प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (पीटीआई फाइल फोटो)
नई दिल्ली: न्यूज18 राइजिंग इंडिया समिट 2023 के मंच से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उन पर केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए दबाव डाला गया था. News18 के एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी के साथ इंटरव्यू में अमित शाह ने विपक्ष के इस आरोप पर एक सवाल के जवाब में यह बात कही कि नरेंद्र मोदी सरकार उन्हें निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ कर रही है. उन्होंने कहा कि सीबीआई कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौरान कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी (जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे) को फंसाने के लिए मुझ पर दबाव बना रही थी. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भाजपा ने कभी हंगामा नहीं किया. सूरत कोर्ट द्वारा मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिन्हें अदालत ने दोषी ठहराया है और जिन्होंने लोकसभा की सदस्यता खो दी है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में जाने के बजाय राहुल गांधी और कांग्रेस वाले हो-हल्ला करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि मैं जब गिरफ्तार हुआ और तीन महीने तक जेल में रहा तब भाजपा ने काले कपड़े पहनकर कहीं भी प्रदर्शन नहीं किया था और ना ही हमने हाय-तौबा की थी.
दरअसल, साल 2010 में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अपनी गिरफ्तारी के बाद अमित शाह ने न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताया था. उस वक्त सीबीआई के सामने सरेंडर करने से पहले अमित शाह ने अहमदाबाद में भाजपा मुख्यालय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कहा था, ‘मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मुझे उम्मीद है कि कोर्ट से मेरे ऊपर लगे सभी आरोप खारिज होंगे.’ वहीं, एक पत्रकार के सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा था, ‘मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में घसीटने की कोई जरूरत नहीं है.’ उस समय कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी को जांच में कुछ ‘असहज’ सवालों का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. तो चलिए जानते हैं अमित शाह के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई और उस पूरे घटनाक्रम पर पीएम मोदी का क्या स्टैंड था?
दबाव के बीच नरेंद्र मोदी का दिखा था संतुलित स्टैंड
इस पूरे प्रकरण के दौरान नरेंद्र मोदी के संतुलित स्टैंड की अमित शाह ने अतीत में अक्सर सराहना की है. उस समय नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अमित शाह पूरी तरह से निर्दोष हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप “राजनीति से प्रेरित” हैं. अमित शाह की गिरफ्तारी से पहले नरेंद्र मोदी ने गुजरात सरकार से शाह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था. पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या यह इस्तीफा शाह को दोषी मानने के बराबर है, नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘उन्होंने इसे इसलिए स्वीकार किया था, क्योंकि संविधान के तहत कुछ औपचारिकताओं को पूरा करना होता है.’ उन्होंने कहा था कि अमित शाह इस मुद्दे को कानूनी रूप से लड़ेंगे और विश्वास व्यक्त किया था कि न्यायपालिका उन्हें न्याय देगी.
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उस वक्त के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘अमित शाह के खिलाफ केस 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का बदला है, जब उसने सोहराबुद्दीन को नायक बना दिया था. यह अमित शाह और गुजरात की भाजपा सरकार को घेरने और उसके द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों में बाधा डालने के लिए राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई है. उन्होंने कहा था, ‘अमित शाह पूरी तरह बेगुनाह हैं और उन पर लगे आरोप मनगढ़ंत हैं. कांग्रेस द्वारा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है.’
2019 में भी पीएम मोदी ने किया था शाह प्रकरण को याद
हालांकि, सालों बाद 2019 में गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने उस घटना को याद किया था, जिसमें यूपीए सरकार ने गुजरात में उस वक्त के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कुछ पुलिस अधिकारियों को उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार को गिराने के लिए गिरफ्तार किया था. पीएम मोदी ने कहा था, ‘हमारे पुलिस अधिकारियों और यहां तक कि अमित शाह को भी सलाखों के पीछे डाल दिया गया. उसी रैली में पीएम मोदी ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले बयान को लेकर भी घेरा था. बता दें कि इसी मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से दोषी ठहराया गया है और लोकसभा से अयोग्य घोषित किया गया है.
अमित शाह ने सुनाई ‘आपबीती’
वहीं, न्यूज18 के साथ बातचीत में अमित शाह ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी को याद दिलाना चाहता हूं कि आपातकाल के दौरान सैकड़ों विपक्षी नेताओं को जेल भेजा गया था और जमानत का कोई प्रावधान नहीं था. मगर अब हमारे पास वह है. आप अदालत जा सकते हैं. मैं आपको बताऊंगा कि कैसे कानून का दुरुपयोग किया गया, मैं इसका भुक्तभोगी रहा हूं.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का केस नहीं किया गया था. एक एनकाउंटर हुआ था. उस वक्त मैं राज्य का गृहमंत्री था. मुझ पर केस कर दिया और सीबीआई ने मुझे अरेस्ट कर लिया.’ अमित शाह ने आगे कहा, ‘मैं जब गुजरात का गृहमंत्री था तो सीबीआई ने मुझ पर एक एनकाउंटर के मामले में फर्जी केस दर्ज किया था. मुझसे सीबीआई के 90 फीसदी सवालों में यही होता था कि क्यों परेशान हो रहे, नरेंद्र मोदी का नाम ले लो, बच जाओगे, हम छोड़ देंगे. हमने तो कभी काले कपड़े नहीं पहने, कोई विरोध नहीं किया. मोदी जी के खिलाफ एक एसआईटी बनाई. कोई करप्शन का केस नहीं था. दंगों में शामिल होने का फर्जी केस करवाया, जो अंत में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया. हमने कभी हाय-तौबा नहीं की थी. कभी काले कपड़े पहनकर संसद को जाम नहीं किया था. मैं बताता हूं कि नतीजा क्या हुआ था. मुझे अरेस्ट किया. मुझे 90 दिन में ही हाई कोर्ट ने बेल दे दी. कोर्ट ने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई के पास पर्याप्त सबूत ही नहीं हैं.’
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