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अभिव्यक्ति की आजादी पर कई पाबंदियां : ऐसी है भारत पर उंगली उठाने वाले अरब देशों की सच्चाई

कुवैत और कतर में शरिया के मुताबिक राजकाज चलता है.  (फोटो साभार सोशल मीडिया)

कुवैत और कतर में शरिया के मुताबिक राजकाज चलता है. (फोटो साभार सोशल मीडिया)

freedom in Qatar, Kuwait: कतर और कुवैत में इस्लाम प्रमुख धर्म है और शरीयत के हिसाब से कानून चलता है. ईशनिंदा पर सख्त सज ...अधिक पढ़ें

नई दिल्लीः पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणियों को लेकर बीजेपी ने अपने दो नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है. पार्टी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि दिल्ली में पार्टी के मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. नूपुर और नवीन की टिप्पणियों को लेकर अरब देशों में काफी विरोध होने लगा था. सोशल मीडिया पर भारतीय उत्पादों के बायकॉट की अपील हो रही थी. बढ़ते विरोध के बीच कतर, कुवैत के अलावा ईरान ने भी भारतीय दूत को बुलाकर विरोध जताया था. आइए इसी विवाद के बीच एक नजर डालते हैं, कतर और कुवैत में धार्मिक आजादी और लोगों के अधिकारों की स्थिति पर.

कतर में चलता है शरिया कानून
करीब 30 लाख की जनसंख्या वाले कतर में ज्यादातर आबादी गैर नागरिकों की है. भारत के 10 लाख से ज्यादा लोग वहां रहते हैं. कतर के मूल निवासियों में अधिकतर लोग सुन्नी मुस्लिम हैं, बाकी शिया मुसलमान हैं. कतर के संविधान के मुताबिक, इस्लाम यहां का मुख्य धर्म है और शरिया के हिसाब से कानून चलता है. शरीयत में बेहद सख्त नियम-कानूनों का पालन किया जाता है. इसी के अनुरूप कतर में भी लोगों पर तगड़ी पाबंदियां रहती हैं. इस्लाम और उससे जुड़े प्रतीकों के अपमान और ईशनिंदा को लेकर बेहद सख्ती बरती जाती है. इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है.

शराब, पोर्क पर सख्त पाबंदी
कतर में शराब, ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों के सार्वजनिक इस्तेमाल की सख्त मनाही है. उल्लंघन करने पर कोड़े से पीटा जाता है. कतर में इसी साल नवंबर-दिसंबर में फुटबॉल वर्ल्ड कप होना है. इसके मद्देनजर स्टेडियम के अंदर बियर और शराब की छूट देने की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई नरमी नहीं दिखाई है. खाने पीने की चीजों को लेकर भी कई तरह की पाबंदियां रहती हैं. पोर्क और उससे बने उत्पादों का प्रयोग बैन है. नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा दी जाती है.

महिलाओं पर तमाम पाबंदियां
कतर में पोर्नोग्राफी को लेकर भी कड़े नियम हैं. समलैंगिक संबंध रखने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है. शादी से इतर संबंधों की भी मनाही है. एमनेस्टी इंटरनेशनल की 2021 की रिपोर्ट दावा करती है कि महिलाओं को कतर में काफी भेदभाव का सामना करना पड़ता है. शादी, पढ़ाई, सरकारी स्कॉलरशिप, नौकरी, विदेश यात्रा जैसी बातों के लिए परिवार के पुरुष अभिभावक की मंजूरी जरूरी होती है. पति के हाथों पीड़ित होने के बावजूद शादीशुदा महिलाओं के लिए तलाक लेना आसान नहीं होता. तलाक मिलता भी है तो बच्चे की कस्टडी नहीं दी जाती. हालांकि सरकार इस रिपोर्ट के तथ्यों से इनकार करती रही है.

कुवैत में शरिया का राज
सऊदी अरब के उत्तर में बस छोटे से देश कुवैत की कुल आबादी करीब 45 लाख है. संविधान के अनुसार यहां का सरकारी धर्म इस्लाम है. हालांकि लोगों को अपने धर्म का पालन करने की छूट है, लेकिन वह स्थापित नियमों, परंपराओं और नैतिकता के विरुद्ध नहीं होने चाहिए. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी पर अमेरिका की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि कुवैत में व्यक्ति धर्म कोई भी माने, लेकिन कुवैत में कानून-व्यवस्था भी शरिया के हिसाब से चलती है. ईशनिंदा पर सख्त सजा दी जाती है.

अभिव्यक्ति की आजादी
एमनेस्टी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर कई तरह की बंदिशें हैं. सरकार और अमीर के खिलाफ बोलने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है. हालांकि पिछले साल अप्रैल में इस तरह के मामलों में मुकदमे से पहले ही हिरासत में लेने पर रोक लगा दी गई थी. एमनेस्टी ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि कोरोना के दौरान भी विदेशी नागरिकों और प्रवासी मजदूरों के साथ काफी भेदभाव हुआ था, जिनकी कुवैत की आबादी में करीब 70 फीसदी की हिस्सेदारी है. उन्हें जुलाई के पहले हफ्ते तक वैक्सीन से वंचित रखा गया था, जबकि बाकी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही थीं.

समलैंगिकों, महिलाओं पर बंदिशें
एमनेस्टी की रिपोर्ट बताती है कि कुवैती महिलाओं ने भी मी-टू (#MeToo) कैंपेन के दौरान अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के कई आरोप लगाए थे. इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया गया था. समलैंगिक संबंधों पर सख्त मनाही है. पिछले साल अक्टूबर में कोर्ट ने महाअल मुतैरी नाम की महिला को ऑनलाइन गतिविधियों के लिए दो साल की सजा सुनाई थी. यही नहीं, जेल में उसे पुरुष कैदियों के साथ रखा गया था.

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भारतीय फिल्मों को लेकर सख्ती
फिल्मों को लेकर भी कुवैत में सख्त नियम हैं. हाल ही में रिलीज हुई सम्राट पृथ्वीराज फिल्म को कुवैत में बैन कर दिया गया है. इससे पहले, साउथ के सुपरस्टार विजय की फिल्म बीस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. पाकिस्तान और आतंकवाद को दिखाए जाने की वजह ये बैन लगाया गया था. अक्षय कुमार की फिल्म बेलबॉटम , दलकीर सलमान की फिल्म कुरूप, विद्या बालन की फिल्म द डर्टी पिक्चर के प्रदर्शन पर भी कुवैत में रोक लग चुकी है.

Tags: BJP, Kuwait, Qatar

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