चीनी सीमा पर नियंत्रण में स्थिति, नेपाल से हमेशा मजबूत रिश्ते रहेंगे - सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे

COAS मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि - चीन सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है.
भारतीय थल सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंदर नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने कहा कि चीन से सटी सीमाओं पर स्थिति नियंत्रण में है और बातचीत जारी है.
- News18Hindi
- Last Updated: June 13, 2020, 11:09 AM IST
देहरादून. भारतीय थल सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंदर नरवणे (COAS Manoj Mukund Naravane) ने कहा कि चीन (China India) से सटी सीमाओं पर स्थिति नियंत्रण में है और बातचीत जारी है. CoAS नरवणे शनिवार को उत्तराखंड स्थित देहरादून में थे. यहां उन्होंने इंडियन मिलिट्री अकादमी (IMA POP 2020) की पासिंग आउट परेड में रिव्यूइंग ऑफिसर के तौर पर हिस्सा लिया. इस दौरान मीडिया से बातचीत में नरवणे ने कहा कि 'मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि चीन के साथ हमारी सीमाओं पर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. हम बातचीत कर रहे हैं, जो कोर कमांडर स्तर की वार्ता के साथ शुरू हुई है और स्थानीय स्तर पर कमांडरों के समकक्ष रैंक के साथ शुरू की गई है.'
जनरल नरवणे ने कहा कि 'नतीजतन, डिसिन्गैज्मन्ट कम हुई और हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे द्वारा किए जा रहे निरंतर संवाद के माध्यम से हम (भारत और चीन) सभी मतभेदों को दूर करेंगे. सब कुछ नियंत्रण में है.'
नेपाल (Indo-Nepal Border) के साथ हालिया घटनाक्रम और विवादों की शृंखला पर जनरल नरवणे ने कहा कि नेपाल के साथ हमारे बहुत मजबूत संबंध हैं. हमारे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक संबंध हैं. हमारे पास लोगों को जोड़ने के लिए बहुत मजबूत लोग हैं. उनके साथ हमारा संबंध हमेशा मजबूत रहा है और भविष्य में मजबूत बन रहेगा.'
बता दें भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है. दोनों देशों ने एलएसी पर उत्तरी सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है.मानचित्र विवाद के बाद बिहार के सीतामढ़ी में इंडो-नेपाल सीमा पर गोलीबारी
वहीं नेपाल द्वारा जारी नये राजनीतिक मानचित्र में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली सीमा में दिखाने से बाद तनाव बढ़ गया है. शुक्रवार को नेपाल की पुलिस की गोलीबारी में 1 भारतीय नागरिक के मारे जाने की घटना बाद से स्थिति गंभीर है. मानचित्र के मुद्दे पर भारत ने नेपाल को साफ कह दिया है कि क्षेत्र को लेकर वह अपने दावों में ‘कृत्रिम इजाफा’ न करे. भारत ने साफ कहा है कि ये तीनों इलाके उत्तराखंड के हिस्से हैं जबकि नेपाल ने हाल में जारी मानचित्र में इन्हें पश्चिमी नेपाल का हिस्सा दिखाया है.
भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद गत वर्ष नवंबर में नया मानचित्र जारी किया था. भारत द्वारा जारी मानचित्र में इन इलाकों को उत्तराखंड के हिस्से के तौर पर दिखा गया है जबकि नेपाल इसे विवादित मानता है.
दूसरी ओर बिहार के सीतामढ़ी में गोलीबारी की घटना पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा ने बताया कि यह तकरार त्वरित आधार पर घटी स्थानीय घटना है. इसी बल के जिम्मे नेपाल से लगती 1,751 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
यह भी पढ़ें: भारत-चीन सीमा विवाद: मदद के लिए प्रशांत महासागर में मौजूद हैं US के 3 विमानवाहक पोत

जनरल नरवणे ने कहा कि 'नतीजतन, डिसिन्गैज्मन्ट कम हुई और हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे द्वारा किए जा रहे निरंतर संवाद के माध्यम से हम (भारत और चीन) सभी मतभेदों को दूर करेंगे. सब कुछ नियंत्रण में है.'
नेपाल (Indo-Nepal Border) के साथ हालिया घटनाक्रम और विवादों की शृंखला पर जनरल नरवणे ने कहा कि नेपाल के साथ हमारे बहुत मजबूत संबंध हैं. हमारे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक संबंध हैं. हमारे पास लोगों को जोड़ने के लिए बहुत मजबूत लोग हैं. उनके साथ हमारा संबंध हमेशा मजबूत रहा है और भविष्य में मजबूत बन रहेगा.'
बता दें भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है. दोनों देशों ने एलएसी पर उत्तरी सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है.मानचित्र विवाद के बाद बिहार के सीतामढ़ी में इंडो-नेपाल सीमा पर गोलीबारी
वहीं नेपाल द्वारा जारी नये राजनीतिक मानचित्र में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली सीमा में दिखाने से बाद तनाव बढ़ गया है. शुक्रवार को नेपाल की पुलिस की गोलीबारी में 1 भारतीय नागरिक के मारे जाने की घटना बाद से स्थिति गंभीर है. मानचित्र के मुद्दे पर भारत ने नेपाल को साफ कह दिया है कि क्षेत्र को लेकर वह अपने दावों में ‘कृत्रिम इजाफा’ न करे. भारत ने साफ कहा है कि ये तीनों इलाके उत्तराखंड के हिस्से हैं जबकि नेपाल ने हाल में जारी मानचित्र में इन्हें पश्चिमी नेपाल का हिस्सा दिखाया है.
भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद गत वर्ष नवंबर में नया मानचित्र जारी किया था. भारत द्वारा जारी मानचित्र में इन इलाकों को उत्तराखंड के हिस्से के तौर पर दिखा गया है जबकि नेपाल इसे विवादित मानता है.
दूसरी ओर बिहार के सीतामढ़ी में गोलीबारी की घटना पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा ने बताया कि यह तकरार त्वरित आधार पर घटी स्थानीय घटना है. इसी बल के जिम्मे नेपाल से लगती 1,751 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
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