गोरखा मोर्चा के प्रमुख के घर पर छापे के बाद दार्जिलिंग में हालात बिगड़े, कई जगहों पर लगाई गई आग
दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बेमियादी बंद के तेवर अब तीखे हो गए हैं. गुरुवार की रात कई इमारतों में आग की लपटें देखी गईं. पुलिस ने इसे जीजेएम समर्थकों का काम बताया है.
दार्जिलिंग हिल्स एरिया में हफ्ते भर से हिंसा का माहौल है. गुरुवार जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग के घर पर पुलिस छापे के बाद मोर्चा कार्यकर्ताओं के तेवर कुछ ज्यादा ही उग्र हो गए.
रात के अंधेरे में बोला गया धावा
मोर्चा समर्थकों ने रात के अंधेरे में गुरुवार को कई जगह धावा बोला. कई इमारतों और ऑफिसों को आग के हवाले कर दिया. इसमें तारोचोला वन अधिकारियों के घर, लोढामाह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और रिमाबिक हाइड्रोइलैक्ट्रिक सेंटर शामिल हैं. रात में लोगों ने आसमान में आग की ऊंची-ऊंची लपटें उठती देखीं. रात बीतने के बाद सुबह भी वही आलम था. मिरिक के एक स्कूल और पहलगांव के पंचायत कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया.
स्कूलों और आफिसों को बनाया निशाना
कई सरकारी स्कूलों और कार्यालयों पर हमले किए गए. मोर्चा समर्थकों ने कलिम्पोंग सरकारी आफिसों को निशाना बनाया. हिंसा के दौरान कामी डेवलपमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष की कार को आग लगाने की कोशिश हुई. सेरिकल्चर आफिस को जला दिया गया. पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है. हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन को खासी दिक्कतें हो रही हैं. सैनिकों की तीन टुकड़ियां और तैनात की गई हैं. कई अधिकारियों को दार्जिलिंग ट्रांसफर किया गया है. केंद्र सरकार ने यहां 600 अर्द्धसैनिक बलों के जवान भेजे हैं. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री ने बंगाल सरकार से दार्जिलिंग के हालात की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
पुलिस कार्रवाई का विरोध
गुरुवार को जीजेएम प्रमुख के घर पर पुलिस छापे के बाद हालात और बिगड़े हैं. पुलिस का कहना है कि उसने पुख्ता सूचनाओं के आधार पर जीजेएम प्रमुख के घर पर छापा मारा गया, जहां काफी हथियार छिपे मिले. पुलिस ने सिंगमारी और पटलेबास स्थित जीजेएम प्रमुख के परिसरों की तलाशी ली थी. इन हथियारों के बारे में मोर्चा ने सफाई दी कि ये पुराने परंपरागत शस्त्र हैं, जो एक स्थानीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए इकट्ठे किए गए हैं.
राज्य सरकार की चेतावनी
वहीं राज्य सरकार ने दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कही है. पुलिस जांच कर रही है कि पहाड़ों पर हथियारों की तस्करी किस तरह हो रही है. उसका आरोप है कि गोरखा मोर्चा के कुछ नेता स्थानीय लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं. जीजेएम ने पहले तो आंदोलन की शुरुआत स्कूलों में बांग्ला भाषा को लागू करने के विरोध में की थी लेकिन अब ये आंदोलन अलग गोरखालैंड राज्य की मुड़ गया है.
भाजपा सांसद ने ममता को कोसा
इस बीच दार्जिलिंग के भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया ने मांग की है कि पश्चिम बंगाल सरकार तुरंत एक नोटिफिकेशन जारी कर ये कहे कि हिल्स एरिया के स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य भाषा नहीं है. उन्होंने ये बात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद कही. उनके साथ जीजेएम के महासचिव रोशन गिरी भी गृह मंत्री से मिलने गए थे.अहलूवालिया ने दार्जिलिंग की हालात के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ममता को तुरंत नोटिफिकेशऩ जारी करना चाहिए.
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