साल 2021 में देश भर में नशे की लत के कारण 10,560 सुसाइड के मामले दर्ज हुए. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली. देश में नशे की लत एक गंभीर समस्या है. नशीली दवाओं के दुरुपयोग और शराब की लत के कारण आत्महत्या के आंकड़े डरावनी स्थिति को बयां कर रहे हैं. नशे की लत के कारण सुसाइड के मामले 2021 में पहली बार 10 हजार को पार कर गए हैं. आंकड़े के हिसाब से देखा जाए तो औसतन हर घंटे एक से अधिक मौतें हुई है. TOI के मुताबिक 2021 में देश भर में नशे की लत के कारण 10,560 सुसाइड के मामले दर्ज हुए हैं, जोकि 2020 की तुलना में 15 प्रतिशत से भी अधिक है. साल 2020 में 9,169 मामले दर्ज किए गए थे. साल 2021 में केवल पांच राज्यों में 78 प्रतिशत से अधिक मामले दर्ज हुए हैं. इसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल शामिल हैं.
NCRB की रिपोर्ट में महाराष्ट्र पिछले कुछ सालों में लगातार इस मामले में सबसे ऊपर रहा है. राज्य में साल 2021 में 2,818 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है, जहां कुल 1,634 लोगों की मौत इस कारण हुई. कर्नाटक में जहां 2015 में 100 से कम मामले थे, वहां अधिक वृद्धि देखी गई है. अन्य तीन राज्यों में भी लगातार वृद्धि देखी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि नशा “अंतिम कारण” के रूप में काम कर सकता है, जबकि मानसिक स्थितियों, पारिवारिक समस्याओं और आर्थिक परेशानियों जैसे मुद्दे पीड़ितों को यह कदम उठाने की ओर धकेल सकते हैं.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 1995 में ऐसी मौतों के आंकड़े को अलग करना शुरू किया था, जब नशे के कारण 745 आत्महत्याएं हुई थी. 2016 के बाद से नशे से प्रेरित आत्महत्याओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. प्रत्येक वर्ष कम से कम 1,000 और मामले जुड़ते जा रहे हैं.
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