नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railway) की तरफ से शुरू की गई रामायण सर्किट एक्सप्रेस (Ramayana Circuit Express) में वेटर्स के पहनावें को लेकर विवाद बढ़ने के बाद सोमवार को कर्मचारियों के पहनावें में बदलाव करने का फैसला लिया है. इस रामायण यात्रा ट्रेन (Ramayan Yatra Train) में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भगवा (Saffron) पहनावा निश्चित किया गया था. रेलवे के इस फैसले का संतों ने जमकर विरोध किया था और कर्चारियों के पहनावे को बदलने के लिए कहा था. अलग अलग राज्यों से विवाद बढ़ता देख रेलवे ने अब ड्रेस के तौर पर भगवा कपड़े को हटाकर कर्मचारियों के लिए प्रोफेशनल यूनिफॉर्म को लागू कर दिया है.
पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे (Indian Railways) की तरफ से रामायण यात्रा ट्रेन चालई गई है. रेलवे ने रामायण को आधार बनाते हुए ट्रेन के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भगवा कपड़े को ड्रेस के तौर पर निर्धारित किया था. अब रेलवे ने इसे पूरी तरह से बदल दिया है. रेलवे ने कर्मचारियों की पोशाक को बदलते हुए कहा कि अगर किसी को असुविधा हुई है तो उसके लिए खेद है.
वर्कर्स के लिए यह था पहनावा
रेलवे ने रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन (Ramayan Yatra Express) में काम करने वाले कर्मचारियों का पहनावा साधु संतों की तरह तय किया था. इसमें सभी कर्मचारियों को भगवा धोती, कुर्ता, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई थी. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में देखा गया कि साधु संतो की ड्रेस में वेटर्स लोगों को ट्रेन में खाना आदि परोस रहे हैं. इतना ही नहीं भगवा पहनावे में वहीं वेटर्स लोगों का जूठन भी उठा रहे थे.
Indian Railways withdraws saffron attire of its serving staff on board the Ramayana Special Trains following objections
“Dress of service staff is completely changed in the look of professional attire of service staff. Inconvenience caused is regretted,” says the Railways pic.twitter.com/ANsqHUQQzU
— ANI (@ANI) November 22, 2021
व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
बता दें कि ट्रेन में रेलवे कर्मचारियों के भगवा यूनिफॉर्म को लेकर उज्जैन में संतों ने जमकर विरोध किया था. संतों ने रेलवे को चेतावनी दी थी कि अपने फैसले को तुरंत बदल लें. इस मुद्दे को लेकर अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री डॉ. अवदेष पुरी ने रेलवे मंत्री को एक पत्र भी लिखा था. इसमें कहा गया था कि अगर कर्मचारियों के पहनावे पर बदलाव नहीं किया गया तो पूरे देश में 12 दिसंबर को व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन होगा.
भगवान राम के 15 स्थानों से गुजरेगी ट्रेन
पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से रेलवे ने भगवान पर आस्था रखने वाले लोगों के लिए रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन 7 नवंबर को चलाई थी. कर्माचारियों के पहनावे को लेकर यह ट्रेन शुरू से ही विवादों में थी. यह स्पेशल ट्रेन भगवान राम से जुडे कुल 15 स्थानों से होते हुए कुल 7500 किमी की दूरी तय करेगी. इस ट्रेन का पहला स्टेशन अयोध्या और अंतिम स्टेशन रामेश्वरम होगा. इस ट्रेन को रेलवे की तरफ से देखो अपना देश पहल के तहत चलाया गया है.
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