राकेश टिकैत बोले- कोलकाता में है केंद्र सरकार, इसीलिए 13 मार्च को हम भी वहां जाएंगे

100 दिनों से अधिक समय से किसानों का धरना चल रहा है. (फोटो साभार-ANI)
Rakesh Tikait Rally in Kolkata: किसान आंदोलन के नेता अब उन जगहों पर भी किसानों के बीच जाने की योजना बना रहे हैं, जहां-जहां चुनाव होने हैं. किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने 100 दिन से चल रहे आंदोलन की अनदेखी की.
- News18Hindi
- Last Updated: March 7, 2021, 6:30 PM IST
नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली बॉर्डर से अब ये मार्च कोलकाता में कूच करने वाला है. भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि इन दिनों पूरी सरकार कोलकाता के विधानसभा चुनाव के लिए लगी हुई है. इसलिए अब किसानों का प्रतिनिधिमंडल भी अब कोलकाता जाएगा, वहां के किसानों से बात करेगा और सरकार से भी बात करेगा. इसके लिए 13 मार्च की तारीख तय की गई है.
दरअसल, किसान आंदोलन के नेता अब उन जगहों पर भी किसानों के बीच जाने की योजना बना रहे हैं, जहां-जहां चुनाव होने हैं. किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने 100 दिन से चल रहे आंदोलन की अनदेखी की, इसलिए वह उसे भी नुकसान पहुंचाने में कसर नहीं छोड़ेंगे.
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं किसान
किसान केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नये कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार कृषि कानून वापिस नहीं लेगी, वो वापिस नहीं जायेंगे. इस बीच, मौसम की चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों ने प्रदर्शनस्थलों पर पंखे, मच्छरदानियां, फ़्रिज और अन्य सामान लाने शुरू कर दिये हैं.गुरूवार को टिकरी बॉर्डर पर गर्मी से तैयारियों का नजारा देखने को मिला. यहां पानी की सप्लाई के लिए बोरवैल किया गया है. गर्मी से बचने के लिए फ्रिज लगा दिया गया है. ठंडक के लिए बांस की छोटी झोपड़ियां बनाई जा रही हैं.
ये भी पढ़ेंः- कोलकाता में PM मोदी बोले- लोकसभा में TMC हाफ, इस बार पूरी साफ; 10 खास बातें

जब तक मांगें पूरी नहीं आंदोलन जारी रहेगा
राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा था कि किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस लिए जाएं और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने इस मौके पर टैक्टर रैली को रवाना किया. उन्होंने बताया कि यह रैली उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जिलों में जाएगी और 27 मार्च को गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पहुंचेगी.
दरअसल, किसान आंदोलन के नेता अब उन जगहों पर भी किसानों के बीच जाने की योजना बना रहे हैं, जहां-जहां चुनाव होने हैं. किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने 100 दिन से चल रहे आंदोलन की अनदेखी की, इसलिए वह उसे भी नुकसान पहुंचाने में कसर नहीं छोड़ेंगे.
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं किसान
किसान केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नये कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार कृषि कानून वापिस नहीं लेगी, वो वापिस नहीं जायेंगे. इस बीच, मौसम की चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों ने प्रदर्शनस्थलों पर पंखे, मच्छरदानियां, फ़्रिज और अन्य सामान लाने शुरू कर दिये हैं.गुरूवार को टिकरी बॉर्डर पर गर्मी से तैयारियों का नजारा देखने को मिला. यहां पानी की सप्लाई के लिए बोरवैल किया गया है. गर्मी से बचने के लिए फ्रिज लगा दिया गया है. ठंडक के लिए बांस की छोटी झोपड़ियां बनाई जा रही हैं.
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जब तक मांगें पूरी नहीं आंदोलन जारी रहेगा
राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा था कि किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस लिए जाएं और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने इस मौके पर टैक्टर रैली को रवाना किया. उन्होंने बताया कि यह रैली उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जिलों में जाएगी और 27 मार्च को गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पहुंचेगी.