केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद आज देशभर में विजय जुलूस निकालेगी कांग्रेस.(फाइल फोटो: PTI)
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस 2021 (Republic Day 2021) पर राजधानी दिल्ली में हुए उपद्रव के मामले में किसानों को पंजाब सरकार (Punjab Government) ने मुआवजा देने का फैसला किया है. राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) ने जानकारी दी है कि सरकार ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए उपद्रव के बाद गिरफ्तार किए गए सभी 83 किसानों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देगी. माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार के इस फैसले के चलते नया विवाद खड़ा हो सकता है. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शन को एक साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है.
सीएम चन्नी ने ट्वीट किया, ‘तीन काले कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को अपनी सरकार का समर्थन दोहराते हुए, हमने 26 जनवरी 2021 को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए गिरफ्तार हुए 83 किसानों को 2 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है.’ राजधानी में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की थी. वायरल वीडियोज में नजर आ रहा था कि उग्र भीड़ से बचने के लिए पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवान दीवारों पर से कूदते रहे थे.
इस साल 26 जनवरी पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली आयोजित की थी. उस दौरान किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच कुछ रास्ते तय किए गए थे. हालांकि, रैली के दिन इन रास्तों का पालन नहीं किया गया और किसान लाल किले पर पहुंच गए. साथ ही उन्होंने पुलिस को भी दरकिनार कर दिया. इस दौरान राजधानी के कई हिस्सों में हंगामे की खबरें आई थी. पुलिस का कहना है कि किसानों ने पहले से तय रास्तों को नहीं माना और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए. किसानों ने लाल किले पर पहुंचकर झंडे भी फहराए.
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किसान बीते साल से ही तीनों कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक किसी बड़ी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है. सरकार ने किसानों के सामने तीनों कानूनों में संशोधन और कुछ समय के लिए निलंबन का भी प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान लगातार इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.
पंजाब सरकार किसानों का समर्थन कर रही है. राज्य का कहना है कि मार्केटिंग समितियां या मंडियां, प्राइवेट मंडियां बन जाएंगी, जो राज्य सरकार के आर्थिक नुकसान का कारण बनेगा. साथ ही राज्य का कहना है कि इससे ग्रामीण विकास पर भी असर पड़ेगा. हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि तीनों कानून किसानों के हित में हैं.
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