तमिलनाडुः कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोले- सरकार बनने पर GST को नया स्वरूप देंगे

नए कृषि कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने इन्हें किसानों के लिए नोटबंदी की तरह करार दिया. ANI
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि नए कृषि कानून किसान संगठनों के लिए नोटबंदी की तरह हैं. देश में प्रक्रियागत और संगठित तरीके से कामगारों और गरीब लोगों पर हमले किए जा रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि ये नीतिगत गलतियां हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 24, 2021, 12:22 AM IST
कोयंबटूर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शनिवार को कहा कि केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर माल एवं सेवा कर (GST) को फिर से नया स्वरूप दिया जाएगा. उन्होंने यहां लघु एवं मझोले उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद में यह भी भरोसा दिलाया कि कांग्रेस की सरकार में ‘एक कर, न्यूनतम’ के सिद्धांत पर अमल किया जाएगा. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मेरी सोच है कि अगर भविष्य में हम चीन, बांग्लादेश या अन्य देशों के साथ स्पर्धा में आगे निकलना चाहते हैं तो यह एमएसएमई (MSME) के माध्यम से ही हो सकता है.’’ उनके मुताबिक, लघु एवं मझोले उद्योग देश में रोजगार सृजन की रीढ़ की हड्डी हैं. उन्होंने दावा किया कि देश इस वक्त रोजगार देने असमर्थ है और अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है. राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार आती है तो जीएसटी की व्यवस्था को नया स्वरूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था नहीं चल सकती. इससे एमएसएमई पर बड़ा भार पड़ेगा और हमारा आर्थिक तंत्र ध्वस्त हो जाएगा.’’
नए कृषि कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने इन्हें किसानों के लिए नोटबंदी की तरह करार दिया. उन्होंने कहा, "मुझे बहुत गर्व है कि किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और नरेंद्र मोदी सरकार को कानून लागू नहीं करने दे रहे हैं. प्रधानमंत्री को गरीब की ताकत का अंदाजा नहीं है और हमारी कोशिश उन्हें गरीब, कामगार और किसानों की ताकत का एहसास कराना है."
कांग्रेस नेता ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा कि मैं आपसे बात कर रहा हूं. आपके सवालों का जवाब दे रहा हूं. क्या आपने नरेंद्र मोदी को ऐसा करते हुए कभी देखा है. वे एक कमरे में 5 लोगों के साथ बैठकर चर्चा करते हैं, जो देश के बड़े उद्योगपति हैं उनसे चर्चा करेंगे. वे कभी भी किसानों, कामगारों, छोटे व्यापारियों के साथ चर्चा नहीं करेंगे कि वे क्या सोचते हैं. राहुल ने कहा कि देश में प्रक्रियागत और संगठित तरीके से कामगारों और गरीब लोगों पर हमले किए जा रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि ये नीतिगत गलतियां हैं. इसके पीछे एक मकसद है, ताकि भारतीय कामगारों और छोटे-मध्यम उद्योगों की रीढ़ तोड़ पर चोट की जाए.
तमिलनाडु के त्रिपुर में देश के विकास में महिलाओं की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "महिलाओं को उचित मौका दिए बिना कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता. दुर्भाग्यपूर्ण रूप जो संगठन आज देश को चला रहा है, वो फासिस्ट और पुरुषवादी संगठन है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में महिलाओं की कोई जगह नहीं है."
उन्होंने कहा कि संघ महिलाओं के साथ शुरू से ही भेदभाव करता आया है. अगर किसी संगठन में महिलाओं के लिए जगह नहीं है, तो जाहिर है कि वो महिलाओं की इज्जत नहीं करता है. अगर आप महिलाओं की इज्जत करते हैं तो अपने संगठन में उन्हें बराबरी की जगह दो.
नए कृषि कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने इन्हें किसानों के लिए नोटबंदी की तरह करार दिया. उन्होंने कहा, "मुझे बहुत गर्व है कि किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और नरेंद्र मोदी सरकार को कानून लागू नहीं करने दे रहे हैं. प्रधानमंत्री को गरीब की ताकत का अंदाजा नहीं है और हमारी कोशिश उन्हें गरीब, कामगार और किसानों की ताकत का एहसास कराना है."
कांग्रेस नेता ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा कि मैं आपसे बात कर रहा हूं. आपके सवालों का जवाब दे रहा हूं. क्या आपने नरेंद्र मोदी को ऐसा करते हुए कभी देखा है. वे एक कमरे में 5 लोगों के साथ बैठकर चर्चा करते हैं, जो देश के बड़े उद्योगपति हैं उनसे चर्चा करेंगे. वे कभी भी किसानों, कामगारों, छोटे व्यापारियों के साथ चर्चा नहीं करेंगे कि वे क्या सोचते हैं. राहुल ने कहा कि देश में प्रक्रियागत और संगठित तरीके से कामगारों और गरीब लोगों पर हमले किए जा रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि ये नीतिगत गलतियां हैं. इसके पीछे एक मकसद है, ताकि भारतीय कामगारों और छोटे-मध्यम उद्योगों की रीढ़ तोड़ पर चोट की जाए.
तमिलनाडु के त्रिपुर में देश के विकास में महिलाओं की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "महिलाओं को उचित मौका दिए बिना कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता. दुर्भाग्यपूर्ण रूप जो संगठन आज देश को चला रहा है, वो फासिस्ट और पुरुषवादी संगठन है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में महिलाओं की कोई जगह नहीं है."
उन्होंने कहा कि संघ महिलाओं के साथ शुरू से ही भेदभाव करता आया है. अगर किसी संगठन में महिलाओं के लिए जगह नहीं है, तो जाहिर है कि वो महिलाओं की इज्जत नहीं करता है. अगर आप महिलाओं की इज्जत करते हैं तो अपने संगठन में उन्हें बराबरी की जगह दो.