संयुक्त राष्ट्र सेक्रेटरी जनरल ने कहा है कि हमें कोरोना वैक्सीन प्रोग्राम तेज करने की जरूरत है. (कॉन्सेप्ट इमेज)
नई दिल्ली. रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (Russian Direct Investment Fund) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) किरिल दमित्रिएव ने गुरुवार को कहा कि रूस (Russia) कोविड-19 के टीके (Covid-19 Vaccine) स्पूतनिक 5 (Sputnik 5) के उत्पादन के लिये भारत के साथ साझेदारी पर विचार कर रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने घोषणा की थी कि उनके देश ने कोविड-19 (Covid-19) का दुनिया का पहला टीका बना लिया है जो “काफी प्रभावी” तरीके से काम करता है और इस बीमारी के खिलाफ “स्थिर प्रतिरक्षा” देता है.
स्पूतनिक 5 का विकास गामालेया महामारी रोग और सुक्ष्मजीव विज्ञान शोध संस्थान और आरडीआईएफ मिलकर कर रहे हैं. इस टीके के तीसरे चरण का परीक्षण या बड़े पैमाने पर नैदानिक परीक्षण नहीं हुआ है. एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दमित्रिएव ने कहा कि लातिन अमेरिकी (Latin America), एशिया (Asia) और पश्चिम एशिया (West Asia) के कई देश टीके के उत्पादन में इच्छुक हैं. उन्होंने कहा, “इस टीके का उत्पादन बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है और फिलहाल हम भारत के साथ साझेदारी की उम्मीद कर रहे हैं... यह कहना बेहद महत्वपूर्ण है कि टीके के उत्पादन के लिये होने वाली यह साझेदारियां हमें मांग को पूरा करने में सक्षम बनाएंगी.” दमित्रिएव ने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय सहयोग की उम्मीद कर रहा है.
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भारत में चल रहा तीन टीकों का परीक्षण
बता दें भारत में पहले से ही कोविड-19 के तीन टीकों पर परीक्षण चल रहा है. इसमें से दो खुद भारत के हैं जिन्हें भारत बायोटेक और जायडस कैडिला बना रहे हैं जबकि तीसरा टीका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का है जिसने भारत में सीरम इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी की है. ऐसे में रूस का कोविड के टीके के लिए भारत के साथ साझेदारी करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
रूस के साथ बातचीत कर रहा विश्व स्वास्थ्य संगठन
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोप कार्यालय ने कहा कि उसने कोविड-19 के उस प्रायोगिक टीके बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए रूस के साथ बातचीत शुरू की है जिसे हाल ही में मंजूरी दी गई है. बहरहाल, टीके को लाइसेंस के पहले कारगर साबित करने के लिए आवश्यक परीक्षणों से अभी गुजरना है और इससे पहले लाइसेंस मिलने को वैज्ञानिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन कहा जा रहा है.
रूसी अधिकारियों का दावा है कि यह टीका कोविड-19 के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगा, लेकिन इस दावे के पक्ष में उन्होंने कोई प्रमाण नहीं दिए हैं. रूस के टीके का अभी तक कुछ दर्जन लोगों पर ही परीक्षण किया गया है.
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