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शरजील इमाम के रिहा होने के बाद चिदंबरम का हमला, सजा से पहले जेल में रखने पर उठाया सवाल, पूछा- कौन लौटाएगा उनके दिन

पी. चिदंबरम ने पूछा- आरोपियों ने इतना समय जेल में बिताया, वो उन्हें कौन लौटाएगा. (ANI)

पी. चिदंबरम ने पूछा- आरोपियों ने इतना समय जेल में बिताया, वो उन्हें कौन लौटाएगा. (ANI)

P. Chidamabaram: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मुकदमे से पहले ही जेल भेजने वाली आपराधिक न्याय प्रणाली स ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

चिदंबरम ने कहा- मुकदमे से पहले ही कैदी बनाने वाली आपराधिक न्याय प्रणाली संविधान का अपमान.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से ‘कानून के आए दिन होने वाले दुरुपयोग’ को खत्म करने का आग्रह किया.
दिल्ली की एक अदालत ने जामिया नगर हिंसा मामले में शरजील इमाम को शनिवार को बरी कर दिया.

नई दिल्ली. जामिया नगर हिंसा मामले में स्टूडेंट और एक्टिविस्ट शरजील इमाम और 10 अन्य लोगों के आरोपमुक्त होने के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि मुकदमे से पहले ही कैदी बनाने वाली आपराधिक न्याय प्रणाली संविधान का अपमान है. उन्होंने उच्चतम न्यायालय से ‘कानून के आए दिन होने वाले दुरुपयोग’ को खत्म करने का आग्रह किया. दिल्ली की एक अदालत ने जामिया नगर हिंसा मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा सहित 11 लोगों को शनिवार को आरोपमुक्त कर दिया.

अदालत ने फैसले में कहा कि चूंकि पुलिस वास्तविक अपराधियों को पकड़ पाने में असमर्थ रही और इसलिए उसने इन आरोपियों को ‘बलि का बकरा’ बना दिया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर पूछा कि क्या आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई सबूत था. पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि ‘अदालत का निष्कर्ष स्पष्ट रूप से ‘नहीं’ है. कुछ आरोपी करीब तीन साल तक जेल में बंद रहे. कुछ को कई महीनों बाद जमानत मिली. यह मुकदमे से पहले कैदी बनाना है.’

CAA Protest: जामिया हिंसा मामले में आरोपी शरजील इमाम को कोर्ट ने किया बरी

उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि ‘मुकदमे की सुनवाई पूरी होने से पहले नागरिकों को जेल में रखने के लिए एक अयोग्य पुलिस और अति उत्साही अभियोजक जिम्मेदार हैं. उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?’ कांग्रेस नेता ने पूछा कि आरोपियों ने इतने महीने या साल जेल में बिताए, वो उन्हें कौन लौटाएगा. चिदंबरम ने कहा कि ‘मुकदमे से पहले कैदी बनाने की हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली भारत के संविधान खासतौर से अनुच्छेद 19 और 21 का अपमान है. उच्चतम न्यायालय को कानून के आए दिन होने वाले इस दुरुपयोग पर रोक लगानी होगी. जितनी जल्दी हो, उतना अच्छा.’ गौरतलब है कि दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में आरोपी शरजील इमाम को बरी कर दिया है. उनके खिलाफ नॉर्थ ईस्ट के असम सहित कई राज्यों में सीएए-एनआरसी (NRC) के मुद्दे पर लोगों को भड़काने के लिए विवादित बयानबाजी करने के मामले दर्ज हैं.

Tags: CAA protest, Sedition case, Sharjeel Imam, Sharjeel Imam Bail

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