तीनों कृषि कानूनों के वापस होने पर दिल्ली से लगे कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने डांस कर जश्न मनाया.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों (New Farm laws) को वापस ले लिया है लेकिन किसान संगठनों ने अब भी आंदोलन को जारी रखने का ऐलान किया है. किसान संगठनों (Farmer’s Organizations) ने शनिवार को कहा कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत उनकी सभी उचित मांगों को मान नहीं लेती है तब तक हम आंदोलन जारी रखेंगे. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था.
संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी करते हुए कहा कि, 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत होगी जिसमें हजारों किसान शामिल होकर एमएसपी पर कानूनी गारंटी मांग करेंगे. दरअसल फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) वह दर है जिससे कम पर फसल को खरीदा नहीं जा सकता है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी के भाषण की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने एमएसपी को लेकर कोई बयान नहीं दिया. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया लेकिन किसानों की अन्य मांगों पर चुप्पी साधे रखी.
‘केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करे सरकार’
एसकेएम (Sanyukt Kisan Morcha) ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को भी पद से हटाने की मांग रखी. लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने के मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस हादसे में प्रदर्शन से लौट रहे 8 लोगों की मौत हो गई थी. किसान संगठनों ने कहा कि एमएसपी के अलावा, हम सरकार से मांग करते हैं कि वे बिना शर्त किसानों के खिलाफ दायर मुकदमे वापस ले.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि, किसान आंदोलन की पहली वर्षगांठ पर, 26 नवंबर को किसान भाई, आंदोलन से जुड़ी सभी जगहों पर एकत्रित होंगे. वहीं 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान किसान टोल प्लाजा और पार्लियामेंट के करीब प्रदर्शन करेंगे.
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वहीं, 28 नवंबर को किसान संगठनों ने मुंबई के आजाद मैदान में संयुक्त शेतकारी कामगार मोर्चा के बैनर तले बड़ी रैली आयोजित करने का ऐलान किया है. जहां 100 से अधिक किसान और मजदूर संगठन के लोग शामिल होंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि, केंद्र सरकार ने अपने अड़ियल और अहंकारी रवैये के कारण प्रदर्शन करने वाले किसानों को परेशान किया.
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