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कभी जम्मू-कश्मीर में आतंक का पर्याय हुआ करता था शेर खान, अब घर पर फहराया तिरंगा, पुराने दिनों को लेकर है पछतावा

पूर्व आतंकवादी शेर खान ने अपने 6 अन्य साथियों के साथ 2006 में किया था आत्मसमर्पण. अब उसने पहली बार अपने घर पर फहराया तिरंगा.

पूर्व आतंकवादी शेर खान ने अपने 6 अन्य साथियों के साथ 2006 में किया था आत्मसमर्पण. अब उसने पहली बार अपने घर पर फहराया तिरंगा.

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हाइलाइट्स

जम्मू-कश्मीर में पूर्व आतंकी शेर खान ने घर पर फहराया तिरंगा
शेर खान ने कहा कि उसने पहली बार अपने घर पर तिरंगा फहराया
1998 से 2006 तक शेर खान अपने जिले में आतंक का पर्याय था

नई दिल्ली: देश में आज 74वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) धूमधाम से मनाया जा रहा है. दिल्ली (Delhi) में कर्तव्य पथ पर भारत की आन-बान शान दिखाई जा रही है. देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. देश की शान तिंरगे को फहराया जा रहा है. पूरा देश गणतंत्र के इस पावन पर्व पर जश्न से सराबोर है. जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से भी एक खुश करने वाली खबर सामने आई है. यहां एक पूर्व आतंकवादी (Militant) ने अपने घर पर तिरंगा फहराया. उसने बताया कि उसे गुमराह कर आतंकवादी बनाया गया था. अब वो मुख्यधारा में आकर बहुत खुश है.

कल यानी बुधवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के सेगडी भाटा गांव में एक पूर्व आतंकवादी ने अपने घर की बाहरी दीवार पर तिरंगा फहराया. पूर्व आतंकी शेर खान (Sher Khan) ने राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत होकर तिरंगा फहराया. शेर खान पूर्व में हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (हूजी) आतंकवादी था. वह 1998 से 2006 के बीच जिले में खूंखार आतंकवादी के तौर पर जाना जाता था. उसने 2006 में आत्मसमर्पण कर दिया था. 2019 में रिहा होने से पहले उसने 13 साल जेल में बिताए.

6 अन्य लोगों के साथ किया समर्पण
शेर खान ने बताया, “जब मैं 20 साल का था तो मुझे पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अगवा कर लियाऔर तब उन्होंने मुझे अपने रैंक में शामिल कर लिया था.” शेर खान ने बताया कि जल्द ही उसका आतंकवाद से मोहभंग हो गया और पहला अवसर मिलने पर ही उसने 2006 में अवंतीपोरा में छह अन्य लोगों के साथ सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

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शेर खान घर में अपनी दूसरी पत्नी शाहीना और दो बेटियों सुमैया (19) और खलीफा बानो (17) के साथ रहता है. उसने अपने घर पर पहली बार तिरंगा फहराया है. शेर खान ने कहा कि तीन साल पहले जेल से छूटने के बाद मैं गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए मुगल मैदान जाया करता था. उसकी पहली पत्नी 42 वर्षीय परवीना अपने 20 वर्षीय बेटे मुसाफिर के साथ अलग रहती है.

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गुमराह कर बनाया था आतंकवादी
शेर खान आतंकवादी के रूप में अपने पुराने दिनों पर पछतावा करते हुए कहते हैं कि इसने न केवल उनका जीवन बर्बाद किया, बल्कि उनके परिवार को भी तबाह कर दिया. उसने बताया कि उसने शाहीना से तब शादी की जब वह आतंकवादी था. उसने कहा कि आतंकवाद के कारण उसका बेटा 8वीं कक्षा के बाद स्कूल से बाहर हो गया, तो उसकी बेटी सुमैया ने कक्षा 6 के बाद पढ़ाई छोड़ दी. हालांकि, उसकी सबसे छोटी बेटी खलीफा बानो 10वीं कक्षा में पढ़ रही है. शेर खान ने कहा, “मुझे गुमराह किया गया था और जैसे ही मुझे इसका एहसास हुआ, मैंने दूसरों को मनाया और सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हो गया.”

Tags: Jammu kashmir, Militant module, Republic day, Terrorist

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