नागरिकता संशोधन विधेयक से नाराज छात्रों ने कॉटन यूनिवर्सिटी में BJP को किया प्रतिबंधित
भाषा Updated: December 3, 2019, 6:48 AM IST

नागरिकता संशोधन विधेयक से नाराज छात्रों ने कॉटन यूनिवर्सिटी में BJP के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है.
कॉटन यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महासचिव राहुल बोरोदोलोई (Rahul Bordoloi) ने असम के सभी विधायकों, सांसदों और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से विधेयक के खिलाफ खड़े होने का आग्रह किया.
- भाषा
- Last Updated: December 3, 2019, 6:48 AM IST
गुवाहाटी. नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) को लेकर देश के पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध बढ़ता जा रहा है. कॉटन यूनिवर्सिटी छात्र संघ और इसके पूर्व छात्र संगठन ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में विश्वविद्यालय परिसर में बीजेपी और आरएसएस के सदस्यों का प्रवेश निषेध करने की घोषणा की.
इससे पहले रविवार को डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्रसंघ ने कहा था कि वह विधेयक के विरोध में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों को परिसर में नहीं घुसने देगा.
कॉटन यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महासचिव राहुल बोरोदोलोई ने असम के सभी विधायकों, सांसदों और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से विधेयक के खिलाफ खड़े होने का आग्रह किया.
छात्रसंघ और पूर्व छात्र संगठन ने एक बैठक में भाजपा, आरएसएस और विधेयक का समर्थन करने वाले अन्य संगठनों के सदस्यों का परिसर में प्रवेश निषेध करने की घोषणा की.गौरतलब है कि सरकार ने एक बार फिर संसद के शीतकालीन सत्र में 2016 नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करने का फैसला किया है. पिछली बार ये बिल सिर्फ लोकसभा में पारित हो सका था. मोदी सरकार इस बिल को राज्यसभा में पेश नहीं कर सकी थी.
वहीं सरकार ने जैसे ही इस बिल को संसद में एक बार फिर से पेश करने की तैयारी शुरू की, इसके खिलाफ विरोध की आवाज़ें उठने लगीं. खासकर नॉर्थ-ईस्ट में तो कोहराम मचा हुआ है. यहां हर दिन सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
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इससे पहले रविवार को डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्रसंघ ने कहा था कि वह विधेयक के विरोध में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों को परिसर में नहीं घुसने देगा.
कॉटन यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महासचिव राहुल बोरोदोलोई ने असम के सभी विधायकों, सांसदों और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से विधेयक के खिलाफ खड़े होने का आग्रह किया.
छात्रसंघ और पूर्व छात्र संगठन ने एक बैठक में भाजपा, आरएसएस और विधेयक का समर्थन करने वाले अन्य संगठनों के सदस्यों का परिसर में प्रवेश निषेध करने की घोषणा की.गौरतलब है कि सरकार ने एक बार फिर संसद के शीतकालीन सत्र में 2016 नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करने का फैसला किया है. पिछली बार ये बिल सिर्फ लोकसभा में पारित हो सका था. मोदी सरकार इस बिल को राज्यसभा में पेश नहीं कर सकी थी.
वहीं सरकार ने जैसे ही इस बिल को संसद में एक बार फिर से पेश करने की तैयारी शुरू की, इसके खिलाफ विरोध की आवाज़ें उठने लगीं. खासकर नॉर्थ-ईस्ट में तो कोहराम मचा हुआ है. यहां हर दिन सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
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First published: December 3, 2019, 6:48 AM IST