सत्यपाल मलिक बोले- किसानों का इस तरह अपमान न किया जाए

मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने कहा कि ये किसानों का मुद्दा है और मैं चुप नहीं रह सकता. (फाइल फोटो)
Farmers Protest: पश्चिम उत्तर प्रदेश से आने वाले सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) एक जाट नेता हैं. उन्होंने कहा है कि गाजियाबाद सीमा से आंदोलन कर रहे किसानों को हटाने के यूपी पुलिस के प्रयासों ने हालात और बिगाड़ दिए हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: February 2, 2021, 1:13 AM IST
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) पर जारी किसानों के विरोध पर मेघालय (Meghalaya) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी प्रतिक्रिया दी है. रविवार को मलिक ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार (Central Government) को सलाह दी है कि किसानों का अपमान नहीं किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने सरकार से आगे आकर किसानों से बात कर मुद्दें को सुलझाने की बात कही है. खास बात है कि सरकार ने किसानों के सामने डेढ़ साल कानून के निलंबन का प्रस्ताव रखा है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत में राज्पाल मलिक ने कहा कि किसानों को अपने कदम वापस लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. पश्चिम उत्तर प्रदेश से आने वाले मलिक एक जाट नेता हैं. उन्होंने कहा है कि गाजियाबाद सीमा (Ghaziabad Border) से आंदोलन कर रहे किसानों को हटाने के यूपी पुलिस के प्रयासों ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. बीती 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दौरान हुई किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) में हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी.
यह भी पढ़ें: सिंघू बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा से और किसान जुटेउन्होंने कहा 'मैं एक व्यक्ति हूं, जो सांवैधानिक पद संभाल रहा है. मुझे इस तरह से बयान नहीं देने चाहिए. लेकिन यह किसानों का मुद्दा है और मैं चुपचाप नहीं रह सकता.' मलिक ने बताया 'मैंने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने का निवेदन कर दिया है.' उन्होंने कहा 'किसानों को अपमानित कर वापस नहीं भेज सकते. आप उन्हें बेइज्जत नहीं कर सकते और प्रदर्शन से वापस नहीं भेज सकते. आपको उन्हें बातों में लगाकर रखना चाहिए.'

राज्यपाल ने कहा 'प्रधानमंत्री मोदी के पास किसानों के बीच बहुत समर्थन है. उनके पास ताकत है. उन्हें दरियादिली दिखानी चाहिए और मुद्दों को खत्म करने के लिए उनपर चर्चा करनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे, तो मुद्दा सुलझ सकता है. शुक्रवार के बाद से ही उत्तर प्रदेश और हरियाणा के गांवों से किसानों ने गाजीपुर पहुंचना शुरू कर दिया है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत में राज्पाल मलिक ने कहा कि किसानों को अपने कदम वापस लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. पश्चिम उत्तर प्रदेश से आने वाले मलिक एक जाट नेता हैं. उन्होंने कहा है कि गाजियाबाद सीमा (Ghaziabad Border) से आंदोलन कर रहे किसानों को हटाने के यूपी पुलिस के प्रयासों ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. बीती 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दौरान हुई किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) में हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी.
यह भी पढ़ें: सिंघू बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा से और किसान जुटेउन्होंने कहा 'मैं एक व्यक्ति हूं, जो सांवैधानिक पद संभाल रहा है. मुझे इस तरह से बयान नहीं देने चाहिए. लेकिन यह किसानों का मुद्दा है और मैं चुपचाप नहीं रह सकता.' मलिक ने बताया 'मैंने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने का निवेदन कर दिया है.' उन्होंने कहा 'किसानों को अपमानित कर वापस नहीं भेज सकते. आप उन्हें बेइज्जत नहीं कर सकते और प्रदर्शन से वापस नहीं भेज सकते. आपको उन्हें बातों में लगाकर रखना चाहिए.'
राज्यपाल ने कहा 'प्रधानमंत्री मोदी के पास किसानों के बीच बहुत समर्थन है. उनके पास ताकत है. उन्हें दरियादिली दिखानी चाहिए और मुद्दों को खत्म करने के लिए उनपर चर्चा करनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे, तो मुद्दा सुलझ सकता है. शुक्रवार के बाद से ही उत्तर प्रदेश और हरियाणा के गांवों से किसानों ने गाजीपुर पहुंचना शुरू कर दिया है.