Vaccine Update: सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला का दावा, फरवरी-मार्च तक बाजार में होगी कोरोना वैक्सीन

फरवरी-मार्च तक बाजार में होगी कोरोना वैक्सीन. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने बताया कि कंपनी ने पहले से 4 से 5 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की डोज तैयार कर रखी हैं. उन्होंने कहा कि ये केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि उन्हें वैक्सीन (Vaccine) की कितनी मात्रा और कितनी जल्दी चाहिए.
- News18Hindi
- Last Updated: January 4, 2021, 7:22 PM IST
नई दिल्ली. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) के आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. डीसीजीआई से मिली मंजूरी के बाद अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड फरवरी-मार्च तक बाजार में आ जाएगी. उन्होंने कहा कि हम सरकार के खरीद आदेश का इंतजार कर रहे हैं.
अदार पूनावाला ने बताया कि कंपनी ने पहले से 4 से 5 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन की डोज तैयार कर रखी हैं. उन्होंने कहा कि ये केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि उन्हें वैक्सीन की कितनी मात्रा और कितनी जल्दी चाहिए. एशिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता ने कहा कि जुलाई 2021 तक वैक्सीन की 30 करोड़ डोज तैयार करने का लक्ष्य है. पूनावाला ने वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है. कोरोना से लंबी सुरक्षा के लिए वैक्सीन की देा खुराक जरूरी होगी. तीन महीने के अंतराल में वैक्सीन 90 प्रतिशत असरदार है.

अदार ने कहा कि भारत कोवॉक्स कार्यक्रम का हिस्सा है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में जो कुछ निर्मित किया जाएगा, उसका 50 फीसदी भारत को मिलेगा और बाकी 50 फीसदी कोवॉक्स के साथ शेयर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत की आबादी बहुत बड़ी है और कंपनी की ओर से तैयार की गई 5 करोड़ डोज का ज्यादातर हिस्सा देश में ही खप सकता है. पूनावाला ने कहा कि 2021 के शुरुआती छह महीनों में वैश्विक स्तर पर वैक्सीन के टीकों की कमी हो सकती है. इसमें कोई मदद नहीं कर सकता, लेकिन अगस्त-सितंबर से जैसे ही दूसरे वैक्सीन निर्माता सप्लाई देना शुरू करेंगे, वैक्सीन का मिलना आसान हो जाएगा.इसे भी पढ़ें :- कोरोना वैक्सीन के 5 करोड़ डोज तैयार, उम्मीद है जल्द मिलेगी मंजूरी: सीरम इंस्टीट्यूट
कानूनी मुकदमों से बचाने में दवा कंपनियों की मदद करे सरकार
अदार पूनावाला का कहना है कि सरकार को वैक्सीन निर्माता कंपनियों को कानूनी मुकदमों से बचाने के लिए कानून लाना चाहिए. पूनावाला ने कहा इससे कंपनियों और वैक्सीन लगवाने वालों को भी मदद मिलेगी. सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है. यहां ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन तैयार हो रही है. गौरतलब है कि कुछ समय पहले कंपनी पर एक व्यक्ति ने कंपनी से 5 करोड़ का मुआवजा मांगा था.
अदार पूनावाला ने बताया कि कंपनी ने पहले से 4 से 5 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन की डोज तैयार कर रखी हैं. उन्होंने कहा कि ये केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि उन्हें वैक्सीन की कितनी मात्रा और कितनी जल्दी चाहिए. एशिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता ने कहा कि जुलाई 2021 तक वैक्सीन की 30 करोड़ डोज तैयार करने का लक्ष्य है. पूनावाला ने वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है. कोरोना से लंबी सुरक्षा के लिए वैक्सीन की देा खुराक जरूरी होगी. तीन महीने के अंतराल में वैक्सीन 90 प्रतिशत असरदार है.
अदार ने कहा कि भारत कोवॉक्स कार्यक्रम का हिस्सा है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में जो कुछ निर्मित किया जाएगा, उसका 50 फीसदी भारत को मिलेगा और बाकी 50 फीसदी कोवॉक्स के साथ शेयर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत की आबादी बहुत बड़ी है और कंपनी की ओर से तैयार की गई 5 करोड़ डोज का ज्यादातर हिस्सा देश में ही खप सकता है. पूनावाला ने कहा कि 2021 के शुरुआती छह महीनों में वैश्विक स्तर पर वैक्सीन के टीकों की कमी हो सकती है. इसमें कोई मदद नहीं कर सकता, लेकिन अगस्त-सितंबर से जैसे ही दूसरे वैक्सीन निर्माता सप्लाई देना शुरू करेंगे, वैक्सीन का मिलना आसान हो जाएगा.इसे भी पढ़ें :- कोरोना वैक्सीन के 5 करोड़ डोज तैयार, उम्मीद है जल्द मिलेगी मंजूरी: सीरम इंस्टीट्यूट
कानूनी मुकदमों से बचाने में दवा कंपनियों की मदद करे सरकार
अदार पूनावाला का कहना है कि सरकार को वैक्सीन निर्माता कंपनियों को कानूनी मुकदमों से बचाने के लिए कानून लाना चाहिए. पूनावाला ने कहा इससे कंपनियों और वैक्सीन लगवाने वालों को भी मदद मिलेगी. सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है. यहां ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन तैयार हो रही है. गौरतलब है कि कुछ समय पहले कंपनी पर एक व्यक्ति ने कंपनी से 5 करोड़ का मुआवजा मांगा था.