देशभर में डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने बढ़ रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: AP)
नई दिल्ली. पूर्वानुमान लगाने वाली कंपनी ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स (Oxford Economics) ने बुधवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 के नए मामलों में कमी के बीच राज्यों द्वारा प्रतिबंध हटाने की रणनीति समझदारी भरी नहीं है क्योंकि कई राज्यों में कोविड टीकाकरण की रफ़्तार अभी भी काफी धीमी है. ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘हम सतर्क हैं. वर्ष 2021 में हमारा वृद्धि अनुमान भारत के लिए 9.1 प्रतिशत ही है.’ देश के कई राज्यों ने कोरोना के नए मामलों और पॉजिटिविटी दर में कमी के बाद कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दे दी है.
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा कि अधिक आबादी वाले और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों में सामाजिक दूरी के उपायों को आसान बनाने के लिए टीकाकरण की दर सुरक्षित समझे जाने वाले स्तरों से फिलहाल काफी नीचे है. उसने अपनी रिपोर्ट में यह भी माना कि आर्थिक प्रतिबंधों के वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान भी रहने की संभावना है. हालांकि उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज रफ्तार से प्रतिबंधों में ढील शुरू हो गई है.
राज्यों की खोलने की रणनीति समझदारी भरी नहीं है
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा, ‘हमें लगता है कि राज्यों की खोलने की रणनीति समझदारी भरी नहीं है और इससे कोरोना के मामलों में फिर वृद्धि हो सकती है, जिससे भविष्य में फिर प्रतिबंधों को लगाना पड़ सकता है.’
वैक्सीनेशन स्पीड बढ़ाने की कोशिश
भारत में अब दूसरी लहर का कहर कम होते देख कई राज्यों में अनलॉकिंग की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. इसी के साथ वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ाई जा रही है. 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन पूरे देश में 86 लाख से ज्यादा कोरोना वैक्सीनेशन हुआ है. माना जा रहा है कि अब वैक्सीनेशन की रफ्तार को लगातार तेज किया जाएगा. रिपोर्ट आई थी कि अगस्त से रोजाना एक करोड़ वैक्सीनेशन की शुरुआत की जा सकती है.
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