नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने मंगलवार को 1971 के एक ऐसे जांबाज को पद्म पुरस्कार (Padma Awards) से सम्मानित किया जिसके खिलाफ पाकिस्तान डेथ वॉरंट जारी कर चुका है. राष्ट्रपति ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नायक और पाकिस्तानी सेना में कर्नल रह चुके काजी सज्जाद अली जहीर को पद्म श्री से नवाजा. 1971 के युद्ध की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रह चुके मुअज्जम अली को भी इस सम्मान से अलंकृत किया गया.
कर्नल जहीर ने पाकिस्तानी सेना के कई खुफिया दस्तावेजों को भारत को सौंपा था. साथ ही उन्होंने बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के हजारों लड़ाकों को सैन्य प्रशिक्षण भी दिया था. यही कारण था कि पाकिस्तान ने उनके खिलाफ डेथ वॉरंट तक जारी कर दिया था. काजी सज्जाद अली जहीर उस समय पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से भाग आए थे जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया था. इस दौरान उनकी मां और बहन को भी निशाना बनाने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने किसी तरह सुरक्षित जगह पर पहुंचकर अपनी जान बचाई.
ऐसा था पाकिस्तान का हाल
कर्नल जहीर पाकिस्तानी सेना की 14 पैार ब्रिगेड स्पेशल फोर्सेस में थे. वह आम जवानों से काफी अलग थे. उस समय पाकिस्तानी सेना बगावत के डर से पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर पैनी नजर रखती थी. हालात बिगड़ने की शुरुआत के बाद पाकिस्तान की ISI और आतंरिक खुफिया एजेंसियों ने जांच भी तेज कर दी. आखिरकार इन लोगों ने अपनी मात्रभूमि और अपने लोगों की रक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना से बगावत कर दी. इसमें कर्नल जहीर भी शामिल थे.
बांग्लादेश में पाकिस्तान के बढ़ते अत्याचारों के बाद वह पाकिस्तानी सेना से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को लेकर आए और उसे भारतीय सेना को सौंप दिया.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Bangladesh, Padma awards, Padma Shri Award, Pakistan