चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उनके ही पोते को किसान घाट पर श्रद्धांजलि देने की नहीं मिली अनुमति

RLD नेता जयंत चौधरी (फाइल फोटो- News18 English)
देश में किसान आंदोलन जारी है. नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान कई हफ्तों से दिल्ली की सरहदों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जता रहे किसानों को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 23, 2020, 12:11 PM IST
नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) की आज 118वीं जयंती है. इस मौके पर उनके पोते जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) किसान घाट पर श्रद्धांजलि (Tribute) देना चाहते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी है. राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने 16 दिसंबर को पत्र के जरिए दिल्ली पुलिस से 23 दिसंबर को किसान घाट पर जाने की अनुमति मांगी थी. पार्टी की ओर से सुबह 7.30 से लेकर 10.30 का समय मांगा गया था. इसके अलावा किसान आंदोलनों के मद्देनजर आज समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी जयंती के मौके पर अपने सियासी दांव खेलने की तैयारी कर रही हैं.
राष्ट्रीय लोक दल ने पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती के अवसर पर किसान घाट जाने की अनुमति मांगी थी जिसे पुलिस की ओर से ठुकरा दिया गया. दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए किसान घाट पर आने की अनुमति नहीं दी है. चौधरी के पोते जयंत को किसान घाट जाने से रोक दिया गया है.
किसान दिवस पर सपा और कांग्रेस की 'सियासी' तैयारी
देश में किसान आंदोलन जारी है. नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान कई हफ्तों से दिल्ली की सरहदों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जता रहे किसानों को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला है. ऐसे में पूर्व पीएम दिवंगत चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी सियासी दांव खेलने की तैयारी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. एक ओर सपा कार्यकर्ता सूबे के कई गांवों में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस भी बीजेपी सांसदों और विधायकों को घेरने की तैयारी कर रही है. दिल्ली की सरहदों पर जारी प्रदर्शनों में ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के कई इलाकों के किसानों को कानून रास नहीं आए हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान भी दिल्ली बॉर्डर पर लंबे समय से डेरा डाले हुए हैं.
राष्ट्रीय लोक दल ने पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती के अवसर पर किसान घाट जाने की अनुमति मांगी थी जिसे पुलिस की ओर से ठुकरा दिया गया. दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए किसान घाट पर आने की अनुमति नहीं दी है. चौधरी के पोते जयंत को किसान घाट जाने से रोक दिया गया है.
किसान दिवस पर सपा और कांग्रेस की 'सियासी' तैयारी
देश में किसान आंदोलन जारी है. नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान कई हफ्तों से दिल्ली की सरहदों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जता रहे किसानों को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला है. ऐसे में पूर्व पीएम दिवंगत चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी सियासी दांव खेलने की तैयारी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. एक ओर सपा कार्यकर्ता सूबे के कई गांवों में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस भी बीजेपी सांसदों और विधायकों को घेरने की तैयारी कर रही है. दिल्ली की सरहदों पर जारी प्रदर्शनों में ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के कई इलाकों के किसानों को कानून रास नहीं आए हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान भी दिल्ली बॉर्डर पर लंबे समय से डेरा डाले हुए हैं.