मुसलमानों में बहुविवाह और ‘निकाह हलाला’ की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिाक पर सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ गठन करेगा.
नई दिल्ली: मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला और मुताह पर बैन लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संविधान पीठ का जल्द गठन करने पर अपनी सहमति दे दी है. हालांकि, अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जल्द ही मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला और मुताह के मामलों पर सुनवाई के लिए तारीख तय की जाएगी.
दरअसल, याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है. याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला, और मुताह प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि मुस्लिमों में प्रचलित ये प्रथाएं अवैध व असंवैधानिक हैं.
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याचिका में कहा गया है कि निकाह-हलाला की प्रथा में एक तलाकशुदा महिला को पहले किसी और से शादी करना होती है. इसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपने पहले पति से फिर शादी करने के लिए तलाक लेना पड़ता है. दूसरी ओर बहुविवाह एक ही समय में एक से अधिक पत्नी या पति होने की प्रथा है.
याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में बहुविवाह और ‘निकाह हलाला’ को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. बता दें कि शीर्ष अदालत ने जुलाई 2018 में उनकी याचिका पर विचार किया था और इस मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया था जो पहले से ही ऐसी ही याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.
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