PM मोदी ने श्रीराम चंद्र मिशन की 75वीं सालगिरह पर दी बधाई, योग, कोरोना पर कही ये बड़ी बात

पीएम ने कहा 'पोस्ट कोरोना विश्व में अब योग और ध्यान को लेकर अब गंभीरता और बढ़ रही है. (फोटो: @BJP4India/Twitter)
75 years of ShriRam Chandra Mission: वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) को लेकर पीएम ने कहा 'जब दुनिया को कोविड-19 वैक्सीन की जरूरत है, तो भारत उन्हें यह भेजकर गर्व महसूस कर रहा है.' मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक टीकाकरण में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 16, 2021, 6:05 PM IST
नई दिल्ली. श्री रामचंद्र मिशन (ShriRam Chandra Mission) को शुरू हुए आज 75 वर्ष हो गए हैं. इस मौके पर मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देशवासियों को बधाई दी है. उन्होंने कहा, 'राष्ट्र निर्माण में समाज को मजबूती से आगे बढ़ाने में 75 वर्ष का ये पड़ाव बहुत अहम है.' इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) के दौर में देश के प्रयासों का भी जिक्र किया है.
पीएम मोदी ने कहा, 'श्रीराम चंद्र मिशन के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकानाएं. राष्ट्र निर्माण में समाज को मजबूती से आगे बढ़ाने में 75 वर्ष का ये पड़ाव बहुत अहम है. लक्ष्य के प्रति आपके समर्पण का ही परिणाम है कि आज ये यात्रा 150 से ज्यादा देशों में फैल चुकी है.' उन्होंने कहा, 'आप सभी ने बाबूजी से मिली प्रेरणा को करीब से महसूस किया है. जीवन की सार्थकता प्राप्त करने के लिए उनके प्रयोग, मन की शांति प्राप्त करने के लिए उनके प्रयास हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं.'
'दुनिया को प्रेरित कर रहा है भारत'
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा, 'बीते 6 सालों में भारत ने दुनिया के कई बड़े लोक कल्याण कार्यक्रमों में काम किया है. इन प्रयासों का उद्देश्य गरीब व्यक्ति को सम्मानित जीवन और मौके देना है.' उन्होंने कहा 'कोरोना महामारी की शुरुआत में भारत की स्थिति को लेकर पूरी दुनिया चिंतित थी, लेकिन आज कोरोना से भारत की लड़ाई दुनिया भर को प्रेरित कर रही है.'वैक्सीन को लेकर पीएम ने कहा, 'जब दुनिया को कोविड-19 वैक्सीन की जरूरत है, तो भारत उन्हें यह भेजकर गर्व महसूस कर रहा है.' मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक टीकाकरण में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा, 'कल्याण को लेकर हमारी सोच जितनी घरेलू है, उतनी ही विश्व स्तर पर भी है.' खास बात है कि भारत ने कई पड़ोसी देशों को शुरुआती दौर में मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराई थी. इसके बाद कई देशों के साथ लाखों डोज की डील भी तय की गई है.

योग को बताया बेहद जरूरी
पीएम ने कहा, 'पोस्ट कोरोना विश्व में अब योग और ध्यान को लेकर अब गंभीरता और बढ़ रही है. श्रीमद्भगवद्गीता में लिखा है- सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते. यानी, सिद्धि और असिद्धि में समभाव होकर योग में रमते हुए सिर्फ कर्म करो, ये समभाव ही योग कहलाता है.' उन्होंने कहा, 'योग के साथ ध्यान की भी आज के विश्व को बहुत अधिक आवश्यकता है. दुनिया की कई बड़ी संस्था ये दावा कर चुकी हैं कि अवसाद मानव जीवन की कितनी बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.' उन्होंने कहा है कि ऐसे में मुझे विश्वास है कि आप अपने कार्यक्रम से योग और ध्यान के जरिए इस समस्या से निपटने में मानवता की मदद करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा, 'श्रीराम चंद्र मिशन के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकानाएं. राष्ट्र निर्माण में समाज को मजबूती से आगे बढ़ाने में 75 वर्ष का ये पड़ाव बहुत अहम है. लक्ष्य के प्रति आपके समर्पण का ही परिणाम है कि आज ये यात्रा 150 से ज्यादा देशों में फैल चुकी है.' उन्होंने कहा, 'आप सभी ने बाबूजी से मिली प्रेरणा को करीब से महसूस किया है. जीवन की सार्थकता प्राप्त करने के लिए उनके प्रयोग, मन की शांति प्राप्त करने के लिए उनके प्रयास हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं.'
'दुनिया को प्रेरित कर रहा है भारत'
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा, 'बीते 6 सालों में भारत ने दुनिया के कई बड़े लोक कल्याण कार्यक्रमों में काम किया है. इन प्रयासों का उद्देश्य गरीब व्यक्ति को सम्मानित जीवन और मौके देना है.' उन्होंने कहा 'कोरोना महामारी की शुरुआत में भारत की स्थिति को लेकर पूरी दुनिया चिंतित थी, लेकिन आज कोरोना से भारत की लड़ाई दुनिया भर को प्रेरित कर रही है.'वैक्सीन को लेकर पीएम ने कहा, 'जब दुनिया को कोविड-19 वैक्सीन की जरूरत है, तो भारत उन्हें यह भेजकर गर्व महसूस कर रहा है.' मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक टीकाकरण में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा, 'कल्याण को लेकर हमारी सोच जितनी घरेलू है, उतनी ही विश्व स्तर पर भी है.' खास बात है कि भारत ने कई पड़ोसी देशों को शुरुआती दौर में मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराई थी. इसके बाद कई देशों के साथ लाखों डोज की डील भी तय की गई है.
योग को बताया बेहद जरूरी
पीएम ने कहा, 'पोस्ट कोरोना विश्व में अब योग और ध्यान को लेकर अब गंभीरता और बढ़ रही है. श्रीमद्भगवद्गीता में लिखा है- सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते. यानी, सिद्धि और असिद्धि में समभाव होकर योग में रमते हुए सिर्फ कर्म करो, ये समभाव ही योग कहलाता है.' उन्होंने कहा, 'योग के साथ ध्यान की भी आज के विश्व को बहुत अधिक आवश्यकता है. दुनिया की कई बड़ी संस्था ये दावा कर चुकी हैं कि अवसाद मानव जीवन की कितनी बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.' उन्होंने कहा है कि ऐसे में मुझे विश्वास है कि आप अपने कार्यक्रम से योग और ध्यान के जरिए इस समस्या से निपटने में मानवता की मदद करेंगे.