गुपकर पर बरसींं स्मृति ईरानी, कहा-शरणार्थियों को नहीं दिया वोटिंग का हक, पीएम मोदी ने दिया

स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं आपसे वोट मांगने आई हूं ताकि आपके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे.
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 (Article 370) की समाप्ति के बाद जिला विकास परिषद (DDC Elections) के चुनाव पहली बड़ी राजनीतिक सरगर्मी हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: December 5, 2020, 11:25 PM IST
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनावों का दौर जारी है. इसी क्रम में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के घगवाल में रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बरसों के संघर्ष के बाद पाकिस्तान से आए रिफ्यूजियों को वोटिंग का अधिकार मिला है. सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिफ्यूजियों के बारे में सोचा. गुपकर गैंग ने कभी नहीं चाहा कि किसी रिफ्यूजी को वोटिंग का अधिकार मिले. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोचा कि पाकिस्तान से आए लोगों को मताधिकार दिया जाना चाहिए. स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपसे वोट मांगने आई हूं ताकि आपके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे. गुपकर गैंग वालों ने कभी आपको मताधिकार देने के बारे में नहीं सोचा. लेकिन, आज वे आपसे वोट मांगने आ रहे हैं.
बता दें कि गुपकर डिक्लरेशन (Peoples Alliance for Gupkar Declaration) के तहत जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पार्टियों एक छाते के तहत आने का फैसला किया है. इस फैसले के लिए मीटिंग गुपकर रोड स्थित फारुख अब्दुल्ला के घर हुई थी, लिहाजा इसे गुपकर डिक्लरेशन का नाम दे दिया गया. गुपकर के तहत पार्टियों ने पहले जिला विकास परिषद का चुनाव ना लड़ने का फैसला किया था, लेकिन बाद उन्होंने चुनाव में हिस्सा लेने का ऐलान किया.
पिछले महीने राज्य चुनाव आयोग ने 20 जिलों में जिला विकास परिषदों के लिए चुनाव और पंचायतों के लिए उपचुनाव की तारीख का ऐलान किया था, राज्य में आठ चरणों में डीडीसी के चुनाव कराए जा रहे हैं. ये चुनाव 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में होंगे. पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त होने के बाद पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि है.
राज्य चुनाव आयोग ने पहली बार पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भी चुनावों में मताधिकार देने ऐलान किया था. राज्य के प्रत्येक जिलों में 14 डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों के साथ पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 280 डीडीसी की पहचान की गई है. डीडीसी का कार्यकाल पांच साल के लिए होगा.
बता दें कि गुपकर डिक्लरेशन (Peoples Alliance for Gupkar Declaration) के तहत जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पार्टियों एक छाते के तहत आने का फैसला किया है. इस फैसले के लिए मीटिंग गुपकर रोड स्थित फारुख अब्दुल्ला के घर हुई थी, लिहाजा इसे गुपकर डिक्लरेशन का नाम दे दिया गया. गुपकर के तहत पार्टियों ने पहले जिला विकास परिषद का चुनाव ना लड़ने का फैसला किया था, लेकिन बाद उन्होंने चुनाव में हिस्सा लेने का ऐलान किया.
पिछले महीने राज्य चुनाव आयोग ने 20 जिलों में जिला विकास परिषदों के लिए चुनाव और पंचायतों के लिए उपचुनाव की तारीख का ऐलान किया था, राज्य में आठ चरणों में डीडीसी के चुनाव कराए जा रहे हैं. ये चुनाव 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में होंगे. पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त होने के बाद पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि है.