Kisaan Aandolan: बातचीत से पहले प्रियंका गांधी का ट्वीट, कहा- सरकार को किसानों को सुनना होगा

PTI
तीन विवादित कृषि कानूनों को लेकर गुरुवार को किसानों और सरकार के बीत चौथे दौर की वार्ता होगी. इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Ganhi Vadra) ने ट्वीट किया.
- News18Hindi
- Last Updated: December 3, 2020, 11:13 AM IST
नई दिल्ली. केंद्र द्वारा पास किए गए तीन विवादित कृषि कानूनों को लेकर गुरुवार को किसानों और सरकार के बीत चौथे दौर की वार्ता होगी. इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Ganhi Vadra) ने ट्वीट कर सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. प्रियंका ने कहा, 'आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा. किसान कानून के केंद्र में किसान होगा.'
प्रियंका ने ट्वीट किया- 'भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को - देशद्रोही बोल चुके हैं, आंदोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं, आंदोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैं. लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा. किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र.'
बता दें किसान और सरकार के बीच आज चौथे दौर की बातचीत होगी. इसके लिए किसानों की पांच प्रमुख मांगे हैं. किसानों की सबसे पहली मांग है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. साथ ही इस बैठक में किसानों की ओर से यह भी कहा जाएगा कि केंद्र द्वारा कमेटी की पेशकश को मंजूर नहीं किया जाएगा.
संसद का विशेष सत्र आहूत करे सरकार : किसान
किसानों की मांग है कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP हमेशा लागू रहे और 21 फसलों को इसका लाभ मिले. फिलहाल किसानों को सिर्फ गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है. किसानों की मांग है कि अगर कोई कृषक आत्महत्या कर लेता है तो उसके परिवार को केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मिले.

आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को मांग की कि केंद्र नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करे और अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा. इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नए कृषि कानूनों पर किसान प्रतिनिधियों के साथ केंद्र के साथ वार्ता से पहले बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे.
प्रियंका ने ट्वीट किया- 'भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को - देशद्रोही बोल चुके हैं, आंदोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं, आंदोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैं. लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा. किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र.'
भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को
👉देशद्रोही बोल चुके हैं👉आन्दोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं👉आन्दोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैंलेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 3, 2020
बता दें किसान और सरकार के बीच आज चौथे दौर की बातचीत होगी. इसके लिए किसानों की पांच प्रमुख मांगे हैं. किसानों की सबसे पहली मांग है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. साथ ही इस बैठक में किसानों की ओर से यह भी कहा जाएगा कि केंद्र द्वारा कमेटी की पेशकश को मंजूर नहीं किया जाएगा.
संसद का विशेष सत्र आहूत करे सरकार : किसान
किसानों की मांग है कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP हमेशा लागू रहे और 21 फसलों को इसका लाभ मिले. फिलहाल किसानों को सिर्फ गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है. किसानों की मांग है कि अगर कोई कृषक आत्महत्या कर लेता है तो उसके परिवार को केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मिले.
आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को मांग की कि केंद्र नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करे और अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा. इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नए कृषि कानूनों पर किसान प्रतिनिधियों के साथ केंद्र के साथ वार्ता से पहले बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे.