दिल्ली एम्स में भी मरीजों को मिलेट्स से बना पौष्टिक खाना खाने को मिलेेगा. एम्स की सभी कैंटीन में समोसा-कचौरी पर बैन लगा दिया गया है.
नई दिल्ली. राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में मरीजों, परिजनों और अस्पताल स्टाफ को मिलने वाले खाने में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. अस्पताल में मिलने वाले समोसा (Samosa), कचौड़ी (Kachauri) और ब्रेड पकोड़ा (Bread Pakora) पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है. वहीं इनकी जगह कैंटीन (Canteen) संचालकों को ताजा फल, मिलेट्स वाला खाना, अंडे आदि हेल्दी खाद्य पदार्थों को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं.
पिछले हफ्ते ही दिल्ली के आयुर्वेदिक अस्पताल एआईआईए (AIIA) से लौटने के बाद एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि एम्स की कैंटीनों में मिलने वाले समोसा, कचौरी, ब्रेड पकौड़ा आदि फूड स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. इस खाने को अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग कर्मचारी, मरीजों के परिजन और अन्य कर्मचारी खाते हैं जिन्हें हेल्दी खाने की जरूरत है. ऐसे में सभी कैफेटेरिया में अंकुरित दाल और अनाज, अंडा, दूध, उबले चने, ताजे फल, फलों का जूस, सलाद, पोहा, उपमा (Upma) आदि स्वास्थ्यवर्धक भोजन परोसा जाए, जैसा कि दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में परोसा जा रहा है.
एम्स में भी मरीज खाएंगे कोदो उपमा, सौंठ के लड्डू?
बता दें कि कुछ दिन पहले ही ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा पहुंचे एम्स के निदेशक डॉ. श्रीनिवास ने एआईआईए में मरीजों को परोसे जा रहे खाने की जानकारी ली थी. एआईआईए में मरीजों को खिलाए जा रहे मिलेट्स वाले खाने जैसे कोदो का उपमा, रागी बटरमिल्क, ज्वार और बाजरा का खिचड़ा, जौ का दलिया, गाजर का हलवा, सौंठ के लड्डू, समां के चावल की खीर, लौकी की बर्फी आदि को देखकर डॉ. श्रीनिवास काफी खुश हुए और इसी प्रकार का खाना दिल्ली एम्स में भी शुरू करने की इच्छा जताई थी. एम्स निदेशक ने एआईआईए के स्वास्थ्यवेत्ता विभाग से उनका मेन्यू भी लिया था और जल्द ही एम्स में बदलाव करने की बात कही थी.
ऐसे में सूत्रों की मानें तो जल्द ही दिल्ली एम्स में मिलेट्स यानि मोटे अनाज जैसे बाजरा श्रीअन्न, ज्वार, समां, रागी, कोदो, जौ, साबूदाना आदि से बनने वाले पौष्टिक खाने को लेकर आदेश दिया जा सकता है. संभव है कि मरीजों को आयुर्वेदिक अस्पताल में मिलने वाले खाने जैसा पौष्टिक आहार या पथ्याहार देने के लिए भी फैसला हो सकता है.
एम्स निदेशक भी लेते हैं पथ्याहार
एम्स निदेशक डॉ. श्रीनिवास खुद भी रोजाना मोटे अनाज वाला पथ्याहार लेते हैं. डॉ. श्रीनिवास ने एआईआईए में बताया भी था कि वे रोजाना रागी से बने भोजन का नाश्ता करते हैं और लंच में भी सुपाच्य मोटे अनाज वाला खाना खाते हैं.
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