औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने पर रार, आदित्य ठाकरे बोले- फैसला सबकी सहमति से होगा

आदित्य ठाकरे (फाइल फोटो)
Maharashtra Update: इस मामले को लेकर राज्य के राजस्व मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) पहले भी अपना विरोध जता चुके हैं. उन्होंने कहा था 'हमारी पार्टी जगहों के नाम बदलने में भरोसा नहीं करती है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 16, 2021, 8:17 PM IST
औरंगाबाद. महाराष्ट्र (Maharashtra) में औरंगाबाद (Aurangabad) का नाम बदलकर ‘संभाजीनगर’ (Sambhajinagar) करने को लेकर विवाद जारी है. इसी बीच मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने शनिवार को कहा कि औरंगाबाद का विकास एक महत्वपूर्ण पहलु है और उसका नाम बदलकर ‘संभाजीनगर’ करने का निर्णय सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (MVA) में शामिल पार्टियों के बीच सर्वसम्मति से लिया जाएगा. राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस प्रस्ताव को सभी के सामने पेश किया था. इसके बाद से ही शिवसेना और कांग्रेस के बीच विवाद जारी है.
नाम परिवर्तन का पैरोकार रही शिवसेना एमवीए के घटक कांग्रेस (Congress) के विरोध का सामना कर रही है. जबकि, भाजपा यह दावा करते हुए उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी पर हमला कर रही है कि वह बस सत्ता में बने रहने के लिए अपनी पुरानी मांग त्याग रही है. औरंगाबाद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेट द्वारा तैयार किये गए अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र, कमान नियंत्रण कक्ष और साइकिल मार्ग का उद्घाटन करने यहां आये आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘हम औरंगबाद शहर की सूरत बदलने पर ध्यान दे रहे हैं.’
Maharashtra School Reopening: महाराष्ट्र में 5वीं से 8वीं तक के लिए 27 जनवरी से खुलेंगे स्कूलउन्होंने कहा, ‘इस शहर का नाम बदलने का फैसला राज्य की एमवीए सरकार द्वारा सर्वसम्मति से किया जाएगा.’ भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सदस्यों द्वारा शहर में कुछ स्थानों पर लगाये गये ‘नमस्ते संभाजीनगर’ साइनबोर्ड को लेकर मंत्री ने कहा कि शिवसेना की पूर्व सहयोगी जब पांच साल तक राज्य में सत्तासीन थी तब उसने इस शहर का नाम बदलने के लिए कुछ नहीं किया.

इस मामले को लेकर राज्य के राजस्व मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट पहले भी अपना विरोध जता चुके हैं. उन्होंने कहा था 'हमारी पार्टी जगहों के नाम बदलने में भरोसा नहीं करती है. यह कभी भी महविकास अघाड़ी सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा नहीं है.' हालांकि, सीएम ठाकरे ने कांग्रेस की नाराजगी को नजरअंदाज कर दिया है. उन्होनें कहा 'औरंगजेब सेक्युलर नहीं था. हमारे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में एजेंडा के तौर पर सेक्युलर बातें शामिल हैं और औरंगजेब उस परिभाषा में फिट नहीं बैठता है.'
नाम परिवर्तन का पैरोकार रही शिवसेना एमवीए के घटक कांग्रेस (Congress) के विरोध का सामना कर रही है. जबकि, भाजपा यह दावा करते हुए उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी पर हमला कर रही है कि वह बस सत्ता में बने रहने के लिए अपनी पुरानी मांग त्याग रही है. औरंगाबाद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेट द्वारा तैयार किये गए अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र, कमान नियंत्रण कक्ष और साइकिल मार्ग का उद्घाटन करने यहां आये आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘हम औरंगबाद शहर की सूरत बदलने पर ध्यान दे रहे हैं.’
Maharashtra School Reopening: महाराष्ट्र में 5वीं से 8वीं तक के लिए 27 जनवरी से खुलेंगे स्कूलउन्होंने कहा, ‘इस शहर का नाम बदलने का फैसला राज्य की एमवीए सरकार द्वारा सर्वसम्मति से किया जाएगा.’ भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सदस्यों द्वारा शहर में कुछ स्थानों पर लगाये गये ‘नमस्ते संभाजीनगर’ साइनबोर्ड को लेकर मंत्री ने कहा कि शिवसेना की पूर्व सहयोगी जब पांच साल तक राज्य में सत्तासीन थी तब उसने इस शहर का नाम बदलने के लिए कुछ नहीं किया.
इस मामले को लेकर राज्य के राजस्व मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट पहले भी अपना विरोध जता चुके हैं. उन्होंने कहा था 'हमारी पार्टी जगहों के नाम बदलने में भरोसा नहीं करती है. यह कभी भी महविकास अघाड़ी सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा नहीं है.' हालांकि, सीएम ठाकरे ने कांग्रेस की नाराजगी को नजरअंदाज कर दिया है. उन्होनें कहा 'औरंगजेब सेक्युलर नहीं था. हमारे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में एजेंडा के तौर पर सेक्युलर बातें शामिल हैं और औरंगजेब उस परिभाषा में फिट नहीं बैठता है.'