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The Vial-India's Vaccine Story: क्यों, कब और कैसे डिसाइड हुआ कि भारत अपनी कोरोना वैक्सीन बनाएगा? PM मोदी ने बताया

‘द वायल-इंडियाज वैक्सीन स्टोरी’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री में कोरोना वैक्सीनेशन के ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सफर के बारे में विस्तार से बात की गई है.

‘द वायल-इंडियाज वैक्सीन स्टोरी’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री में कोरोना वैक्सीनेशन के ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सफर के बारे में विस्तार से बात की गई है.

सरकार ने बिना किसी शर्त के कोरोना वैक्सीन पर रिसर्च के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए. वैज्ञानिकों और वैक्सीन निर्माताओ ...अधिक पढ़ें

कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WH0) से लेकर दुनिया की तमाम प्रभावशाली शख्सियतें इस अनजान शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना कर चुकी हैं. लेकिन इस लड़ाई को जीतने के लिए की गई मेहनत और प्रयासों के बारे में शायद ही किसी को पूरी जानकारी हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्ट्री टीवी18 की डॉक्यूमेंट्री ‘द वायल-इंडियाज वैक्सीन स्टोरी’ में इस मुद्दे पर विस्तृत बातचीत की है. उन्होंने बताया है कि भारत ने कब, कैसे और क्यों तय किया कि उसे दूसरे देशों पर निर्भर रहने की बजाय अपनी खुद की वैक्सीन विकसित करनी चाहिए.

महामारी से बचाव और सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने साझा किया है. उन्होंने कहा, ”सरकार ने बिना किसी शर्त के कोरोना वैक्सीन पर रिसर्च के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए. वैज्ञानिकों और वैक्सीन निर्माताओं पर सकारात्मक परिणाम देने का कोई दबाव नहीं था. पीएम मोदी बस यही चाहते थे कि वे आश्वस्त रहें और अपना अनुसंधान जारी रखें.”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, ”अब हमारे सामने दो रास्ते थे, क्या हम दुनिया का कोई देश वैक्सीन बनाएगा उसका इंतजार करें. या हम भी अपनी जीनोमिक परिस्थितियों का पूरा एनालिसिस करके, अपने देशवासियों को ध्यान में रखकर वैक्सीन डेवलप करेंगे. तभी इसकी सार्थकता होगी. इसलिए हमने वैज्ञानिकों की एक टास्क फोर्स बनाई और तय किया कि हम अपनी वैक्सीन बनाएंगे. उसके लिए जो पूंजी लगेगी लगाएंगे.”

उन्होंने कहा, ”हमने देश के उद्यमियों को प्रेरित किया, उनको विश्‍वास दिलाया कि आप आगे आइए, सरकार आपका हाथ पकड़ेगी, आर्थिक मदद करेगी. भारत को अपनी वैक्सीन बनानी चाहिए और उसके लिए निर्णय प्रक्रियाएं फाइलों की गति से नहीं चल सकती हैं. ये निर्णय प्रक्रियाएं बहुत तेज करनी आवश्यक होती हैं. होल ऑफ द गवर्नमेंट अप्रोच बहुत जरूरी है. तो एक साथ सैकड़ों प्रकार के काम, सैकड़ों प्रकार की समस्याएं, उन सबका सॉल्यूशन और उसके लिए सरकार के अंदर ही बैठे लोगों के विचारों तक सीमित नहीं रहते हुए, सभी स्टेकहोल्डर से बात करना, यह निर्णय हमने किया.”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ”कुछ दिनों में हमें क्लीयर हो गया कि इतने बड़े कैनवास पर हमको काम करना पड़ेगा, इतने बड़े स्केल पर काम करना पड़ेगा. इन पहलुओं पर काम करना पड़ेगा. एक बार साफ हो गया, फिर हमने लोगों को एम्पावर करना शुरू किया. पावर डेलीगेट्स करना शुरू कर दिया. डिसीजन लेने के लिए इनको दिशा दे दी. समय-समय पर स्थितियों का आकलन करते गए, रणनीति बनाते गए और जनता में विश्वास पैदा करके इसमें सफलता पाते गए.”

पीएम ने कहा, ”आज मुझे इस बात का संतोष है कि देश की इतनी बड़ी आबादी को समयसीमा में हम वैक्सीन लगा सके. हमने टेक्‍नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया. एक विश्वास पैदा किया कि हां सिर्फ और सिर्फ जनहित ही है. जब जनता को लगा कि यह उसके हित में है, तो यह जनआंदोलन बन गया. मुझे इस बात का भी बेहद संतोष और गर्व है कि मेरे देश के डाॅक्टरों ने, मेरे देश के अस्पतालों ने, मेरे देश के वैज्ञानिकों ने वह काम करके दिखाया. हमारी स्वदेशी वैक्सीन को लेकर ऐसी एक भी नेगेटिव खबर नहीं आई, जिसके कारण मेरे देश का विश्वास हिल जाए.”

Tags: Corona Pandemic, Coronavirus, Narendra modi

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