चुनाव से पहले फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ प्रशांत किशोर, बतौर सैलरी लेंगे सिर्फ 1 रुपये

प्रशांत किशोर को पंजाब सरकार में कैबिनटे मंत्री का दर्जा दिया गया है
Punjab Elections: पंजाब सरकार की ओर से बताया गया कि पंजाब कैबिनेट ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की नियुक्ति को मंजूरी दी और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया.
- News18Hindi
- Last Updated: March 2, 2021, 12:23 PM IST
चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab CM Captain Amarinder Singh) ने कहा है कि उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) को अपने प्रमुख सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम पंजाब के लोगों के हित के लिए हम साथ कर रहे हैं. पंजाब सरकार की ओर से बताया गया कि पंजाब कैबिनेट ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया.
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया ''यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रशांत किशोर मुख्य सलाहाकार के तौर पर मेरे साथ जुड़ गए हैं. पंजाब के लोगों की बेहतरी के लिए साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं. '' किशोर ने वर्ष 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी. वर्तमान में किशोर की कंपनी, इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ( आई-पीएसी) पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मदद कर रही है. किशोर ने वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान की कमान संभाली थी.
सैलरी 1 रुपये लेकिन जानिए क्या-क्या मिलेंगी सरकारी सुविधाएंपंजाब सरकार की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि प्रशांत किशोर अपनी सैलरी के तौर पर सिर्फ एक रुपया लेंगे. इसके अलावा उन्हें प्राइवेट सेक्रेटरी, पर्सनल असिस्टेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, एक क्लर्क और दो पिओन दिए जाएंगे. इसके अलावा किशोर को राज्य ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की ओर से वाहन मुहैया कराया जाएगा. इसके अलावा उनके आतिथ्य के लिए प्रति माह 5000 रुपये खर्च किए जाएंगे.

2017 में कैप्टन ने जीती थीं 77 सीटें
कांग्रेस का 2017 का विधानसभा चुनाव अभियान प्रशांत किशोर ने निर्धारित किया था. चुनाव अमरिंदर सिंह की छवि को सामने रखकर लड़ा गया था. पार्टी ने 117 सीटों वाली विधानसभा में 77 सीटें जीती थी और अमरिंदर ने पूरी सफलता का श्रेय किशोर को दिया था.अमरिंदर के समर्थकों ने उनके दोबारा चुनाव लड़ने की अपनी मंशा दोहराई है, हालांकि उन्होंने शुरू में 2017 के चुनावों को अपना आखिरी चुनाव बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपने पार्टी के सहयोगियों के समझाने पर विचार बदल लिया था. इसलिए यह तय है कि अमरिंदर के साथ इस चुनाव अभियान का नेतृत्व होना है. बताया जा रहा है कि वह चाहते हैं कि किशोर द्वारा 2017 की रणनीति दोहराई जाए.

गौरतलब है कि बीते साल 2022 के चुनाव के लिए प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने से साफ इन्कार कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दोहते निर्वाण सिहं प्रशांत किशोर से मिलने दिल्ली भी गए पहुंचे थे. इस मुलाकात के लिए निर्वाण को दो घंटे इंतजार करना पड़ा था. मिलने पर प्रशांत किशोर ने कैप्टन का अनुरोध अस्वीकार कर दिया. हालांकि लॉकडाउन के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रशांत किशोर को अपना 'पारिवारिक सदस्य' बताया था. उन्होंने कहा था, 'किशोर मेरे परिवार का हिस्सा हैं. हम लंबे समय से एक साथ हैं. कैप्टन ने कहा था कि एक मुलाकात के दौरान प्रशांत ने कांग्रेस के लिए काम करने की दिलचस्पी दिखाई थी. कांग्रेस के 80 में से 55 विधायक चाहते हैं कि प्रशांत कांग्रेस के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालें. (विक्रांत यादव के इनपुट के साथ)
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया ''यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रशांत किशोर मुख्य सलाहाकार के तौर पर मेरे साथ जुड़ गए हैं. पंजाब के लोगों की बेहतरी के लिए साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं. '' किशोर ने वर्ष 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी. वर्तमान में किशोर की कंपनी, इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ( आई-पीएसी) पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मदद कर रही है. किशोर ने वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान की कमान संभाली थी.


पंजाब सरकार का आदेश
2017 में कैप्टन ने जीती थीं 77 सीटें
कांग्रेस का 2017 का विधानसभा चुनाव अभियान प्रशांत किशोर ने निर्धारित किया था. चुनाव अमरिंदर सिंह की छवि को सामने रखकर लड़ा गया था. पार्टी ने 117 सीटों वाली विधानसभा में 77 सीटें जीती थी और अमरिंदर ने पूरी सफलता का श्रेय किशोर को दिया था.अमरिंदर के समर्थकों ने उनके दोबारा चुनाव लड़ने की अपनी मंशा दोहराई है, हालांकि उन्होंने शुरू में 2017 के चुनावों को अपना आखिरी चुनाव बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपने पार्टी के सहयोगियों के समझाने पर विचार बदल लिया था. इसलिए यह तय है कि अमरिंदर के साथ इस चुनाव अभियान का नेतृत्व होना है. बताया जा रहा है कि वह चाहते हैं कि किशोर द्वारा 2017 की रणनीति दोहराई जाए.
गौरतलब है कि बीते साल 2022 के चुनाव के लिए प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने से साफ इन्कार कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दोहते निर्वाण सिहं प्रशांत किशोर से मिलने दिल्ली भी गए पहुंचे थे. इस मुलाकात के लिए निर्वाण को दो घंटे इंतजार करना पड़ा था. मिलने पर प्रशांत किशोर ने कैप्टन का अनुरोध अस्वीकार कर दिया. हालांकि लॉकडाउन के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रशांत किशोर को अपना 'पारिवारिक सदस्य' बताया था. उन्होंने कहा था, 'किशोर मेरे परिवार का हिस्सा हैं. हम लंबे समय से एक साथ हैं. कैप्टन ने कहा था कि एक मुलाकात के दौरान प्रशांत ने कांग्रेस के लिए काम करने की दिलचस्पी दिखाई थी. कांग्रेस के 80 में से 55 विधायक चाहते हैं कि प्रशांत कांग्रेस के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालें. (विक्रांत यादव के इनपुट के साथ)