शरद पवार ने परमबीर सिंह की चिट्ठी पर उठाए सवाल - कोरोना के चलते अस्पताल में थे अनिल देशमुख, कैसे हुई मुलाकात?

शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा है कि जिस समय का जिक्र परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) से मिलने का चिट्ठी में किया उस वक्त वो नागपुर के अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे थे.
- News18Hindi
- Last Updated: March 22, 2021, 4:19 PM IST
मुंबई. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी (Param bir Singh) ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज कर दी है. हालांकि अब अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के पक्ष में एनसीपी आ गई है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा है कि जिस समय परमबीर सिंह से अनिल देशमुख के मिलने की बात कही जा रही है, उस वक्त वह अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने कहा कि हमारे पास रिकॉर्ड है कि जिस समय की बात मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर कर रहे हैं, उस वक्त अनिल देशमुख नागपुर में कोरोना का इलाज कराने के लिए अस्पताल में भर्ती थे.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 5 से 15 फरवरी तक महाराष्ट्र्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और 15 फरवरी से 27 फरवरी तक वह घर पर ही कोरोना की जंग लड़ रहे थे. उन्होंने परमबीर सिंह के आरोपों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले एक महीने से वो चुप क्यों थे? अगर उन्हें गृहमंत्री की बात सही नहीं लगी थी तो उस समय क्यों नहीं बोले?

उन्होंने एक बार फिर कहा कि जब ये बात साफ हो गई है कि जिस समय की बात परमबीर सिंह ने अपने आरोप में कर रहे हैं उस वक्त देशमुख अस्पताल में थे, ऐसे में उनके इस्तीफे की बात ही कहीं नहीं आती है. शरद पवार ने कहा कि परमबीर सिंह का दावा पूरी तरह से गलत है.उधर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों पर कई तरह के सवाल उठाए हैं. नवाब मलिक ने कहा, परमबीर सिंह की चिट्ठी उनके ट्रांसफर के बाद लिखी गई है. उन्होंने ये चिट्ठी पहले क्यों नहीं लिखी.' नवाब मलिक ने बताया कि फरवरी में देशमुख अस्पताल में भर्ती थे उसके बाद वो होम क्वारंटीन में चले गए. उन्होंने कहा कि ये सब सरकार को बदनाम करने की साजिश है.
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बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का आरोप है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करके उन्हें पहुंचाएं. सिंह के आरोपों पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि चिट्ठी में लगाए गए आरोप गंभीर जरूर हैं, लेकिन इसमें कोई सबूत नहीं दिया गया है. पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में आखिरी फैसला लेंगे.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 5 से 15 फरवरी तक महाराष्ट्र्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और 15 फरवरी से 27 फरवरी तक वह घर पर ही कोरोना की जंग लड़ रहे थे. उन्होंने परमबीर सिंह के आरोपों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले एक महीने से वो चुप क्यों थे? अगर उन्हें गृहमंत्री की बात सही नहीं लगी थी तो उस समय क्यों नहीं बोले?
उन्होंने एक बार फिर कहा कि जब ये बात साफ हो गई है कि जिस समय की बात परमबीर सिंह ने अपने आरोप में कर रहे हैं उस वक्त देशमुख अस्पताल में थे, ऐसे में उनके इस्तीफे की बात ही कहीं नहीं आती है. शरद पवार ने कहा कि परमबीर सिंह का दावा पूरी तरह से गलत है.उधर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों पर कई तरह के सवाल उठाए हैं. नवाब मलिक ने कहा, परमबीर सिंह की चिट्ठी उनके ट्रांसफर के बाद लिखी गई है. उन्होंने ये चिट्ठी पहले क्यों नहीं लिखी.' नवाब मलिक ने बताया कि फरवरी में देशमुख अस्पताल में भर्ती थे उसके बाद वो होम क्वारंटीन में चले गए. उन्होंने कहा कि ये सब सरकार को बदनाम करने की साजिश है.

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बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का आरोप है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करके उन्हें पहुंचाएं. सिंह के आरोपों पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि चिट्ठी में लगाए गए आरोप गंभीर जरूर हैं, लेकिन इसमें कोई सबूत नहीं दिया गया है. पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में आखिरी फैसला लेंगे.