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राहुल गांधी के माइक वाले बयान को उपराष्ट्रपति ने बताया 'सबसे बड़ा झूठ', इमरजेंसी के 'काले अध्याय' की दिलाई याद

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद में विपक्ष के माइक बंद करने वाली टिप्पणी पर निशाना साधा है. (File Photo)

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद में विपक्ष के माइक बंद करने वाली टिप्पणी पर निशाना साधा है. (File Photo)

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मेरठ. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद में विपक्ष के माइक बंद करने वाली टिप्पणी को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने इसे सबसे बड़ा झूठ करार दिया है. धनखड़ ने कहा कि आपातकाल के ‘काले अध्याय’ के दौरान ऐसा किया गया था, लेकिन अब यह संभव नहीं है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि ‘कुछ लोग’ अपनी अदूरदर्शिता के कारण देश की उपलब्धियों को कमतर करने की कोशिश कर रहे हैं.

राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने यहां चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘लोकतांत्रिक मूल्य महत्वपूर्ण हैं और हम लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा को कम नहीं होने दे सकते, क्योंकि हम लोकतंत्र की जननी हैं.’’ गांधी की माइक संबंधी टिप्पणी पर, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने उनका नाम लिए बिना कहा, ‘‘इससे बड़ा झूठ नहीं हो सकता है जब कोई यह कहकर एक आख्यान बनाने की कोशिश करता है कि सबसे बड़ी पंचायत, संसद में, माइक बंद कर दिए जाते हैं.’’

राहुल को बताया अदूरदर्शी
उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में आयुर्वेद महाकुंभ में कहा, ‘‘अदूरदर्शिता के कारण, कुछ लोग अपनी आवाज पर नियंत्रण नहीं रखते और इस महान देश की बड़ी उपलब्धियों को कमतर करने के लिए कुछ भी कहते हैं.’’ कांग्रेस नेता गांधी ने सोमवार को लंदन में हाउस ऑफ कॉमन्स के ग्रैंड कमेटी रूम में विपक्षी दल लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसद वीरेंद्र शर्मा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की थी.

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भारत की संसद में माइक बंद नहीं किये जाते
धनखड़ ने कहा कि यह उनका संवैधानिक कर्तव्य था कि ‘‘दुनिया को बताएं कि भारत की संसद में माइक बंद नहीं किये जाते हैं. एक समय था जब यह किया गया था और वह एक काला अध्याय था जिसे हम आपातकाल कहते हैं, लेकिन यह अब संभव नहीं है.’’ उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि यह देखना ‘दुखद’ है कि कुछ लोग कहते हैं कि ‘‘देश में क्या हो रहा है.’’ उन्होंने कहा कि कौन सा अन्य देश यह दावा कर सकता है कि उनकी न्यायपालिका बिजली की गति से काम करती है, लेकिन ‘‘हमारा उच्चतम न्यायालय इस तरह काम करता है.’’

हम दुनिया के सबसे कार्यात्मक लोकतंत्र: धनखड़
धनखड़ ने कहा, ‘‘हम दुनिया के सबसे कार्यात्मक लोकतंत्र हैं, कोई अन्य देश ऐसा दावा नहीं कर सकता है कि उनके पास पंचायत (जमीनी स्तर) से लेकर राज्य और केंद्र तक लोकतंत्र है. राय हो सकती हैं लेकिन यह (भारत का लोकतंत्र) जीवंत और कार्यात्मक है.’’ गांधी ने ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान यह भी आरोप लगाया था कि मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं.

दुनिया हमारी उपलब्धियों को स्वीकार कर रही
धनखड़ ने बृहस्पतिवार को एक किताब के विमोचन के दौरान भी गांधी पर माइक वाली उनकी टिप्पणी को लेकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, धनखड़ ने कहा, ‘‘यह कितना अजीब है, यह कितना दुखद है कि दुनिया हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियों और जीवंत लोकतंत्र को स्वीकार कर रही है तो हममें से कुछ, जिनमें सांसद भी शामिल हैं, समृद्ध लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण करने में लगे हैं.’’

सभापति पर कांग्रेस का पलटवार
गांधी की टिप्पणी की आलोचना के लिए कांग्रेस ने धनखड़ पर पलटवार करते हुए कहा था कि राज्यसभा के सभापति एक ‘अंपायर’ हैं और सत्तापक्ष के लिए ‘चीयरलीडर’ नहीं हो सकते. धनखड़ ने शनिवार के कार्यक्रम में लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर देते हुए कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं में विधायकों का व्यवहार ‘अनुकरणीय’ होना चाहिए क्योंकि ये ‘बहस, संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श के स्थान हैं न कि व्यवधान और अशांति के.’’

Tags: Jagdeep Dhankhar, Meerut news, Rahul gandhi, UP news

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