राफेल डील पर मोदी सरकार को बड़ी राहत, SC ने खारिज की सभी पुनर्विचार याचिकाएं
News18Hindi Updated: November 14, 2019, 2:17 PM IST

राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पुनर्विचार याचिकाएं की खारिज
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राफेल डील (Rafale Deal) मामले में दायर की गई सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
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- Last Updated: November 14, 2019, 2:17 PM IST
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राफेल डील Rafale Deal) मामले में मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अगुवाई वाली बेंच ने राफेल मामले में दायर की गई सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने 14 राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को वैध मानते हुए 14 दिसंबर, 2018 के अपने फैसले को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की सौदे की प्रक्रिया में गड़बड़ी की दलीलों को खारिज कर दिया है.
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हमें ऐसा नहीं लगता कि इस मामले में किसी तरह की कोई जांच होनी चाहिए. बेंच ने कहा कि हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि अभी इस मामले में कॉन्ट्रैक्ट चल रहा है. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा हरफनामे में हुई भूल को भी स्वीकार किया है.
बता दें कि राफेल सौदे मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशंवत सिन्हा और अरुण शौरी की ओर पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थी. इनमें 14 दिसंबर, 2018 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई थी, जिसमें फ्रांस की कंपनी ‘दसॉ’ से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के केंद्र के राफेल सौदे को क्लीन चिट दी गई थी.पुनर्विचार याचिका में क्या था
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाए गए थे. ‘लीक’ दस्तावेज का हवाला देते हुए आरोप लगाए गए कि इस डील में पीएमओ ने रक्षा मंत्रालय को भी भरोसे में नहीं लिया. कोर्ट में विमानों की कीमत को लेकर भी याचिका डाली गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह ठोस सबूतों के बगैर इस मामले में दखल नहीं देगी.
इस बेंच ने सुनाया फैसलाइस मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने फैसला सुनाया है. पीठ ने इस मामले में 10 मई को ही सुनवाई पूरी कर ली थी. पीठ ने कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा.
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चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हमें ऐसा नहीं लगता कि इस मामले में किसी तरह की कोई जांच होनी चाहिए. बेंच ने कहा कि हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि अभी इस मामले में कॉन्ट्रैक्ट चल रहा है. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा हरफनामे में हुई भूल को भी स्वीकार किया है.
बता दें कि राफेल सौदे मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशंवत सिन्हा और अरुण शौरी की ओर पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थी. इनमें 14 दिसंबर, 2018 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई थी, जिसमें फ्रांस की कंपनी ‘दसॉ’ से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के केंद्र के राफेल सौदे को क्लीन चिट दी गई थी.पुनर्विचार याचिका में क्या था
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाए गए थे. ‘लीक’ दस्तावेज का हवाला देते हुए आरोप लगाए गए कि इस डील में पीएमओ ने रक्षा मंत्रालय को भी भरोसे में नहीं लिया. कोर्ट में विमानों की कीमत को लेकर भी याचिका डाली गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह ठोस सबूतों के बगैर इस मामले में दखल नहीं देगी.
इस बेंच ने सुनाया फैसला
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First published: November 14, 2019, 11:24 AM IST
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