Delhi Air Pollution: दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 40% हुई, अब तक का सबसे ज्यादा स्तर

दिल्ली के ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई. (PTI)
Delhi Air Pollution: दिल्ली के ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई. यह इस मौसम में सबसे ज्यादा है. यह शनिवार को 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 फीसदी और गुरुवार को 36 प्रतिशत थी.
- News18Hindi
- Last Updated: November 2, 2020, 9:44 AM IST
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही वायु प्रदूषण (Air Pollution) में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसकी वजह दिल्ली से सटे राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए (Stubble Burning) जाने की घटनाओं को बताया जा रहा है. दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है. यह इस मौसम में सबसे ज्यादा स्तर है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने बताया कि यह इस सीजन का सर्वाधिक स्तर है जब राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर और गिर गया है. प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में चल रहा है.
सफर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब (उत्तर-पश्चिमी भारत) में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शनिवार तक पराली जलाने के 3,216 केस दर्ज किए गए. सफर का कहना है कि निचले स्तर पर हवा की गति, धूल उड़ना और कम आर्द्रता जैसे कुछ अन्य कारण भी हैं, जिनके कारण प्रदूषण के लिहाज से हालात प्रतिकूल हैं. हालांकि, सफर के अनुसार एक सकारात्मक संकेत यह है कि हवा की दिशा पश्चिम की ओर होने को है.
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दिल्ली के ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई. यह इस मौसम में सबसे ज्यादा है. यह शनिवार को 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 फीसदी और गुरुवार को 36 प्रतिशत थी.
शहर में रविवार को दोपहर 3 बजे एक्यूआई 370 था. शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 367 रहा. यह शुक्रवार को 374, गुरुवार को 395 और बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 था. बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच को 'मध्यम', 201 और 300 के बीच को 'खराब', 301 और 400 के बीच को 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है.
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एजेंसी ने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में सोमवार तक थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है. हालांकि, मंगलवार को वायु गुणवत्ता फिर खराब होने की संभावना है. यह बहुत खराब स्तर की उच्च सीमा तक या गंभीर श्रेणी में भी हो सकती है. (PTI इनपुट के साथ)
सफर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब (उत्तर-पश्चिमी भारत) में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शनिवार तक पराली जलाने के 3,216 केस दर्ज किए गए. सफर का कहना है कि निचले स्तर पर हवा की गति, धूल उड़ना और कम आर्द्रता जैसे कुछ अन्य कारण भी हैं, जिनके कारण प्रदूषण के लिहाज से हालात प्रतिकूल हैं. हालांकि, सफर के अनुसार एक सकारात्मक संकेत यह है कि हवा की दिशा पश्चिम की ओर होने को है.
Delhi: Pollution continues to affect the quality of air in the national capital.
Air Quality Index at 302 in ITO, in 'very poor' category, according to the Central Pollution Control Board (CPCB) data. pic.twitter.com/FDHTQY0Uyt— ANI (@ANI) November 2, 2020
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दिल्ली के ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई. यह इस मौसम में सबसे ज्यादा है. यह शनिवार को 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 फीसदी और गुरुवार को 36 प्रतिशत थी.
सफर के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एक नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी जो सबसे ज्यादा थी. नासा के उपग्रहों से ली गई तस्वीरों में दिख रहा है कि पंजाब और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में पराली जल रही है.
शहर में रविवार को दोपहर 3 बजे एक्यूआई 370 था. शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 367 रहा. यह शुक्रवार को 374, गुरुवार को 395 और बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 था. बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच को 'मध्यम', 201 और 300 के बीच को 'खराब', 301 और 400 के बीच को 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है.
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एजेंसी ने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में सोमवार तक थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है. हालांकि, मंगलवार को वायु गुणवत्ता फिर खराब होने की संभावना है. यह बहुत खराब स्तर की उच्च सीमा तक या गंभीर श्रेणी में भी हो सकती है. (PTI इनपुट के साथ)