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इस्पात से जुड़ी आवश्यकताओं की पूर्ति कर नाम बना रहे हैं कलकत्ता के सिद्धार्थ मालू

सालाना इस्पात का औसत उपयोग प्रति व्यक्ति 229kg है. जबकि अधिकांश अफ्रीकी देशों में यह आंकड़ा 50kg से भी कम है. यानी इस्पात के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की आशा व अवसर है.

सालाना इस्पात का औसत उपयोग प्रति व्यक्ति 229kg है. जबकि अधिकांश अफ्रीकी देशों में यह आंकड़ा 50kg से भी कम है. यानी इस्पात के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की आशा व अवसर है.

सालाना इस्पात का औसत उपयोग प्रति व्यक्ति 229kg है. जबकि अधिकांश अफ्रीकी देशों में यह आंकड़ा 50kg से भी कम है. यानी इस्प ...अधिक पढ़ें

    दुनिया भर के इस्पात संयंत्र कच्चे माल, मशीनों के कलपुर्जा जैसी सैकड़ों तरह की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अनेक विक्रेताओं पर निर्भर रहते हैं. विश्व में तेजी से विकसित हो रहे बुनियादी ढांचागत के मद्देनजर सभी देशों में इस्पात संयंत्रों की भारी संख्या में वृद्धि हुई है. हर एक संयंत्र को विभिन्न प्रकार के कच्चे माल व उत्पादन हेतु कई प्रकार की वस्तुओं की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है.

    इस्पात संयत्रों में आपूर्ति के क्षेत्र में कोलकाता स्थित पेरिनियल ग्रुप ने विदेशों के इस्पात संयंत्रों की आपूर्ति हेतु एक मॉडल “एक ही स्थान पर संपूर्ण समाधान" प्रस्तुत किया है. कंपनी के सीईओ सिद्धार्थ मालू ने बताया कि, "भारत की मजबूत निर्यात क्षमता को देखते हुए, हमने ऐसी व्यापारि क योजना की परिकल्पना की है जिसमें हम विदेशों के इस्पात संयंत्रों की आवश्यक समस्त वस्तुओं की आपूर्ति करेंगे. कच्चा माल, फेरो एलॉयज, उपभोक्ता सामग्री, मशीन, कलपुर्जे आदि समस्त वस्तुएं हमारी उपलब्ध सूची में शामिल है.''

    विक्रेताओं से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई खेप में माल मंगाने पर लागत मूल्य तथा कागजी कार्रवाई बढ़ती जाती है. इस समस्या के समाधान के लिए जय मार्केट क्रिएटर समस्त आवश्यकता की पूर्ति एक मुश्त करने में सक्षम है. मालू ने बताया कि "एक ही शिपमेंट में, इस्पात कारखाने अपनी समस्त आवश्यक वस्तुओं को हमारे मार्फत आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. इस्पात उद्योग की प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ति करना ही हमारा लक्ष्य है. पहले से ही अफ्रीका, मध्य पूर्व व दक्षिणी एशिया के देशों में तकनीकी बैकअप व उत्तम गुणवत्ता को देखकर नए ग्राहक भी तेजी से जुड़ रहे हैं."

    मालू ने यह भी कहा कि "प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत का आह्वान हमें भारत को संसार के उद्योगों की आवश्यकता पूर्ति का केद्र बनाने के लिए प्रेरित करता है. हम समर्पित भाव से इस पर कार्य कर के अपने पंख पसार रहे हैं." जानकारी के अनुसार विश्व में सालाना इस्पात का औसत उपयोग प्रति व्यक्ति 229kg है. जबकि अधिकांश अफ्रीकी देशों में यह आंकड़ा 50kg से भी कम है. यानी इस्पात के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की आशा व अवसर है.

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