होम /न्यूज /राष्ट्र /Rising India 2023 के मंच पर पर्यावरण से लेकर खेती पर बोले एक्सपर्ट, शेयर की एंटरप्रेन्योर बनने की अपनी जर्नी

Rising India 2023 के मंच पर पर्यावरण से लेकर खेती पर बोले एक्सपर्ट, शेयर की एंटरप्रेन्योर बनने की अपनी जर्नी

नेटवर्क18 के दो दिवसीय लीडरशिप कॉन्‍क्‍लेव राइजिंग इंडिया समिट 2023 के मंच पर 'स्थिरता: सरल समाधान, बड़ा प्रभाव' पर बात करते हुए नचिकेत, कौशिक और रत्नेश. (फोटो News18)

नेटवर्क18 के दो दिवसीय लीडरशिप कॉन्‍क्‍लेव राइजिंग इंडिया समिट 2023 के मंच पर 'स्थिरता: सरल समाधान, बड़ा प्रभाव' पर बात करते हुए नचिकेत, कौशिक और रत्नेश. (फोटो News18)

Rising India 2023: नेटवर्क18 के दो दिवसीय लीडरशिप कॉन्‍क्‍लेव राइजिंग इंडिया समिट 2023 का आज दूसरा दिन है. इसी क्रम में ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. नेटवर्क18 के दो दिवसीय लीडरशिप कॉन्‍क्‍लेव राइजिंग इंडिया समिट 2023 का आज दूसरा दिन है. इस कार्यक्रम में देश की राजनीतिक हस्तियों के साथ-साथ अन्य क्षेत्र की मशहूर हस्तियां इसमें शिरकत कर रहे हैं. इसी क्रम में ‘स्थिरता: सरल समाधान, बड़ा प्रभाव’ पर बात करने के लिए कोशिश इंडिया के संस्थापक और सीईओ रत्नेश तिवारी,  Phool.co के हेड, रिसर्च एंड डेवलपमेंट नचिकेत कुंतला और खेती के सह-संस्थापक और सीईओ कौशिक कप्पागंटुलु मौजूद थे.

राइजिंग इंडिया समिट 2023 के मंच पर बात करते हुए नचिकेत कुंतला ने कहा ‘हम मंदिर में पूजा करने जाते हैं. मंदिर के आस-पास जो भी नदियां रहती हैं हम उनकी भी पूजा करते हैं. इसी दौरान हम नदियों में फूल फेक देते हैं. कोई यह नहीं सोचता है कि इसके बाद क्या होगा. लगभग 8 मिलियन फूल भारत में हर साल पूजा के दौरान प्रवाहित किए जाते हैं. लकिन ये हमारे पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक होते हैं.’

नचिकेत ने आगे कहा कि ‘हम इन फूलों को जमा करने का काम करते हैं. कानपुर से शुरू करने के बाद अब हम कई शहरों में यह काम कर रहे हैं. इन फूलों से हम कई तरह के प्रोडक्ट बनाते हैं. इसमें गोंद से लेकर ऑर्गेनिक गुलाल तक शामिल हैं. इन फूलों से हम धूपबत्ती से लेकर अगरबत्ती तक बना रहे हैं.’

पढ़ें- ‘देश में बड़े रणनीतिकारों की कमी नहीं…’, राइजिंग इंडिया के मंच पर इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर नदियों के हालात पर बोले दिग्गज

खेती के सह-संस्थापक और सीईओ कौशिक ने कहा ‘ मैं शहरी लड़का हूं, मैं हैदाराबाद में पला बढ़ा. मैं खेती के बारे में कुछ भी नहीं जानता था. मुझे खेती को समझने के लिए 5 साल लग गए. इसके बाद मैंने किसानों की मदद करने की ठान ली. मैं कई किसानों से मिला और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की. फिर मैंने ठान लिया कि मैं किसानों को कम खाद, पानी और अन्य चीजें के साथ अच्छी फसल उगाने में मदद करूंगा.’

राइजिंग इंडिया समिट के मंच पर बात करते हुए कोशिश इंडिया के संस्थापक और सीईओ रत्नेश तिवारी ने बायोगैस पर बात करते हुए कहा ‘बायोगैस भारत में कोई नई चीज नहीं है और ना ही दुनिया में यह नई चीज है. लेकिन अभी भी आप देखेंगे कि ग्राउंड पर कई बायोगौस प्लांट सुचारू रूप से संचालित नहीं हो रहे हैं. लोग कहते हैं कि बायोगैस तकनीक में कई साइंस नहीं. हां बायोगैस कोई रॉकेट सांइस नहीं है लेकिन इसमें साइंस जरूर मौजूद है. इसलिए मैंने इसपर शोध किया और इस क्षेत्र में एक एंटरप्रेन्योर बनने का ठान.’

Tags: News18 Rising India Summit, Rising India

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें