जम्मू में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार वापस भेजा जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट के आदेश के अनुसार जैसे ही उन्हें वापस भेजने की कागजी कार्रवाई पूरी हो जाती है, उन्हें सरकार वापस भेज सकती है.
Supreme Court on Rohingya Refugees: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने जम्मू में 150 रोहिंग्या शरणार्थियों को हिरासत में रखा है और उन्हें नियमों के अनुसार वापस म्यांमार भेजा जा सकता है.
- News18Hindi
- Last Updated: April 8, 2021, 4:13 PM IST
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जम्मू से हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees) की तत्काल रिहाई के लिए दायर की गई याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियमों के अनुसार रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजा जा सकता है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने जम्मू में 150 रोहिंग्या शरणार्थियों को हिरासत में रखा है और उन्हें नियमों के अनुसार वापस म्यांमार भेजा जा सकता है. दरअसल, एक जनहित याचिका में मांग की गई थी कि रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार न भेजा जाए, क्योंकि वहां उनको जान का खतरा है.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि विदेशी नागरिक या शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की जो भी प्रक्रिया और नियम है उसका पालन करते हुए भारत सरकार उन्हें वापस म्यांमार भेज सकती है. यानि फिलहाल जम्मू में पकड़े गए रोहिंग्या शरणार्थियों को रिहा नहीं किया जाएगा. कोर्ट के आदेश के अनुसार जैसे ही उन्हें वापस भेजने की कागजी कार्रवाई पूरी हो जाती है, उन्हें सरकार वापस भेज सकती है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद बाकी रोहिंग्या शरणार्थियों को भी वापस भेजने का रास्ता साफ हो गया है.ये भी पढ़ेंः- लता मंगेशकर का जिक्र कर 'टीचर' नरेंद्र मोदी ने छात्रों को दी परीक्षा पर सीख
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि रोहिंग्या समुदाय के बच्चों को मारा जाता है, उन्हें अपंग कर दिया जाता है और उनका यौन शोषण किया जाता है. उन्होंने कहा कि म्यांमार की सेना अंतरराष्ट्रीय मानवीयता कानून का सम्मान करने में विफल रही है. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता के वकील म्यांमार की समस्याओं की यहां बात कर रहे हैं.

जानिए आखिरकार क्या है पूरा मामला?
जम्मू में 155 से ज्यादा रोहिंग्या को होल्डिंग सेंटर में रखा गया है. ये रोहिंग्या पुलिस के बुलावे पर अपने कागजों की जांच कराने गए थे. लेकिन दिनभर चली जांच के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ लोगों को तो घर जाने की इजाजत दे दी. लेकिन बड़ी संख्या में जमा हुए रोहिंग्या को ‘होल्डिंग सेंटर’ भेज दिया. कठुआ जिले की उप-जेल जो हीरानगर में है फिलहाल रोहिंग्या के लिए ‘होल्डिंग सेंटर’ है. सभी को वहीं रखा गया है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने जम्मू में 150 रोहिंग्या शरणार्थियों को हिरासत में रखा है और उन्हें नियमों के अनुसार वापस म्यांमार भेजा जा सकता है. दरअसल, एक जनहित याचिका में मांग की गई थी कि रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार न भेजा जाए, क्योंकि वहां उनको जान का खतरा है.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि विदेशी नागरिक या शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की जो भी प्रक्रिया और नियम है उसका पालन करते हुए भारत सरकार उन्हें वापस म्यांमार भेज सकती है. यानि फिलहाल जम्मू में पकड़े गए रोहिंग्या शरणार्थियों को रिहा नहीं किया जाएगा. कोर्ट के आदेश के अनुसार जैसे ही उन्हें वापस भेजने की कागजी कार्रवाई पूरी हो जाती है, उन्हें सरकार वापस भेज सकती है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद बाकी रोहिंग्या शरणार्थियों को भी वापस भेजने का रास्ता साफ हो गया है.ये भी पढ़ेंः- लता मंगेशकर का जिक्र कर 'टीचर' नरेंद्र मोदी ने छात्रों को दी परीक्षा पर सीख
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि रोहिंग्या समुदाय के बच्चों को मारा जाता है, उन्हें अपंग कर दिया जाता है और उनका यौन शोषण किया जाता है. उन्होंने कहा कि म्यांमार की सेना अंतरराष्ट्रीय मानवीयता कानून का सम्मान करने में विफल रही है. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता के वकील म्यांमार की समस्याओं की यहां बात कर रहे हैं.
जानिए आखिरकार क्या है पूरा मामला?
जम्मू में 155 से ज्यादा रोहिंग्या को होल्डिंग सेंटर में रखा गया है. ये रोहिंग्या पुलिस के बुलावे पर अपने कागजों की जांच कराने गए थे. लेकिन दिनभर चली जांच के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ लोगों को तो घर जाने की इजाजत दे दी. लेकिन बड़ी संख्या में जमा हुए रोहिंग्या को ‘होल्डिंग सेंटर’ भेज दिया. कठुआ जिले की उप-जेल जो हीरानगर में है फिलहाल रोहिंग्या के लिए ‘होल्डिंग सेंटर’ है. सभी को वहीं रखा गया है.