PM मोदी के 'आंदोलनजीवी' शब्द का इस्तेमाल करने पर चिढ़े प्रशांत भूषण, जानें क्या बोले थे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर सदन को संबोधित किया.
PM Modi reply in Rajyasabha: राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंदोलनजीवी शब्द का इस्तेमाल करने को जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने किसानों का अपमान बताया है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 8, 2021, 6:16 PM IST
नई दिल्ली. जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बयान को किसानों को नीचा दिखाने का प्रयास करार दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए आंदोलनजीवी शब्द का इस्तेमाल किया था. इसे लेकर ही प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा है कि हमारे किसानों को नीचा दिखाने के लिए आंदोलनजीवी शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है. भूषण ने ट्वीट किया कि-
जो कल तक कहते थे, "मैंने अपना राजनीतिक करियर आंदोलन करके बनाया है", वह आज हमारे किसानों को नीचा दिखाने के लिए 'आंदोलन जीव' कह रहे हैं!
प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में कहा कि पिछले कुछ समय से इस देश में ''आंदोलनजीवियों'' की एक नई जमात पैदा हुई है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकती. पीएम मोदी ने कहा, 'देश श्रमजीवी और बुद्धिजीवी जैसे शब्दों से वाकिफ है लेकिन पिछले कुछ समय से देश में एक नई जमात पैदा हुई है, वह है आंदोलनजीवी. उन्होंने कहा कि वकीलों का आंदोलन हो, छात्रों का आंदोलन हो, या फिर मजदूरों का. ये हर जगह नजर आ जाएंगे. कभी पर्दे के पीछे तो कभी पर्दे के आगे. ये पूरी टोली है, जो आंदोलन जीवी है.'

पीएम मोदी ने कहा, 'ये टोली ऐसी है जो आंदोलन के बगैर जी नहीं सकती है और ये आंदोलन के जरिए जीने के लिए रास्ते खोजते हैं. हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा. ये हर जगह पहुंचकर गुमराह करते हैं.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये (आंदोलनजीवी) लोग खुद आंदोलन नहीं चला सकते हैं, लेकिन किसी का आंदोलन चल रहा हो तो वहां पहुंच जाते हैं. ये आंदोलनजीवी ही परजीवी हैं, जो हर जगह मिलते हैं.ये भी पढ़ें- PM मोदी ने गुलाब नबी आजाद की तारीफ कर ली कांग्रेस की चुटकी, कहा- G-23 की बातें माने पार्टी
पीएम मोदी ने कहा कि हम आंदोलन से जुड़े लोगों से लगातार प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है लेकिन बुजुर्ग भी वहां बैठे हैं. उन्हें ले जाइये, आंदोलन खत्म करिए. आगे मिल बैठकर चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सब हमने कहा है और आज भी मैं इस सदन के माध्यम से बातचीत के लिए निमंत्रण देता हूं.

पीएम मोदी ने अंतराराष्ट्रीय साजिश की बात करते हुए कहा कि एक नया FDI मैदान में आया है. फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी (Foreign destructive ideology) से देश को बचाने की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत किसी सरकार नहीं बल्कि देश का आंदोलन है.

प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में कहा कि पिछले कुछ समय से इस देश में ''आंदोलनजीवियों'' की एक नई जमात पैदा हुई है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकती. पीएम मोदी ने कहा, 'देश श्रमजीवी और बुद्धिजीवी जैसे शब्दों से वाकिफ है लेकिन पिछले कुछ समय से देश में एक नई जमात पैदा हुई है, वह है आंदोलनजीवी. उन्होंने कहा कि वकीलों का आंदोलन हो, छात्रों का आंदोलन हो, या फिर मजदूरों का. ये हर जगह नजर आ जाएंगे. कभी पर्दे के पीछे तो कभी पर्दे के आगे. ये पूरी टोली है, जो आंदोलन जीवी है.'

प्रशांत भूषण ने किया ये ट्वीट
पीएम मोदी ने कहा, 'ये टोली ऐसी है जो आंदोलन के बगैर जी नहीं सकती है और ये आंदोलन के जरिए जीने के लिए रास्ते खोजते हैं. हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा. ये हर जगह पहुंचकर गुमराह करते हैं.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये (आंदोलनजीवी) लोग खुद आंदोलन नहीं चला सकते हैं, लेकिन किसी का आंदोलन चल रहा हो तो वहां पहुंच जाते हैं. ये आंदोलनजीवी ही परजीवी हैं, जो हर जगह मिलते हैं.ये भी पढ़ें- PM मोदी ने गुलाब नबी आजाद की तारीफ कर ली कांग्रेस की चुटकी, कहा- G-23 की बातें माने पार्टी
पीएम मोदी ने कहा कि हम आंदोलन से जुड़े लोगों से लगातार प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है लेकिन बुजुर्ग भी वहां बैठे हैं. उन्हें ले जाइये, आंदोलन खत्म करिए. आगे मिल बैठकर चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सब हमने कहा है और आज भी मैं इस सदन के माध्यम से बातचीत के लिए निमंत्रण देता हूं.
पीएम मोदी ने अंतराराष्ट्रीय साजिश की बात करते हुए कहा कि एक नया FDI मैदान में आया है. फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी (Foreign destructive ideology) से देश को बचाने की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत किसी सरकार नहीं बल्कि देश का आंदोलन है.