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "2005 में एपीएमसी मंडी कानून में संशोधन के लिए कदम उठाए गए. डायरेक्ट मार्केटिंग, कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग, प्राइवेट मार्केट, उपभोक्ता फॉर्मर मार्केट्स के लिए नियम 2007 में लागू किए गये. इसके परिणाम स्वरूप राज्य में 24 प्राइवेट मार्केट अस्तित्व में आए." प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "21वीं शताब्दी में हम 18वीं शताब्दी की सोच लेकर कृषि क्षेत्र में सुधार नहीं कर सकते. हमें बदलना होगा. कोई नहीं चाहता कि किसान गरीबी में ही जीवन बिताए और उसे जीने का अधिकार ना मिले. मैं मानता हूं कि किसान को किसी पर निर्भर नहीं होना चाहिए और ये हमारी जिम्मेदारी है.""प्रगति के लिए प्राइवेट सेक्टर जरूरी"
देश के विकास में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "प्रगति के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के साथ प्राइवेट सेक्टर भी बहुत महत्वपूर्ण है. कोई भी सेक्टर ले लीजिए, चाहे वो टेलीकॉम हो या फॉर्मा सेक्टर, हमने प्राइवेट सेक्टर का योगदान देखा है. अगर भारत मानवता की सेवा करने में सक्षम है, तो ये प्राइवेट सेक्टर के कारण ही हो पाया है."
"दादा, अब ज्यादा हो रहा है"
प्रधानमंत्री के संबोधन की शुरुआत में विपक्ष की तरफ से काफी हंगामा देखने को मिला और कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. कांग्रेस पार्टी और विपक्ष के हंगामे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अधीर रंजन जी, अब ज्यादा हो रहा है. मैं आपका सम्मान करता हूं. आपको बंगाल में टीएमसी से ज्यादा पब्लिसिटी मिल जाएगी. चिंता मत करिए. ये अच्छा नहीं लग रहा है. आप क्या कर रहे हैं. बता दें कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बार-बार प्रधानमंत्री के संबोधन के बीच टोकाटाकी कर रहे थे.
प्रधानमंत्री के चेताए जाने पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया. इस पर उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी विभाजित है. भ्रमित है. ये किसी का भला नहीं सकती, ना तो अपना और ना ही दूसरों का. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या होगा."