होम /न्यूज /राष्ट्र /Opinion: जनस्वास्थ्य के लिए किसी भी खतरे के प्रति हमेशा सचेत रहते हैं PM मोदी

Opinion: जनस्वास्थ्य के लिए किसी भी खतरे के प्रति हमेशा सचेत रहते हैं PM मोदी

कोरोना पर खास ध्यान देने के बाद भी सरकार दूसरे रोगों से बचाव की दिशा में भी लगातार काम कर रही है.( पीएम नरेंद्र मोदी - फाइल फोटो )

कोरोना पर खास ध्यान देने के बाद भी सरकार दूसरे रोगों से बचाव की दिशा में भी लगातार काम कर रही है.( पीएम नरेंद्र मोदी - फाइल फोटो )

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है कि जिन रोगों से सामुदायिक क्षति होती है, उनक ...अधिक पढ़ें

कोरोना की सुगबुगाहट के साथ ही प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों और अधिकारियों को सचेत कर दिया है, लेकिन कोरोना पर ध्यान केंद्रीय करते समय भी उन्होंने दूसरी संक्रामक बीमारियों की अनदेखी नहीं की है. प्रधानमंत्री मोदी 24 मार्च को वाराणसी के दौरे में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित करेंगे. इस शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे. इससे पहले 22 मार्च बुधवार को प्रधानमंत्री ने कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा से निपटने की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक भी की थी.

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है कि जिन रोगों से सामुदायिक क्षति होती है, उनके निराकरण के लिए प्रभावकारी योजनायें बने और उनका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित हो. इसलिए डायबिटीज़ और हृदय सम्बन्धी गंभीर बीमारियों की तुरंत ही पहचान हो, इसके लिए डेढ़ लाख से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में संसाधन पहुंचाए जा रहे हैं. गंभीर बीमारियों के लिए देश में गुणवत्ता और आधुनिक स्वास्थ्य ढांचा महत्वपूर्ण है इसलिए सरकार की कोशिश है कि इन स्वास्थ्य केन्द्रों को इतना सक्षम बनाया जाये कि यहाँ पर ना केवल ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियों की तत्काल जांच हो बल्कि वक्त रहते हैं उनका इलाज भी किया जा सके.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर पोस्ट-बजट वेबिनार में इसी विषय पर बोलते हुए कहा कि “घरों के पास तैयार किए जा रहे इन केन्द्रों में आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य और चिकित्सा की सुविधाओं को छोटे शहरों से लेकर गांव तक पहुंचाया जा रहा है. पिछले कुछ सालों में 260 से अधिक नये मेडिकल कॉलेज खोले गये हैं. आज 2014 की तुलना में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीटें दोगुनी हो गई हैं.“

तकनीकी क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम स्वास्थ्य मंत्रालय के हाथ को और मज़बूत कर रहे हैं. 5G टेक्नोलॉजी के आने के साथ चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी इस तकनीकी का उपयोग किया जाना है. ड्रोन से दवा आपूर्ति और जांच सेवाओं के लिए बड़ी तैयारियां शुरू हुई हैं. कुछ चिकित्सा संस्थानों की ओर से ड्रोन से ऐसी सुविधाओं का ट्रायल भी किया जा चुका है. इसको इस उदहारण से समझते हैं कि मोदी सरकार चारधाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए 3 स्तरीय स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने वाली है जिसमें लाइफ सपोर्ट और आपातकालीन परिवहन के लिए चार धाम राजमार्ग पर एंबुलेंस होगी, आपातकालीन दवाएं ड्रोन के ज़रिए मुहैया करायी जाएंगी और डॉक्टर भी उपलब्ध होंगे.

इसी बीच कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हाल ही में 76 लोगों में कोरोना के XBB1.16 वेरिएंट की पुष्टि हुई है. केरल, महाराष्ट्र और कर्णाटक में सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं. 22 मार्च को हुई उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा करते हुए सभी से कोविड उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने सभी गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी मामलों की प्रयोगशाला निगरानी और परीक्षण बढ़ाने और जीनोम अनुक्रमण में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर भी दिया. प्रधानमंत्री मोदी का प्रयास रहा है कि तयशुदा समय में परिणाम प्राप्त किये जाये. मार्च 2018 में, नई दिल्ली में आयोजित ‘एंड टीबी समिट’ के दौरान, प्रधानमंत्री ने 2025 तक टीबी से संबंधित एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत का आह्वान किया था. और तब से टीबी उन्मूलन के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं.

स्वास्थय क्षेत्र में मोदी सरकार का विजन केवल हेल्थ केयर तक ही सीमित नहीं है. बकौल प्रधानमंत्री मोदी “हम एक कदम आगे बढ़कर वैलनेस के लिए भी काम कर रहे हैं.“ और सरकार की तमाम योजनायें इसी दिशा में कार्यरत लगती है. जैसे गंदगी से होने वली बीमारियों से बचाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान है तो वहीं चूल्हे के धुंए से तरह तरह की बामारियों से महिलाओं को बचाने के लिए उज्ज्वला योजना हो, ये सभी “वेलनेस” की दिशा में काम कर रही हैं. स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम ना केवल देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं बल्कि व्यापार में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. बीते कुछ वर्षो में चिकित्सा उपकरणों में 12 से 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और आने वाले वर्षों में यह बाजार चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा. विशेषज्ञ साल 2025 तक आयुष का बाजार 70 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान जता रहे हैं.

( डिसक्लेमर – लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और ये उनके निजी विचार हैं)

Tags: BJP, Corona, Prime Minister Narendra Modi

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें