यूक्रेन युद्ध पर विदेश मंत्री जयशंकर ने लोकसभा में बयान दिया.
नई दिल्लीः रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) पर लोकसभा में चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar in Lok sabha) ने कहा कि हम किसी भी तरह संघर्ष के खिलाफ हैं. हमारा मानना है कि खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर किसी समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता. संवाद और कूटनीति ही हर विवाद का सही समाधान है. यूक्रेन के बूचा में कथित नरसंहार (Bucha killings) की खबरों पर जयशंकर ने संसद में कहा कि इस तरह की रिपोर्टों से हम बहुत व्यथित हैं. हम वहां हुई हत्याओं की कड़ी निंदा करते हैं. यह एक बेहद गंभीर मामला है. हम इसकी स्वतंत्र जांच का समर्थन करते हैं. जयशंकर ने यूक्रेन से भारतीयों की वापसी के लिए चलाए गए ऑपरेशन गंगा (Operation ganga) पर भी बयान दिया.
भारत शांति का पक्षधर
जयशंकर ने लोकसभा में कहा कि भारत का मानना है कि रूस और यूक्रेन को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए. सबको यह ध्यान रखना चाहिए कि मौजूदा वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत बनाई गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान और देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता पर जोर दिया गया है. भारत ने (यूक्रेन युद्ध में) जो पक्ष चुना है, वह शांति का पक्ष है. यह हिंसा को तत्काल समाप्त करने के लिए है. यह हमारा सैद्धांतिक रुख है. संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों और बहसों में हमने लगातार इसी के अनुरूप काम किया है.
ऑपरेशन गंगा सबसे बड़ा बचाव अभियान
विदेश मंत्री ने ऑपरेशन गंगा का जिक्र करते हुए कहा कि इतने बड़े स्तर पर किसी भी देश ने बचाव अभियान नहीं चलाया. भारत दुनिया का पहला देश है, जो 20 हजार नागरिकों को अपने देश वापस ला सका. यूक्रेन से 90 विमानों से भारतीय नागरिक स्वदेश लाए गए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन और वहां की यूनिवर्सिटी ने हमारे छात्रों को दुविधा में डाल दिया था. कई यूनिवर्सिटियां छात्रों से कह रही थीं कि हम ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करवा सकते. यूक्रेन की सरकार कह रही थी कि पैनिक न हों, हम स्थिति संभाल लेंगे. ऐसे में हमारे नागरिक दुविधा में आ गए. ऐसे में 4 हजार लोग ही यूक्रेन छोड़कर आए, बाकी 18,000 वहीं रह गए.
हर तरह की मदद के लिए तैयार भारत
विदेश मंत्री ने कहा कि हमने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति से लेकर हर स्तर पर संवाद किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बात की. भारत यात्रा पर आए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को हमारा यही मैसेज था कि शांति कायम करने के लिए भारत किसी भी तरह की मदद को तैयार है. कुछ विपक्षी सदस्यों की टिप्पणियों के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति के संबंध में भारत के कदमों को राजनीतिक रंग देने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है.
लोकसभा में यूक्रेन पर ये चर्चा आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के मनीष तिवारी के नियम 193 पर दिए गए नोटिस के बाद हो रही है. मंगलवार को चार केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, किरन रिजीजू, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीके सिंह ने ऑपरेशन गंगा को लेकर सदन को ब्रीफ किया था. ये सभी मंत्री यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग देशों में गए थे.
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