मुंबई. प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister Office) ने मंगलवार को बम्बई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) को बताया कि पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) के लिए प्रधानमंत्री के नाम और तस्वीर के साथ-साथ राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक चिन्ह की छवि के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत एक हलफनामे में, पीएमओ में अवर सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (Prime Minister National Relief Fund) में प्रधानमंत्री की तस्वीर, नाम और राष्ट्रीय प्रतीक का भी इस्तेमाल किया गया था.
हलफनामा कांग्रेस कार्यकर्ता विक्रांत चव्हाण की याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है. इस याचिका में ‘पीएम केयर्स फंड’ से प्रधानमंत्री का नाम और तस्वीर हटाने का अनुरोध किया गया है. याचिका में आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की आधिकारिक वेबसाइट से राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक की छवियों को हटाने का भी अनुरोध किया गया है.
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पीएमओ ने हलफनामे में कहा, ‘‘पीएम केयर्स फंड और पीएमएनआरएफ दोनों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. जैसा कि नाम के रूप में, प्रधानमंत्री की तस्वीर और राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग पीएमएनआरएफ के लिए किया जा रहा है, इनका इस्तेमाल पीएम केयर्स फंड के लिए भी किया जा रहा है.’’
हलफनामे में कही गई ये बातें
हलफनामे के अनुसार, प्रधानमंत्री पीएम केयर्स फंड के अध्यक्ष (पदेन) होते हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री पदेन न्यासी होते हैं. पीएमओ के हलफनामे में कहा गया है, ‘‘पीएम केयर्स फंड के सभी न्यासी नि:स्वार्थ भाव से कार्य करते हैं.’’ ह़फलनामे में चव्हाण की याचिका खारिज किये जाने का अनुरोध किया गया है. पीठ ने मंगलवार को तीन सप्ताह के बाद मामले को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
गौरतलब है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल या किसी अन्य प्रकार की आपात स्थिति या आपदा में राहत देने के लिए 27 मार्च, 2020 को एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पीएम केयर्स फंड की स्थापना की गई थी.
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