पटना साहिब लोकसभा नतीजे: फिर पटना के साहिब बने रविशंकर प्रसाद, BJP के दिग्गज बनने तक का सफर
News18Hindi Updated: May 24, 2019, 8:58 AM IST
पटना साहिब बिहार
सीट संख्या: 30 | क्षेत्र: Central Bihar
लाइवस्थिति
पार्टी | प्रत्याशी का नाम |
---|---|
BJP | Ravi Shankar Prasad |
जीते

कायस्थ Vs कायस्थ की लड़ाई में कितने भारी पड़ेंगे रविशंकर प्रसाद
पटना साहिब लोकसभा नतीजे (Patna Sahib Election Result): रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar)
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- Last Updated: May 24, 2019, 8:58 AM IST
बिहार के पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए बड़ी खबर आई है. भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद जीत गए हैं. 23 मई को जारी मतगणना में इस सीट का नतीजा आ चुका है और प्रसाद ने भाजपा की साख कायम रखी है. रविशंकर प्रसाद के खिलाफ इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा प्रतिद्वंद्वी हैं. नतीजे कह रहे हैं कि प्रसाद 62.5 फीसदी वोट हासिल कर जीत दर्ज की. प्रसाद को कुल 607506 वोट हासिल हुए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सिन्हा को 322849 वोट मिले. इस सीट पर किसी अन्य प्रत्याशी को पांच अंकों की संख्या में वोट नसीब नहीं हुए.
पटना साहिब सीट पर इस बार मुकाबला कायस्थ जाति के दो उम्मीदवारों के बीच रहा. एक केंद्र सरकार में मंत्री हैं तो दूसरे बीजेपी से असंतुष्ट होकर कांग्रेस में शामिल होने वाले बॉलीवुड सुपरस्टार. 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी. 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शत्रुघ्न सिन्हा को इस सीट पर प्रत्याशी बनाकर भेजा था. शत्रुघ्न दोनों ही बार यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.
वर्ष 1970 के दशक में जब देश में आपातकाल का आंदोलन लोकनायक जय प्रकाश नारायण की अगुवाई में चल रहा था तो बिहार में एक छात्र नेता के रूप में रविशंकर प्रसाद का नाम भी सामने आया. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का आयोजन कर छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.
50 वर्षों से राजनीति मेंउन्होंने न सिर्फ आन्दोलन में हिस्सा लिया, बल्कि वे जेल भी गए. राजनीति से उनका करीब 50 वर्षों का नाता है. रविशंकर प्रसाद ने कई वर्षों तक बीजेपी के युवा ब्रांच और पार्टी संगठन के राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है.

अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में रविशंकर कई वर्षों तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े रहे. अन्य संगठनों में भी रविशंकर विभिन्न पदों पर पहुंचे. छात्र जीवन में रविशंकर पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट और वित्त समिति, कला और विधि संकाय के सदस्य रहे.उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से बीए, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की. रविशंकर प्रसाद 1980 से वकालत कर रहे हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले और अलकतरा घोटाले में जनहित याचिका पर बहस करने वाले प्रमुख वकील भी रविशंकर प्रसाद ही थे.
आडवाणी के वकील
रविशंकर पटना उच्च न्यायालय में कई मामलों में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के वकील भी रहे. 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ में लंबे समय से चल रहे अयोध्या मुकदमे के तीन अधिवक्ताओं में से एक रविशंकर प्रसाद भी थे.
वर्ष 2000 में वह राज्यसभा सांसद बने और 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला एवं खदान राज्य मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली. वह बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता हैं. केंद्र में मोदी सरकार बनते ही रविशंकर प्रसाद को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्नोलॉजी मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
रविशंकर प्रसाद का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ. पिता ठाकुर प्रसाद, पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील थे. उनकी मां का नाम विमला प्रसाद है. उनका विवाह 3 फरवरी 1982 को डॉ. माया शंकर के साथ हुआ. डॉ. माया शंकर पटना विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर भी रहीं. रविशंकर प्रसाद एक बेटी और एक बेटे के पिता भी हैं.
रविशंकर प्रसाद के राजनीतिक सफर पर एक नजर...
1991 से 1995 तक बीजेपी के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनें.
1995 में राष्ट्रीय कार्यकारी बने.
2000 में राज्यसभा मेम्बर.
2000 से 2001 तक पेट्रोलियम, रसायन तथा वित्त मंत्रालय के सलाहकार समिति के मेम्बर.
2001 से 2003 तक कोयला और खान मंत्रालय के रूप में राज्य मंत्री बने.
2003 से 2004 तक रविशंकर सुचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ-साथ राज्यमंत्री का अलग कार्यभार देखा.
2004 से 2006 तक मानव संसाधन विकास समिति के मेम्बर.
2004 से 2006 तक राज्य सभा की स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के मेम्बर.
2004 से 2006 तक वित्त मंत्रालय की सलाहकार समिति के मेम्बर.
मार्च 2006 को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने.
अप्रैल 2006 राज्य सभा के सांसद.
पटना साहिब सीट पर इस बार मुकाबला कायस्थ जाति के दो उम्मीदवारों के बीच रहा. एक केंद्र सरकार में मंत्री हैं तो दूसरे बीजेपी से असंतुष्ट होकर कांग्रेस में शामिल होने वाले बॉलीवुड सुपरस्टार. 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी. 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शत्रुघ्न सिन्हा को इस सीट पर प्रत्याशी बनाकर भेजा था. शत्रुघ्न दोनों ही बार यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.
पार्टी | मतदान हुआ | वोट प्रतिशत | प्रत्याशी का नाम |
---|---|---|---|
BJP | 607506 | 61.85% | Ravi Shankar Prasadविजेता |
INC | 322849 | 32.87% | Shatrughan Sinha |
IND | 9319 | 0.95% | Nimesh Shukla |
IND | 5446 | 0.55% | Javed |
IND | 5255 | 0.53% | Rani Devi |
NOTA | 5076 | 0.52% | Nota |
ADP | 3766 | 0.38% | Akhilesh Kumar |
IND | 3515 | 0.36% | Vishnu Dev |
IND | 3447 | 0.35% | Ashok Kumar Gupta |
IND | 2806 | 0.29% | Arvind Kumar |
IND | 2575 | 0.26% | Kumar Raunak |
IND | 1572 | 0.16% | Amit Kumar Gupta |
BMF | 1483 | 0.15% | Mahboob Alam Ansari |
JNP | 1437 | 0.15% | Rajesh Kumar |
SHS | 1424 | 0.14% | Sumit Ranjan Sinha |
VIP | 1290 | 0.13% | Rita Devi |
VSP | 1272 | 0.13% | Prabhash Chandra Sharma |
SUCI | 1220 | 0.12% | Anamika Kumari |
BJKD(D) | 1027 | 0.10% | Basant Singh |
वर्ष 1970 के दशक में जब देश में आपातकाल का आंदोलन लोकनायक जय प्रकाश नारायण की अगुवाई में चल रहा था तो बिहार में एक छात्र नेता के रूप में रविशंकर प्रसाद का नाम भी सामने आया. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का आयोजन कर छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.
50 वर्षों से राजनीति मेंउन्होंने न सिर्फ आन्दोलन में हिस्सा लिया, बल्कि वे जेल भी गए. राजनीति से उनका करीब 50 वर्षों का नाता है. रविशंकर प्रसाद ने कई वर्षों तक बीजेपी के युवा ब्रांच और पार्टी संगठन के राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है.

अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में रविशंकर कई वर्षों तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े रहे. अन्य संगठनों में भी रविशंकर विभिन्न पदों पर पहुंचे. छात्र जीवन में रविशंकर पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट और वित्त समिति, कला और विधि संकाय के सदस्य रहे.
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आडवाणी के वकील
रविशंकर पटना उच्च न्यायालय में कई मामलों में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के वकील भी रहे. 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ में लंबे समय से चल रहे अयोध्या मुकदमे के तीन अधिवक्ताओं में से एक रविशंकर प्रसाद भी थे.
वर्ष 2000 में वह राज्यसभा सांसद बने और 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला एवं खदान राज्य मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली. वह बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता हैं. केंद्र में मोदी सरकार बनते ही रविशंकर प्रसाद को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्नोलॉजी मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
रविशंकर प्रसाद का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ. पिता ठाकुर प्रसाद, पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील थे. उनकी मां का नाम विमला प्रसाद है. उनका विवाह 3 फरवरी 1982 को डॉ. माया शंकर के साथ हुआ. डॉ. माया शंकर पटना विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर भी रहीं. रविशंकर प्रसाद एक बेटी और एक बेटे के पिता भी हैं.
रविशंकर प्रसाद के राजनीतिक सफर पर एक नजर...
1991 से 1995 तक बीजेपी के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनें.
1995 में राष्ट्रीय कार्यकारी बने.
2000 में राज्यसभा मेम्बर.
2000 से 2001 तक पेट्रोलियम, रसायन तथा वित्त मंत्रालय के सलाहकार समिति के मेम्बर.
2001 से 2003 तक कोयला और खान मंत्रालय के रूप में राज्य मंत्री बने.
2003 से 2004 तक रविशंकर सुचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ-साथ राज्यमंत्री का अलग कार्यभार देखा.
2004 से 2006 तक मानव संसाधन विकास समिति के मेम्बर.
2004 से 2006 तक राज्य सभा की स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के मेम्बर.
2004 से 2006 तक वित्त मंत्रालय की सलाहकार समिति के मेम्बर.
मार्च 2006 को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने.
अप्रैल 2006 राज्य सभा के सांसद.
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First published: May 23, 2019, 11:02 AM IST
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