श्रीनगर: सेशन कोर्ट के जज का आरोप, जमानत के लिए हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने बनाया दबाव

(कॉन्सेप्ट इमेज.)
जम्मू और कश्मीर के एक कानून अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने द्वितीय जिला एवं सत्र जज को जमानत अर्जी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि आरोपी को बुधवार को जमानत दी गई.
- भाषा
- Last Updated: December 11, 2020, 12:45 PM IST
श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) की राजधानी श्रीनगर (Srinagar) के एक सीनियर जज ने शिकायत की है कि एक जमानत अर्जी के विषय में हाईकोर्ट (JK High court) के एक जज की ओर से उन्हें कथित तौर पर प्रभावित करने की कोशिश की गई, जिसके बाद उन्होंने मामले की सुनवाई करने में अपनी असमर्थता प्रकट की.
श्रीनगर के प्रधान सत्र जज अब्दुल राशिद मलिक ने एक लिखित आदेश में आरोप लगाया है कि जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट के एक जज के सचिव ने उन्हें (हाईकोर्ट के) जज के इस निर्देश से अवगत कराने के लिए टेलीफोन किया कि वह सुनिश्चित करें कि एक आरोपी को जमानत नहीं दी जाए, जिसे एक गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया था.
विषय व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ- जज
इसके बाद मलिक ने इस विषय की सुनवाई करने में अपनी असमर्थता प्रकट की और सात दिसंबर के एक आदेश में कहा, ‘यह अर्जी इस अनुरोध के साथ रजिस्ट्रार जनरल, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट को सौंपी समझी जाए कि यह माननीय मुख्य जज के समक्ष रखी जाएगी क्योंकि यह विषय व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है. ’
राज्य के एक कानून अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने द्वितीय जिला एवं सत्र जज को जमानत अर्जी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि आरोपी को बुधवार को जमानत दी गई.
श्रीनगर के प्रधान सत्र जज अब्दुल राशिद मलिक ने एक लिखित आदेश में आरोप लगाया है कि जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट के एक जज के सचिव ने उन्हें (हाईकोर्ट के) जज के इस निर्देश से अवगत कराने के लिए टेलीफोन किया कि वह सुनिश्चित करें कि एक आरोपी को जमानत नहीं दी जाए, जिसे एक गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया था.
विषय व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ- जज
इसके बाद मलिक ने इस विषय की सुनवाई करने में अपनी असमर्थता प्रकट की और सात दिसंबर के एक आदेश में कहा, ‘यह अर्जी इस अनुरोध के साथ रजिस्ट्रार जनरल, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट को सौंपी समझी जाए कि यह माननीय मुख्य जज के समक्ष रखी जाएगी क्योंकि यह विषय व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है. ’
राज्य के एक कानून अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने द्वितीय जिला एवं सत्र जज को जमानत अर्जी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि आरोपी को बुधवार को जमानत दी गई.