न्यूज़18 नेटवर्क के चर्चित दो दिवसीय मार्की लीडरशिप कॉन्क्लेव 'राइजिंग इंडिया सम्मेलन 2023' में विदेश मंत्री एस. जयशंकर.
नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि किसी विदेशी राजनयिक ने लोकसभा से राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किए जाने का मुद्दा नहीं उठाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को उसी कनून के तहत अयोग्य घोषित किया गया है, जिसका उन्होंने खुद समर्थन किया था. नेटवर्क 18 के ‘राइजिंग इंडिया सम्मेलन’ में जयशंकर ने कहा कि लोकसभा सदस्य के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता इसलिए हुई है क्योंकि उन्होंने चार साल पहले एक समुदाय के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर अफसोस जताने से इंकार कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘कानून तो कानून है, जबतक कोई यह ना मान ले कि कानून उसके लिए नहीं बना है.’ यह पूछने पर कि क्या किसी राजनयिक ने उनके समक्ष यह मुद्द उठाया है, जयशंकर ने ‘ना’ में जवाब दिया. यह पूछने पर कि वह अपने समकक्षों के सामने इस मामले को कैसे स्पष्ट करेंगे, जयशंकर ने कहा, ‘चार साल पहले राहुल गांधी ने सार्वजनिक सभा में एक समुदाय के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी. यह सार्वजनिक रिकॉर्ड में है. उस समुदाय के एक सदस्य ने इसपर तकलीफ माना और कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी.’
विदेश मंत्री ने कहा कि गांधी के पास अफसोस जताकर इस मामले को खत्म करने का अवसर था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं करना चुना. मानहानि के फौजदारी मामले में गुजरात की एक अदालत द्वारा कांग्रेस नेता को दो साल की सजा सुनाए जाने के संदर्भ में जयशंकर ने कहा, ‘कानूनी प्रक्रिया का एक परिणाम निकला. परिणाम से एक कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई, जिसका स्वयं राहुल गांधी ने कुछ साल पहले समर्थन किया था.’
जयशंकर ने कहा कि यह कानून सत्तारूढ़ दल सहित करीब 10-12 निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर लागू हो चुका है. गौरतलब है कि ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को सूरत की जिला अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो वर्ष की सजा सुनाई गई थी और बाद में उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था.
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