SC ने डिजिटल मीडिया नियमों पर केंद्र को दी ये सलाह, अपर्णा पुरोहित को राहत

न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर केन्द्र के नियमन महज दिशानिर्देश हैं, इनमें डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई प्रावधान नहीं हैं. (फाइल फोटो)
Digital Media Guidelines: केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता (Tushan Mehta) ने कहा कि सरकार उचित कदमों पर विचार करेगी, डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए किसी भी तरह के नियमों को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated: March 5, 2021, 4:12 PM IST
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया (Social Media) के नियमन पर केंद्र के दिशानिर्देशों (Guidelines) में अनुचित विषयवस्तु दिखाने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platforms) के खिलाफ उचित कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं हैं. न्यायालय ने वेब सीरीज तांडव (Tandav) को लेकर दर्ज प्राथमिकियों पर अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) की भारत प्रमुख अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की.
न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी की पीठ ने वेब सीरीज तांडव को लेकर दर्ज प्राथमिकियों पर अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाली पुरोहित की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया. न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर केंद्र के नियमन महज दिशानिर्देश हैं, इनमें डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई प्रावधान नहीं हैं.
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार उचित कदमों पर विचार करेगी, डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए किसी भी तरह के नियमों को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने पुरोहित को अपनी याचिका में केंद्र को भी पक्षकार बनाने को कहा. कोर्ट ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर अभियोजन के लिए कुछ प्रावधान होने चाहिए. साथ ही कोर्ट ने मेहता से सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की सामग्री को नियंत्रित करने के लिए कानून लाने पर विचार करने के लिए कहा.
हाई कोर्ट ने पुरोहित को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से मना कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने बीती 25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने अमेजन प्राइम की शीर्ष एग्जीक्यूटिव के खिलाफ धार्मिक भावनाओं के ठेस पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. तांडव, नौ कड़ियों वाली एक वेब श्रंखला है जिसमें बालीवुड अभिनेता सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया और मोहम्म्द जीशान अय्यूब ने अभिनय किया है. पुरोहित पर उत्तर प्रदेश पुलिस का अनुचित चित्रण करना,और हिंदू देवी देवताओं के बारे में अपमानजनक बात दिखाने के आरोप हैं.
इसके साथ ही गुरुवार को नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट की स्क्रीनिंग की बात का भी समर्थन किया. नए नियमों के मुताबिक, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया को प्रकाशित की जाने वाली चीजों की जानकारी का खुलासा करना अनिवार्य है. साथ ही कंपनी को अपने सब्सक्राइबर का डेटा भी देना होगा. साथ ही कंपनी को शिकायत के संबंध में एक व्यवस्था तैयार करनी होगी. (भाषा इनपुट के साथ)
न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी की पीठ ने वेब सीरीज तांडव को लेकर दर्ज प्राथमिकियों पर अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाली पुरोहित की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया. न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर केंद्र के नियमन महज दिशानिर्देश हैं, इनमें डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई प्रावधान नहीं हैं.
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार उचित कदमों पर विचार करेगी, डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए किसी भी तरह के नियमों को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने पुरोहित को अपनी याचिका में केंद्र को भी पक्षकार बनाने को कहा. कोर्ट ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर अभियोजन के लिए कुछ प्रावधान होने चाहिए. साथ ही कोर्ट ने मेहता से सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की सामग्री को नियंत्रित करने के लिए कानून लाने पर विचार करने के लिए कहा.
इसके साथ ही गुरुवार को नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट की स्क्रीनिंग की बात का भी समर्थन किया. नए नियमों के मुताबिक, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया को प्रकाशित की जाने वाली चीजों की जानकारी का खुलासा करना अनिवार्य है. साथ ही कंपनी को अपने सब्सक्राइबर का डेटा भी देना होगा. साथ ही कंपनी को शिकायत के संबंध में एक व्यवस्था तैयार करनी होगी. (भाषा इनपुट के साथ)