फर्रुखाबाद से इलाहाबाद, मिर्जापुर, गाजीपुर के बीच गंगा का प्रदूषण स्तर सिर्फ 6 है. (पीटीआई सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली. गंगा-यमुना जैसी नदियों को दूषित होने से बचाने के लिए देश में सियासत खूब होती रही है, लेकिन जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा संसद में बताया गया है कि 30 राज्यों की 131 नदियां दूषित हो चुकी हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर की 8 नदियां भी शामिल हैं. दूषित नदियों के जल स्रोतों में सबसे ज्यादा दूषित नदी तमिलनाडु की कुम नदी और गुजरात की साबरमती नदी है. यह स्थिति न सिर्फ देश के लिए चिंताजनक है, बल्कि करोड़ों भारतीयों के स्वास्थ्य के लिए खतरा भी है.
असम से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने जल शक्ति मंत्रालय से देश के प्रदूषित जल स्रोतों नदियों के बारे में सवाल पूछा था. इसके जवाब में जल शक्ति मंत्रालय ने बताया 30 राज्यों के 131 जल स्रोत नदियां दूषित हो चुकी हैं. सबसे ज्यादा दूषित नदियों में गुजरात की 2 नदियां शामिल हैं. गुजरात की साबरमती नदी 292 प्रदूषित रेटिंग और भादर नदी 258 रेटिंग, जबकि तमिलनाडु की कोउम नदी 345 और उत्तर प्रदेश की भीला नदी 287 प्रदूषित रेटिंग के साथ सबसे ज्यादा दूषित हैं.
जम्मू-कश्मीर की प्रदूषित नदियों में चुंटकोल, तावी, बनगंगा, देवक, झीलम, लिद्दर, बसंतर, गांवकदल के नाम शामिल हैं. तापी नदी 14 प्रदूषण रेटिंग के साथ कश्मीर की सबसे दूषित नदी है, जबकि चुंटक 11 और देवक 10 प्रदूषित रेटिंग के साथ दूसरे व तीसरे स्थान पर है. दिल्ली की यमुना नदी का प्रदूषण लेवल 83 है, जबकि नोएडा में यमुना का प्रदूषण लेवल 127 हो जाता है.
हालांकि गंगा की स्थिति काफी संतोषजनक है. फर्रुखाबाद से इलाहाबाद, मिर्जापुर, गाजीपुर के बीच गंगा का प्रदूषण स्तर सिर्फ 6 है, लेकिन बिहार में सिरसिया गंगा का प्रदूषण स्तर 30 हो जाता है. असम राज्य की सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र भरालु का प्रदूषण स्तर 76 है, जबकि पंजाब की धनगर नदी 210 प्रदूषण स्तर के साथ राज्य की सबसे प्रदूषित नदी है और दूसरे स्थान पर सतलुज नदी 120 प्रदूषण के साथ है.
वहीं, पश्चिमी बंगाल की सबसे प्रदूषित नदी महानंदा का प्रदूषण स्तर 31 है, जबकि उत्तर प्रदेश की सबसे प्रदूषित नदी भीला टांडा है, जिसका प्रदूषण स्तर 287 है. मुजफ्फरनगर की काली नदी का प्रदूषण स्तर 81 है. मेरठ से कन्नौज पहुंचने पर काली नदी का प्रदूषण स्तर 144 हो जाता है, जबकि हिंडन नदी का प्रदूषण स्तर भी 126 है. तमिलनाडु की वशिष्ठा नदी का प्रदूषण स्तर 230 है.
सांसद अब्दुल खालिक ने स्थिति पर जताई चिंता: इस पूरे मुद्दे पर सवाल पूछने वाले सांसद अब्दुल खालिक का कहना है यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है और साफ है कि पिछले 8 सालों में गंगा-यमुना की सफाई और पानी दूषित करने पर राजनीति तो बहुत हुई, लेकिन काम नहीं हुआ. बापू के नाम से जुड़ी साबरमती नदी का प्रदूषण देश में सबसे ज्यादा दूषित नदियों में से एक है.
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